जनवाणी संवाददाता |
लखनऊ: प्रतापगढ़ जिले के कुंडा विधानसभा क्षेत्र से विधायक व जनसत्ता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया पर जिया उल हक हत्याकांड की भूमिका की जांच सीबीआई करेगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को निरस्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने डीएसपी जिया उल हक की हत्याकांड में राजा भैया की भूमिका की जांच के आदेश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश पर भी रोक लगाई है। ट्रायल कोर्ट ने राजा भैया और उनके चार साथियों के खिलाफ सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज करते हुए जांच जारी रखने के आदेश दिए थे। जिया उल हक की साल 2013 में हत्या की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट के सामने अपनी याचिका में डीसीपी की पत्नी ने आरोप लगाया कि सीबीआई ने राजा भैया की भूमिका की ओर इशारा करने वाले महत्वपूर्ण तथ्यों की अनदेखी की है। उन्होंने सवाल किया कि पुलिस टीम ने उनके पति को कैसे अकेले छोड़ दिया। इतनी भीड़ में किसी अन्य पुलिसकर्मी को कोई चोट नहीं आई।
न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि हमारे विचार में हाई कोर्ट ने पुनः जांच और आगे की जांच के बीच एक अति तकनीकी दृष्टिकोण अपनाया है। हाई कोर्ट ने माना कि विशेष सीबीआई अदालत का 8 जुलाई 2014 का आदेश पुनः जांच के समान है।
सुप्रीम कोर्ट कहा कि उनके पति रेत खनन और अन्य दंगों के मामलों की जांच संभाल रहे थे। इसमें राजा भैया और उनके सहयोगियों की भी भूमिका थी। यह लोग उनके पति को खत्म करना चाहते थे। उन्होंने सीबीआई की उस चार्जशीट पर भी सवाल उठाए जिसमें उनके पति की हत्या के पीछे मारे गए प्रधान नन्हें यादव के परिवार का नाम लिया गया था।
प्रतापगढ़ जिला, 2 मार्च 2013, शाम का समय हथिगवां थाना क्षेत्र के बलीपुर गांव में प्रधान नन्हे यादव बलीपुर गांव में एक विवादित जमीन का मसला सुलझाने के लिए कामता पाल के घर पहुंचे थे। तभी बाइक से आए बदमाश प्रधान नन्हे यादव को गोली मारकर फरार हो गए। प्रधान की हत्या की खबर उनके समर्थकों को मिली तो समर्थकों ने कामता पाल के घर में आग लगा दी थी।
नन्हे यादव को अस्पताल ले जाया गया, डॉक्टरों ने उनकी मौत की पुष्टि कर दी। लोगों में बढ़ते आक्रोश और हुजूम के बीच प्रधान का शव बिना पोस्टमॉर्टम के ही गांव में पहुंच गया। हत्या के मामले में बिना पोस्टमॉर्टम के शव गांव में पहुंचने की ख़बर सीओ जियाउल हक को मिली तो वे अपने लाव लश्कर के साथ गांव वालों से बात करने पहुंचे। लेकिन गांव में हिंसा शुरू हो गई। पथराव होने लगा था।