Saturday, August 9, 2025
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कैसा हो हमारा नाश्ता


खुंजरि देवांगन |

मैट्रो शहरों की तेज रफ्तार जीवन शैली ने लोगों की दिनचर्या को बहुत अधिक प्रभावित किया है। इससे रहन-सहन और खान-पान की आदतों में बड़ी तेजी से बदलाव आए हैं। आज के टीनएजर्स, युवा और कामकाजी महिलाएं सुबह के नाश्ते को नजरअंदाज कर घर से स्कूल, कॉलेज या फिर आॅफिस की ओर निकल जाते हैं। शरीर के लिए सुबह का नाश्ता कितना जरूरी है, यह सब जानने के बावजूद भी कई लोग सुबह के नाश्ते को नजरअंदाज कर काम पर निकल पड़ते हैं जो बहुत हानिकारक है।

सुबह का नाश्ता हमें हृदयाघात, अल्सर, शुगर, मोटापा आदि बीमारियों से बचा सकता है। बड़े-बुजुर्गों को आपने घर में कहते हुए सुना होगा कि सुबह का नाश्ता कभी भी नहीं छोड़ना चाहिए लेकिन अपने रहन-सहन और खान-पान की गलत आदतों के चलते आज लोग अपने दिन की शुरूआत ही खुद को भूखा रखकर करते हैं। जो लोग सुबह का नाश्ता किए बिना ही घर से निकल जाते हैं, वे सावधान हो जाएं क्योंकि ऐसा करना उनके स्वास्थ्य के लिए खतरे की घंटी है। हाल ही में हुए शोधों से पता चला है कि सुबह का नाश्ता छोड़ने की बुरी आदत लोगों में प्रचलित हो रही है और उसके दुष्परिणाम भी लोगों के सामने आ रहे हैं।

मैमोरियल यूनिवर्सिटी में शोध करने वाले सेंटजान्स न्यूफाउंडलैंड की स्टडी के अनुसार बहुत हल्का और कम फैट वाला नाश्ता सुबह के वक्त अधिक सक्रि य रहने वाले प्लेटलेट्स को बिगड़ने से बचाता है। शोध में इन्हीं बातों पर प्रकाश डाला गया है कि एक सिंपल प्लान बनाकर आप अनाज, जौ का दलिया, अंगूरों का रस, संतरे का जूस आदि लेते हैं तो वे आपके प्लेटलेट्स को एक साथ सक्रिय होने से रोकेंगे जिससे ब्लड क्लाट नहीं बनेंगे और इस तरह हार्टअटैक, दौरे आदि से बचाव होगा। इसलिए कभी भी सुबह का नाश्ता न छोड़ें।

सुबह का नाश्ता जिसे अंग्रेजी में ब्रेकफास्ट कहा जाता है, में ब्रेक का अर्थ है तोड़ना और फास्ट का अर्थ है उपवास, अर्थात रात्रि के भोजन के एक लंबे अंतराल के बाद सुबह जब हम अपने शरीर को पोषक आहार द्वारा ऊर्जा प्रदान कराते हैं, तो हम रात से चले आ रहे अपने उपवास को ही तोड़ते हैं। अगर देखा जाए तो रात के भोजन के बाद लगभग आठ-दस घंटे नींद पूरी करने के बाद जब हम सुबह उठते हैं तो उस वक्त तक शरीर में रात का खाना पच चुका होता है। ऐसे में शरीर को सुबह ऊर्जा प्राप्ति के लिए ब्रेकफास्ट की सख्त जरूरत होती है। ऐसे में अगर हम जल्दबाजी में सुबह के नाश्ते को अनदेखा कर काम पर निकल जाते हैं तो शरीर में कमजोरी, थकान के अलावा एसिडिटी भी होने लगती है जो आंतों को हानि पहुंचाती है।

ब्रेकफास्ट को लगातार छोड़ने के दुष्परिणाम जल्द ही सामने आने लगते हैं और शरीर को कई तरह की बीमारियां घेरने लगती हैं जिनमें पेट का अल्सर, हृदयाघात, शुगर, अस्थमा, मोटापा आदि प्रमुख हैं। यदि हम सुबह का नाश्ता छोड़ देते हैं तो खाली पेट रहने से शरीर में संचित ग्लूकोज पर ही हमें निर्भर रहना पड़ता है जिससे रक्त में ग्लूकोज का स्तर असंतुलित हो जाता है और शरीर में कमजोरी महसूस होने लगती है। पूरे दिन काम करना बहुत ही मुश्किल हो जाता है और कमजोरी, थकावट, चक्कर आना, घबराहट आदि समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं।

सुबह का नाश्ता सारे दिन एक्टिव रखता है, इसलिए इसका पोषक और संतुलित होना बहुत जरूरी है। सुबह मिल्कशेक, दही, लस्सी या फलों का जूस भी ले सकते हैं। जहां तक हो सके, बाहर का जूस न ही पिएं और अगर पीना ही है तो ऐसी दुकान से पिएं जहां साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा जाता हो। लोग खाली पेट ही कार्यस्थलों पर निकल जाते हैं, फिर बाहर से कुछ उल्टा-सीधा लेकर खाते हैं या फिर जंक फूड को महत्त्व देते हैं जिससे शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की कमी होने लगती है, साथ ही स्टेमिना भी कम होने लगता है। अनेक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी सामने आने लगती हैं।


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