
जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: महाराष्ट्र सिविल डिफेंस के निदेशक प्रभात कुमार ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत के दौरान एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने बताया कि 7 मई को राज्य के तटीय क्षेत्रों में मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा, जिसका उद्देश्य आपदा के समय त्वरित प्रतिक्रिया और जनसुरक्षा व्यवस्था की जांच करना है।
प्रभात कुमार ने बताया कि वर्ष 2010 तक सिविल डिफेंस का प्रमुख उद्देश्य युद्ध जैसी स्थितियों में वालंटियर्स की भर्ती और प्रशिक्षण था, लेकिन 2010 के बाद इसमें आपदा प्रबंधन को भी शामिल कर लिया गया है। वर्तमान समय में सिविल डिफेंस प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, चक्रवात, भूकंप आदि के समय राहत कार्यों में अहम भूमिका निभा रहा है।
कहां-कहां होगा मॉक ड्रिल?
निदेशक के अनुसार, मॉक ड्रिल मुख्यतः तटीय जिलों में आयोजित की जाएगी, जिसमें नागरिकों को भी जागरूक किया जाएगा कि आपातकालीन स्थिति में उन्हें कैसे प्रतिक्रिया देनी चाहिए।
उद्देश्य
- आपदा के समय प्राथमिक प्रतिक्रिया तंत्र की जांच
- वालंटियर्स और स्थानीय प्रशासन के बीच सामंजस्य
- नागरिकों को आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग देना
- जनता को सायरन, चेतावनी संकेतों और बचाव प्रक्रियाओं से परिचित कराना
सहयोग में रहेंगे
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, स्थानीय पुलिस, दमकल विभाग, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियां भी इस मॉक ड्रिल में शामिल रहेंगी।
मॉक ड्रिल के दौरान इन चीजों का प्रशिक्षण दिया जाएगा
1. हवाई हमले के सायरन की जांच और उसके प्रति जागरूकता का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
2. हमले की स्थिति में नागरिकों और छात्रों को अलर्ट करना।
3. हवाई हमले के दौरान ब्लैकआउट यानी लाइट बंद करने का अभ्यास।
4. दुश्मन के विमानों से बचाव के लिए संयंत्रों को ढंकने और छुपाने की ट्रेनिंग।
5. हमले के संभावित स्थानों को खाली कराने का रिहर्सल।