- पीएम आवास योजना में तैनात 15 इंजीनियर बर्खास्त
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: जिला नगरीय विकास अभिकरण मेरठ के परियोजना अधिकारी चंद्रभान वर्मा ने गुरुवार को पीएम आवास योजना में बढ़ती जा रही व्यापक अनियमितताओं को लेकर 15 इंजीनियरों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है। डूडा के पीओ ने यह कार्रवाई डीएम दीपक मीणा और नगर आयुक्त की जांच रिपोर्ट के बाद की है। यह बड़ी कार्रवाई हैं। इसके अलावा कम्युनिटी आॅर्गेनाइजेशन पर काम करने वाले अमित कुमार को भी जांच रिपोर्ट आने के बाद तत्काल बर्खास्त कर दिया है।
अब इनसे पीएम आवास योजना का कोई कार्य नहीं लिया जाएगा। डूडा पीओ का यह बड़ा एक्शन है। इससे पहले भी पांच इंजीनियरों के खिलाफ सिविल लाइन थाने में तहरीर दी गई थी, जिसका पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना आरंभ कर दी है। लगातार हो रही कार्रवाई से पीएम आवास योजना में भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी। ऐसा माना जा रहा है।
जिला नगरीय विकास अभिकरण मेरठ परियोजना अधिकारी चंद्रभान वर्मा की तरफ से एक पत्र जारी किया गया, जिसमें पीएम आवास योजना में कार्यरत वेबकास्ट कंपनी के 15 अवर अभियंताओं को पीएम आवास योजना के कार्यों से तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। एक तरह से इन सभी 15 इंजीनियरों पर बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई है।
यह बड़ी कार्रवाई है, जो डीएम की जांच रिपोर्ट के बाद की गई है। इसके अलावा नगर आयुक्त नगर निगम की आख्या रिपोर्ट के आधार पर डूडा अनुभाग में कार्यरत अमित कुमार अन्तोदय आॅर्गेनाइजर आउट सोर्स द्वारा रुपए लेन-देन का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसको आधार बनाते हुए आउटसोर्स सेवा से उसे बर्खास्त कर दिया गया है।
यही नहीं, आउटसोर्स ठेकेदार रफीक को भी ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है तथा इसकी प्राथमिक रिपोर्ट थाने में दर्ज कराने के लिए भी लिखा गया है। इसमें सूडा मुख्यालय द्वारा भी परियोजना अधिकारी डूडा मेरठ द्वारा जारी आदेश में अमित कुमार के खिलाफ दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत कार्य से तत्काल प्रभाव से सेवा समाप्त कर दी गई है।
जिसे बर्खास्त किया, उस पर कैसी मेहरबानी?
अनुशासनहीनता और कर्मचारियों के साथ मारपीट करने के आरोप में बर्खास्त किए गए कर्मचारी अतुल शर्मा को वाप्कोस लिमिटेड कंपनी ने फिर से पीएम आवास योजना मेरठ में तैनात कर दिया है। इसको लेकर सवाल उठ रहे हैं। वाप्कोस कंपनी ने 13 अप्रैल 2021 में अतुल शर्मा पर यह आरोप लगाते हुए मेरठ से कंपनी के क्लस्टर हेड ने कार्यमुक्त कर दिया था कि कर्मचारियों से मारपीट करने और पीएम आवास योजना में लगातार लापरवाही बरतने के आरोप में कार्यमुक्त किया गया था,
जिसके बाद तमाम दस्तावेज भी डूडा मेरठ कार्यालय पर जमा करा लिये गए थे। अतुल शर्मा पर यह गंभीर आरोप कंपनी की तरफ से लगाकर हटा दिया गया था, लेकिन अब दोबारा ऐसा क्या हुआ कि अतुल शर्मा पर इतनी बड़ी मेहरबानी कर दी कि पहले बर्खास्त किया, फिर से उसे मेरठ में तैनात कर दिया। यही नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट पीएम आवास योजना में तैनाती दे दी। इसको लेकर कंपनी पर सवाल उठ रहे हैं।
अजब-गजब पहले बर्खास्तगी फिर बहाली
मेरठ: पिछले तीन माह से कैंट बोर्ड में कभी कर्मचारी को बर्खास्त कर दिया जाता हैं तो कुछ समय बीतने के बाद फिर से बर्खास्त किये कर्मचारी को बहाली दे दी जाती हैं। ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। ऐसा ही एक मामला है ड्राफ्टमैन राहुल का। इसकी पहले बर्खास्तगी की गई थी। तमाम भ्रष्टाचार के आरोप लगाये गए थे। अब आखिर क्या हुआ कि राहुल को बहाल कर फिर से कैंट बोर्ड में तैनाती दे दी गई? इससे पहले योगेश यादव को तत्कालीन सीईओ ने बर्खास्त कर दिया था, जिसे बाद में बहाल किया तथा फिर से बर्खास्त कर दिया गया।
बर्खास्तगी और फिर बहाली का खेल कैंट बोर्ड में चल रहा हैं। पहले कभी ऐसा नहीं हुआ। राहुल संविदा कर्मी बताया गया है, जिसे भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के बाद बर्खास्त कर दिया गया था। अब उसे बहाल कर दिया गया हैं। इसी तरह से योगेश यादव सफाई निरीक्षक को भी बर्खास्त कर दिया गया था। वर्तमान में भी वह बर्खास्त चल रहे हैं। बीच में उसे बहाली मिल गई थी। 15 दिन ड्यूटी पर काम करने के बाद फिर से उसे बर्खास्त कर दिया गया। ये खेल कैंट बोर्ड में चल रहा हैं। अधिकारियों की भूमिका पर भी अब सवाल उठने लगे हैं। आखिर बर्खास्तगी और फिर बहाली, ऐसा क्यों किया जा रहा हैं।