- आम जनता ही नहीं पुलिस वाले भी नहीं लगाते हेलमेट
- खुद बिना हेलमेट के भर रहे फर्राटा, कौन कराएगा इन्हें नियमों का पालन?
- यातायात माह के दौरान भी वार्दीधारी नहीं कर रहे नियमों का खास पालन
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: वैसे तो ट्रैफिक पुलिस द्वारा पूरे साल लोगों को यातायात नियमों का पालन करने की सीख दी जाती है, लेकिन नवंबर माह में विशेष रूप से यातायात माह का आयोजन कर आमजन को ट्रैफिक नियमों के पालन का पाठ पढ़ाया जाता है। इसके लिये जागरूकता अभियान के साथ ही रैलियां भी निकाली जा रही हैं। सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से हर साल दो बार जागरूकता अभियान चलाया जाता है।
पर अफसोस की बात है कि जिन पुलिस कर्मियों को यह अभियान चलाने की जिम्मेदारी दी जाती है, वे खुद इसका पालन नहीं करते। ट्रैफिक नियमों के पालन के प्रति लोगों में जागरूकता का वह स्तर अब तक नहीं आ सका है। जिसकी दुघर्टनाओं में कमी लाने के लिए जरूरत है, लेकिन हकीकत ये रही कि खुद पुलिस कर्मी ट्रैफिक नियमों को ठेंगा दिखाते नजर आए। पुलिसकर्मी और आम जनता बिना हेलमेट लगाए फर्राटा भरते दिखे।
शहर में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को यातायात नियमों के पालन करने के साथ इनकी जानकारी भी दे रहे हैं, लेकिन उनके विभाग के कर्मचारी ही इन नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं। स्थिति ये है कि पुलिस कर्मी बिना हेलमेट के ही दोपहिया वाहन से शहर के हर कोने तक आवागमन कर रहे हैं। जैसे उनके लिये नियम कुछ और ही हैं। इन दिनों जिले भर में यातायात माह का आयोजन किया जा रहा है,
लेकिन शहर के चौराहों पर खुलेआम ट्रैफिक नियमों की अनदेखी होते देखी जा सकती है। पुलिस कर्मियों के सामने ही ट्रैफिक नियम तार-तार हो रहे हैं। यहां तक यह अनदेखी आमजन के साथ खुद पुलिस कर्मी भी कर रहे हैं। बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चालकों का चालान काटने वाले पुलिस कर्मी स्टाफ का रौब दिखाकर सड़कों पर दोपहिया वाहनों से फर्राटा भर रहे हैं। उन्हें न चालान का भय है और न ही हादसे का डर। नियमों का पाठ पढ़ाने वाले खुद ही नियमों की धज्जियां उड़ा रही है।
ऐसे पुलिस कर्मियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हो रही। जिम्मेदार मूकदर्शक बने हैं। जनवाणी के फोटोग्राफर ने शहर के तिराहों व चौराहे की पड़ताल की तो चौंकाने वाली स्थिति सामने आई। इस दौरान ज्यादातर बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चलाने वाले पुलिस कर्मी ही दिखे। वे शहर के विभिन्न चौराहों से होकर गुजरे इन पुलिस कर्मियों को यातायात ने रोका नहीं, क्योंकि ये तो स्टाफ हैं। इनका चालान कैसे किया जा सकता है।