Wednesday, May 14, 2025
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…और कश्मीर से मेरठ खींच लाई मौत

  • पहली बार घर से 602 किमी दूर आये, अब क्या होगा पता नहीं

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या होगा कि जिस श्रमिक शमशेर ने दोस्त के मेरठ सकुशल पहुंचने की खबर उसके घर वालों को दी थी, उसी श्रमिक ने रोते हुए दोस्त के दुनिया छोड़ देने की खबर जब फोन करके देना शुरु की तो उसके हाथ से मोबाइल गिर गया और उसकी आंखों से आंसुओं की धारा बहने लगी।

शमशेर के गाल और माथे पर चोट के निशान साफ दिख रहे हैं और साफ लग रहा था कि जिस वक्त दीवार और लिंटर भरभरा कर गिरा, उससे बच कर निकल कर आया होगा। श्रमिकों ने बताया कि पहली बार घर से 602 किलोमीटर दूर परिवार को पालने के लिये आए थे, यह उम्मीद नहीं थी कि पेट भरने के बदले मौत मिलेगी।

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जम्मू से परिवार का गुजारा करने के लिए हर वर्ष श्रमिक दौराला में जनशक्ति कोल्ड स्टोर पर आते थे, लेकिन इस बार उन्हे क्या पता था कि वह परिवार का लालन पोषण करने के लिए जहां आए है। उन्हे चंद घंटों में ही मौत मिल जाएगी। आलू के सीजन में यह श्रमिक हर वर्ष जम्मू से आकर यहां श्रमिकी करते थे। शनिवार को यह कोल्ड स्टोर चालू होना था। इसके चालू होने से पूर्व मरम्मत का कार्य किया जा रहा था।

महज कुछ घंटों पहले ही यह श्रमिक जम्मू से दौराला कोल्ड स्टोर पर पहुंचे थे। उधमपुर का रहने वाला ठेकेदार जगदीश इन श्रमिकों को लेकर यहां आया था। कोल्ड स्टोर के रजिस्ट्रर में इन श्रमिकों की एंट्री भी नहीं हुई थी। अचानक कोल्ड स्टोर पर अमोनिया गैस के पाइप का रिसाव हो गया। जिसके चलते बॉयलर फट गया और उसके फटते ही वहां बैठे श्रमिक लिंटर गिरने से उसके नीचे दब गए और दबकर उनकी मौत हो गई।

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इस दर्दनाक हादसे की सूचना जैसे ही आसपास के लोगों को मिली तो वह सहम गए। इस दुखद घटना के कई घंटों बाद भी किसी को पता नहीं चल पा रहा था कि श्रमिकों को लेकर आया ठेकेदार कहां है। अधिकारियों और केन्द्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान तक ने कहा कि ठेकेदार फरार हो गया है। काफी मशक्कत के बाद ठेकेदार जगदीश का पता लगा और उससे पूछा गया कि कौन कौन घायल हुए हैं

और किनकी मौत हुई है तो उसका कहना था कि उसके पास कोई नाम नहीं है, क्योंकि रजिस्टर तो मलबे में दब गया है। ठेकेदार के चेहरे की हवाइयां उड़ी हुई थी और उसका कहना था कि उसे उम्मीद नहीं थी कि उसकी इस बार की यात्रा इतनी खूनी होगी। ठेकेदार ने देर शाम खुद एसडीएस ग्लोबल और फ्यूचर प्लस अस्पताल जाकर घायलों और मृतकों के नाम प्रशासन को बताया। एसएसपी रोहित सजवाण ने बताया कि मृतकों के परिवार को सूचना दे दी गई है और बहुत जल्द परिजन मेरठ आ जाएंगे।

चीख-पुकार के बीच निकाले गए शव

हादसे के बाद से अफरातफरी का माहौल देखने को मिला। चीख-पुकार के बीच मलबे में दबे शवों को निकाला गया। श्रमिकों के शवों को निकालते हुए पुलिस कर्मचारी की रुह कांप उठी। आसपास के लोग भी इस नजारे को देखकर हैरत में थे। एक के बाद एक एंबुलेंस घटना स्थल पर आती रही और शवों को ले जाती रही। एंबुलेंस के सायरन को सुनकर लोगों की सांस अटकती रही। हादसे के बाद घायल श्रमिकों को एसडीएस ग्लोबल अस्पताल, फ्यूचर प्लस और मेडिकल, जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।

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इस दर्दनाक हादसे को प्रशासन ने पूरी गंभीरता से लिया। समय रहते ही घायल श्रमिकों को उपचार दिया गया और उनकी जान बच गई। अगर लापरवाही होती तो शायद और भी श्रमिकों की जान जा सकती थी, लेकिन समय रहते प्रशासन द्वारा समय से पूर्व ही उपचार कराया गया और अधिकारी बार-बार अस्पातल में मॉनिटीरिंग चिकित्सकों से करते हुए नजर आए। श्रमिकों के परिवार के लोग भी बार-बार मोबाइल पर फोन करके जानकारी लेते हुए नजर आए।

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