Wednesday, July 9, 2025
- Advertisement -

Meerut News: फोर्स मिलते ही कैंट में संचालित 46 डेयरियों पर चलेगा चाबुक

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: कैंट क्षेत्र में रक्षा मंत्रालय द्वारा डेयरियों के संचालन पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। बावजूद इसके पूरे इलाके में बड़ी संख्या में अवैध रूप से डेयरियों का संचालन किया जा रहा है। डेयरियों के खिलाफ छावनी परिषद् ने कुछ दिन पहले अभियान चलाया था, लेकिन फोर्स नहीं मिलने की वजह से इसे बीच में रोकना पड़ा। अब कैंट बोर्ड फिर से डेयरियों को बंद कराने के लिए अभियान चलाने को तैयार है, बस फोर्स मिलने की देर है।

कैंट बोर्ड की जमीन का कुल क्षेत्रफल 35.68 हेक्टेयर है जिसमें बंगला एरिया का क्षेत्र 318.55 हेक्टेयर है। इस इलाके में करीब 72194 की आबादी रहती है। इतनी बड़ी आबादी की दूध की जरूरत पूरी करने के लिए रजबन, तोपखाना व लालकुर्ती क्षेत्रों में डेयरियों का संचालन होता है, लेकिन इन डेयरियों से निकलने वाली गंदगी से पूरा कैंट इलाका दूषित होता है। इसको ध्यान में रखते हुए छावनी परिषद् डेयरियों के संचालन पर रोक लगा रहा है। कुछ दिन पहले ही कैंट बोर्ड ने अभियान चलाकर लालकुर्ती व रजबन इलाकों में 20 डेयरियों को बंद कराया था जबकि अभी भी 46 डेयरियां संचालित हो रही है। कैंट बोर्ड ने अब फिर से संचालित हो रही डेयरियों को हटाने की कवायत शुरू की है। फोर्स मिलते ही इन डेयरियों पर छावनी परिषद् का चाबुक चलने वाला है।

डेयरियों के बंद होने के बाद कैसे होगी दूध की पूर्ति

भले ही छावनी परिषद् पूरे क्षेत्र से डेयरियों को बाहर करने की तैयारी कर रहा है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि डेयरियों के बंद होने के बाद यहां रहने वाली आम जनता को दूध कहां और कैसे मिलेगा। अभी भी ज्यादातर लोग गाय-भैंस के दूध को ही इस्तेमाल करना पसंद करते है। ऐसे में डेयरियां बंद होने के बाद पराग व अमूल जैसी कंपनियों पर निर्भता बढ़ना लाजमी है। वहीं, डेयरियों के संचालन से जो परिवार अपनी पेट भरते है उनके सामने भी रोजी-रोटी का संकट पैदा हो जाएगा। वहीं, शहरी क्षेत्रों में चलने वाली डेयरियां भी दूध की मांग को पूरा करने में इतनी सक्षम नहीं है कि वह कैंट इलाके में रहने वाली जनता को दूध सप्लाई कर सके। छावनी परिषद् जल्द ही अभियान चलाकर सभी डेयरियों को बंद करने जा रहा है, बस प्रशासन से पुलिस फोर्स मिलने की देर है। इसके लिए हमने जिलाधिकारी से फोर्स उपलब्ध कराने की मांग की है।

-जयपाल तोमर, पीआरओ, छावनी परिषद् मेरठ।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

उम्र बढ़ने के साथ खानपान में बदलवा जरूरी

सुनीता गाबावृद्धावस्था जीवन का एक ऐसा मोड़ है जिसका...

मसालों से भी होता है उपचारं

अनूप मिश्राप्रकृति ने हमें अनेक अमूल्य जड़ी-बूटियां एवं मसाले...

शिक्षित भी स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह

आधुनिक युग में चिकित्सा सेवा जरूर आधुनिक हो गई...

राष्ट्र सेवा

लीबिया के लिबलिस शहर के एक प्रमुख अस्पताल में...
spot_imgspot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here