- लोगों को कर रहा है बीमार, निगम लापरवाह
- सूरजकुंड डिपो प्रभारी की लापरवाही सब पर पड़ रही भारी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कसेरूखेड़ा नाले के मुख्य मार्ग में आवागमन करना अब आसान काम नहीं है। सड़क पर उड़ रही धूल से लोगों का चलना मुश्किल हो गया है। सड़कों पर बने गड्ढे से तो राहगीर पहले ही परेशान हो रहे थे, अब उड़ती धूल का भी सामना करना पड़ रहा है। इस मार्ग पर वीवीआईपी डिफेंस कॉलोनी, पॉश कॉलाीन मीनाक्षीपुरम भी हैं। फिर भी संबंधित विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
इनके अधिकारी-कर्मचारी इसी मार्ग से गुजरते हैं। उन्हें भी उड़ती धूल का सामना करना पड़ता है। यातायात विभाग की निष्क्रियता के चलते भारी वाहन शहर के अंदर प्रवेश होने से सड़क जर्जर हो गई है, जिससे सड़क लगातार खराब होती जा रही है। कसेरूखेड़ा नाले से निकाली गई सिल्ट सूख चुकी है, लेकिन इसके बावजूद निगम कर्मचारी इसे उठाने की जहमत नहीं उठा रहे हैं।
जिससे सड़क पर धूल उड़ने से चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। भारी वाहन के आवाजाही से परेशानी बढ़ जाती है। भारी वाहन के पीछे-पीछे चलने वाले छोटे-छोटे वाहन खासकर आॅटो, बाइक चालकों को ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ती है। बाइक चालक को सड़क पर उड़ रही धूल आंखों के सामने ओझल कर देती है। इससे अक्सर दुर्घटना होनी की संभावना बनी रहती है। छोटे वाहन चालकों को दिन में भी लाइट जलाकर चलना पड़ता है।
कसेरूखेड़ा नाला मुख्य मार्ग पर वाहनों के आने जाने से मिट्टी पिस-पिस कर बारीक हो गई। अब जैसे ही कोई वाहन मार्ग से गुजरता है तो मिट्टी का गुब्बार बन जाता है तथा पूरा वातावरण धूलमय हो जाता है। ऐसे में वीवीआईपी डिफेंस कॉलोनी, मीनाक्षीपुरम कॉलोनी और इस क्षेत्र के कई दुकानदार खांसी, एलर्जी एवं दमे से ग्रसित हो रहे हैं। वाहन गुजरते समय तो दुकानदारों को अपनी दुकान के शटर बंद करने पड़ते हैं।
धूल के गुब्बार से दो-चार होना पड़ रहा है। यात्रियों के अलावा अन्य लोगों को भी वाहन के शीशे बंद कर आवाजाही करनी पड़ रही है। इन सड़क पर धूल उड़ती रहती है। सांस लेना मुश्किल है। नगर निगम की ओर से शहर के नालों की सफाई तो की जा रही है लेकिन समय से सिल्ट न उठाये जाने के कारण वह सिल्ट सूखकर लोगों के लिए बीमारी का कारण बन रही है। यही हाल डिफेंस कालोनी के पीछे मीनीक्षीपुरम वाले मार्ग का है।
यहां नाले की सिल्ट को निकालकर सड़क पर डाल दिया गया था जो लोगों के लिये परेशानी का सबब बनी हुई है। शहर भर के नालों की सफाई निगम की ओर से की जा रही है। इसकी जिम्मेदारी निगम की ओर से शहर के सभी तीनों डिपो को दी गई है। यहां तीनों की डिपो की ओर से सफाई का कार्य समय पर किया जा रहा है लेकिन सूरज कुंड डिपो प्रभारी की लापरवाहीके कारण कई जगहों पर सिल्ट का ढेर लगा हुआ है।
शहर मोहनुपरी, मीनाक्षीपुर, जागृति विहार समेत कई क्षेत्रों के नाले इन्ही के जिम्मे आते है लेकिन सभी नालो का बुरा हाल है। नालों की सफाई ठीक प्रकार से नहीं की जा रही है। यहां डिपो प्रभारी अपनी जिम्मेदारी ठीक प्रकार से नहीं निभा पा रहे हैं जिसके कारण लोग परेशान हैं। यहां मीनाक्षीपुरम के नाले की बात की जाये तो नाले की सिल्ट निकालकर सड़कों के किनारे पर डाल दी जाती है और अब वह सूखने के बाद धूल बनकर उड़ रही है जिससे लोग बीमार तक हो सकते हैं और तो और यहां व्यापार भी चौपट हो रहा है।
लोग परेशान, व्यापार भी हो रहा चौपट
यहां उड़ रही धूल के कारण आसपास के रहने वाले लोग तो परेशान हो ही रहे हैं साथ ही यहां इस मार्ग पर जो दुकानदार हैं उनका भी व्यापार चौपट होता जा रहा है। लोगों को धूल के कारण सांस लेने में दिक्कतें आ रही हैं और दुकानदारों का सामान धूल के कारण खराब हो रहा है। ऐसे में अगर निगम की टीम की ओ रसे यहां छिड़काव नहीं कराया गया तो हालात और भी बदतर हो जाएंगे।
धूल से बीमारियों का खतरा
धूल से गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। दमा के रोगियों के लिए सड़कों पर उड़ रही धूल भारी पड़ रही है। त्वचा संबंधी रोग भी धूल से हो जाते हैं। धूल से भारी एलर्जी भी हो जाती है।धूल से एलर्जी और श्वांस संबंधी शिकायतें बढ़ जाती हैं। दमा आदि के रोगियों के लिए धूल का गुबार खासा घातक हो जाता है।