Sunday, August 17, 2025
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तीन साल से चुप कुलपति तीन माह में क्यों भरना चाहते थे खाली पद?

  • ढाई साल पहले ही मिल गई थी नियुक्ति करने को स्वीकृति

जनवाणी संवाददाता |

मोदीपुरम: सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरके मित्तल तीन साल से तो चुप थे, लेकिन आखिरी समय के तीन माह में विवि के अंदर खाली पदों को क्यों भरना चाहते हैं। यह सवाल कुलपति की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिह्न खड़ा करता है। विवि के कुलपति प्रो. आरके मित्तल ने 14 जुलाई 2019 को विवि ज्वाइन किया गया था।

जिसके बाद कुलपति विवि में शोध प्रसार के लिए काम करने का दावा करते रहे हैं, लेकिन कुलपति के कार्यकाल में जहां शोध प्रसार और तकनीकी कार्य पर ग्रहण लग गया। वहीं, रैगिंग के मामले में भी कृषि विवि की छवि धूमिल हुई है। विवि के कुलपति का 14 जुलाई 2022 को कार्यकाल समाप्त हो रहा है।

ऐसे में विवि के कुलपति ने जल्दी-जल्दी प्रबंध समिति की बैठक बुलाकर नियुक्तियों को करने का प्रयास शुरू कर दिया। हालांकि यह नियुक्ति करने के लिए विवि में ढाई साल से स्वीकृति है, लेकिन उसके बाद भी कृषि विवि के कुलपति ढाई साल से चुप रहे, लेकिन आखिरी के तीन माह में विवि के कुलपति नियुक्ति प्रक्रिया को करने में गति दिखाने लगे।

कुलपति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को भी विवि में विभिन्न कार्यक्रमों में बुलाकर नियुक्ति प्रक्रिया सम्बंधी समस्याओं को दूर कराने में जरूर लगे रहे, लेकिन आखिरी और अंतिम समय में कुलपति टीचिंग और नॉन टीचिंग की लगभग 200 नियुक्ति करने में लगे हुए हैं।

इन पदों की होनी है नियुक्ति

कृषि विवि में असिस्टेंट प्रोफेसर, विषय वस्तु विशेषज्ञ, कृषि विज्ञान केंद्रों पर ड्राइवर स्टैनो ग्राफर, क्लर्क और चपरासी की भर्ती होनी है। कुलपति समय रहते इन नियुक्तियों को नहीं कर पाए, लेकिन आखिरी समय में कुलपति द्वारा इन नियुक्तियों को करने में ज्यादा ही जल्द बाजी कर दी गई है। जिसके चलते हड़कंप मच गया। माना जा रहा है कि विवि के कुलपति की निगाह पहले से ही विवि की इन नियुक्तियों को लेकर थी।

शिकायत के बाद रुकी नियुक्ति प्रक्रिया

कृषि विवि में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति करने में कुलपति लगे हुए थे। हालांकि सात और आठ जून को विवि में होने वाले साक्षात्कार को विवि द्वारा अपहारिए कारण बताते हुए अग्रिम आदेश तक स्थगित कर दिया। हालांकि इन नियुक्तियों की शिकायत क्षेत्रीय विधायक से लेकर सच संस्था के अध्यक्ष संदीप पहल और शास्त्रीनगर निवासी सुनील तनेजा ने की थी।

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