जनवाणी संवाददाता |
बड़ौत: पश्चमी बंगाल की घटना को लेकर नगर के आइएमए के सदस्य चिकित्सकों विरोध जुलूस निकाला। चिकित्सक नगर के गांधी रोड से चलकर बाजार से होते हुए मैन बाजार, कोताना रोड, दिल्ली-सहारनपुर हाइवे से होते हुए बड़ौत तहसील पहुंचे। यहां उन्होंने एसड़ीएम को ज्ञापन दिए।
शुक्रवार को एसडीएम अमरचंद वर्मा को चिकित्सकों ने ज्ञापन दिया। ज्ञापन में उन्होंने बताया कि अस्पताल में हिंसा के दो आयाम सामने ला दिए हैं। महिलाओं के लिए सुरक्षित स्थानों की कमी के कारण बर्बर पैमाने का अपराध और संगठित सुरक्षा प्रोटोकॉल की कमी के कारण होने वाली गुंडागर्दी बढ रही है।आज चिकित्सा बिरादरी और राष्ट्र दोनों ही पीड़ित हैं।
महामारी रोग अधिनियम 1897 में 2023 के संशोधनों को 2019 के अस्पताल संरक्षण विधेयक के मसौदे में शामिल करने वाला एक केंद्रीय अधिनियम मौजूदा 25 राज्य विधानों को मजबूत करेगा। कोविड महामारी के दौरान जैसा अध्यादेश लाया गया था, वैसा ही अध्यादेश भी लाया जाना चाहिए।सभी अस्पतालों के सुरक्षा प्रोटोकॉल किसी हवाई अड्डे से कम नहीं होनी चाहिए।
अस्पतालों को अनिवार्य सुरक्षा अधिकारों के साथ सुरक्षित क्षेत्र घोषित करना चाहिए।सीसीटीवी, सुरक्षा कर्मियों की तैनाती और प्रोटोकॉल का पालन किया जाना चाहिए।पीड़ित जिस 36 घंटे की ड्यूटी शिफ्ट में थी। आराम करने के लिए सुरक्षित स्थानों और पर्याप्त विश्राम कक्षों की कमी के कारण रेजिडेंट डॉक्टरों के काम करने और रहने की स्थिति में व्यापक बदलाव किया जाए।
समय-सीमा में अपराध की सावधानीपूर्वक और पेशेवर जांच और न्याय प्रदान करना। बर्बरता करने वाले गुंडों की पहचान करना और उन्हें कड़ी सजा देना।पीड़ित परिवार को दी गई क्रूरता के अनुरूप उचित और सम्मानजनक मुआवजा दिया जाए।आईएमए ने सभी आधुनिक चिकित्सा डॉक्टरों द्वारा 24 घंटे की हड़ताल रखी।इस मौके पर अनेक चिकित्सक मौजूद रहे।