जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना से हाहाकार मचा हुआ है। जीटीबी अस्पताल में बृहस्पतिवार देर रात बेड न मिलने की वजह से दो मरीजों की मौत हो गई। अस्पताल में सभी बिस्तर भर जाने के बाद आपातकालीन विभाग के सामने ही स्ट्रेचर पर मरीजों को रखा गया, लेकिन यहां ऑक्सीजन की उपलब्धता न होने की वजह से स्ट्रेचर पर लेटे दो मरीजों ने दम तोड़ दिया। इनमें से एक महिला और दूसरा बुजुर्ग मरीज था।
रात 12 बजकर 25 मिनट पर अस्पताल के आपातकालीन विभाग के बाहर स्ट्रेचर पर लेटी एक महिला की सांस उखड़ने लगी। इस बीच तीमारदार ने जब चिल्लाना शुरू किया तो आनन-फानन पीपीई किट पहने डॉक्टर वहां पहुंचे और महिला को सीपीआर देने लगे, लेकिन करीब पांच मिनट की काफी कोशिशों के बाद भी मरीज की जान नहीं बचाई जा सकी।
इससे पहले चार अस्पतालों के चक्कर लगाने के बाद जीटीबी पहुंचे एक बुजुर्ग मरीज ने स्ट्रेचर पर ही दम तोड़ दिया। जानकारी मिली है कि मरीज को सांस लेने में तकलीफ थी। समय पर अस्पताल में बेड और ऑक्सीजन न मिलने की वजह से उनकी मौत हो गई। यह पूरी घटना अमर उजाला के फोन में भी कैद हुई।
पूछताछ में पता चला कि महिला शाहदरा के ज्योति नगर निवासी थी और बुजुर्ग मरीज दिलशाद गार्डन के निवासी थे। हालांकि, दोनों के ही परिजन अधिक बातचीत करने की स्थिति में नहीं थे, जिस कारण खबर लिखे जाने तक उनसे अधिक जानकारी नहीं मिल सकी।
इसी बीच रात 12 बजकर 28 मिनट पर एक महिला डॉक्टर के आगे हाथ जोड़कर अपने पति को भर्ती करने के लिए रोती रही। महिला रोते-रोते बोल रही थी कि उनके पति को सांस नहीं आ रही है। उनका ऑक्सीजन सिलिंडर खत्म होने वाला है। डॉक्टर साहब, इन्हें ऑक्सीजन दे दो…इन्हें भर्ती कर लो।
20 मिनट तक अपील करने के बाद जब डॉक्टरों ने काफी कोशिशों के बाद उन्हें समझाया कि अस्पताल में एक भी बेड खाली नहीं है न ही उनके पास अतिरिक्त ऑक्सीजन का प्वाइंट है, जिसके माध्यम से उनके पति को बचाया जा सके। इसके बाद महिला अपने पति को एक कार में ले गईं।
अस्पताल के आपातकालीन विभाग में तैनात डॉक्टरों ने अपनी पहचान नहीं बताई, लेकिन उन्होंने कहा कि उनके पास संसाधनों की कमी है। इस वक्त बिल्कुल नहीं चाहते कि कोई मरीज वापस जाए। जिन मरीजों को सांस लेने में दिक्कत है, उन्हें हम ऑक्सीजन नहीं उपलब्ध करा सकते हैं। क्योंकि हमारे पास अतिरिक्त प्वाइंट नहीं है।