जनवाणी संवाददाता |
सहारनपुर: साल 2009 में केंद्रीय चुनाव आयोग ने मतदाताओं को नोटा(नन आॅफ दी अब्व) यानि की ‘इनमें से कोई भी नहीं का विकल्प दिया था। इस विकल्प का उपयोग मतदाता उस परिस्थिति में करते हैं, जब उन्हें उनकी सीट पर चुनावी मैदान में डटा कोई भी प्रत्याशी पंसद नहीं होता है। हालांकि नोटा विकल्प का चुनाव परिणाम पर कोई असर नहीं पड़ता है।
लेकिन सहारनपुर की 7 विधानसभा सीटों पर कई प्रत्याशी नोटा से भी नहीं जीत सके। जनपद की सभी सातों विधानसभा सीटों पर सबसे अधिक नोटा का प्रयोग बेहट विधानसभा में किया गया।
गुरुवार को जनपद की सभी विधानसभा सीटों के नतीजे घोषित हो गए। इन नतीजों में सत्ताधीश पार्टी भाजपा ने पांच व सपा ने दो सीटों पर जीत हासिल की। जबकि बसपा व कांग्रेस कोई भी सीट जीतने में नाकाम रही। जबकि नतीजों के बाद दिलचस्प बात यह रही कि सभी सीटों पर कई प्रत्याशी ऐसे रहे जो नोटा से भी जीत नहीं पाए।
बात अगर प्रदेश की नंबर वन विधानसभा सीट बेहट की बात करें तो यहां पर सबसे अधिक 1117 लोगों ने नोटा का इस्तेमाल किया। जबकि तीनों निर्दलीय प्रत्याशियों को नोटा से भी कम वोट मिले। नकुड़ विधानसभा ने चार बार के विधायक रहे व पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी को नोटा ने बड़ा झटका दिया। यहां पर 710 लोगों ने नोटा का प्रयोग किया।
जबकि प्रत्याशियों में जीत का अंतर मात्र 315 मतों का रहा। यहां पर भी पांच उम्मीदवार नोटा को नहीं हरा सके। मतलब कि उन्हें नोटा से भी कम मत प्राप्त हुए। देवंबद विधानसभा सीट पर कुल 729 लोगों ने नोटा का प्रयोग किया। यहां पर एक निर्दलीय प्रत्याशी सहित कुल चार उम्मीदवारों को नोटा से कम मत प्राप्त हुए। जनपद की दूसरे नंबर की हॉट सीट नगर विधानसभा सीट पर कुल 753 मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल करते हुए सभी प्रत्याशियों को नकारा।
तो सबसे अधिक 8 उम्मीदवार नोटा मतों को पार नहीं कर सके। देहात विधानसभा सीट पर 923 लोगों ने नोटा को अपनी पंसद बनाया। यहां पर भी 8 उम्मीदवार नोटा से नहीं जीत सके। जबकि यही से चुनाव लड़ रहे भारत राष्ट्र डेमोक्रेटिक पार्टी के मेवालाल व निर्दलीय प्रत्याशी पिंकी तो तीन अंकों में भी मत प्राप्त करने में असफल रहे।
सुरक्षित सीट रामपुरन मनिहारन पर 670 लोगों ने नोटा विकल्प का प्रयोग किया। जबकि दो उम्मीदवारों को ही नोटा से कम वोट प्राप्त हुए। गंगोह विधानसभा सीट पर सबसे कम प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे। यहां पर 604 लोगों ने नोटा का इस्तेमाल किया। जबकि दो उम्मीदवारों को नोटा से कम मत प्राप्त हुए।