- मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डॉक्टर इफ्तिखार अहमद जावेद बोले, सुधार के लिए प्रयास जारी
जनवाणी ब्यूरो
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज मंगलवार को बड़ा फैसला लिया है। योगी सरकार पहले चरण में 8449 मदरसों को मान्यता देने का निर्णय लिया है। यह फैसला मदरसा बोर्ड की बैठक में लिया है। इसमें तहतानिया यानी कक्षा 1 से 5, फोकानिया यानी कक्षा 5 से 8 और आलिया व उच्च आलिया यानी हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई वाले मदरसे शामिल हैं।
आपको बता दें कि पिछले साल मदरसा सर्वेक्षण के दौरान पता चला था कि राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त कुल 8,449 मदरसे काम नहीं कर रहे थे। गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की अधिकतम संख्या (550) मुरादाबाद जिले में पाए गए थे।
मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डॉक्टर इफ्तिखार अहमद जावेद ने कहा कि बीते दिनों शासन की तरफ से कराए गए सर्वे के दौरान जो मदरसे सामने आए थे उन्हें जल्द मान्यता दी जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 16,000 से ज्यादा मदरसे हैं। योगी सरकार की तरफ से मदरसों की हालत में सुधार और शिक्षा को गुणवत्तापरक बनाने के प्रयासों के चलते छात्र-छात्राओं की संख्या भी खासी बढ़ी है। संसाधन भी मिल रहे हैं। मान्यता मिलने से मदरसों की स्थिति में और सुधार होगा।
दरअसल, उत्तर प्रदेश में कुल 25,000 से अधिक मदरसे हैं। उनमें से 16,513 से अधिक को यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन से मान्यता मिली है। इन मान्यता प्राप्त मदरसों में 19 लाख से अधिक छात्र नामांकित हैं। सरकार ने गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को तीन श्रेणियों में बांटा है।
मदरसा बोर्ड से मान्यता होने के बावजूद पोर्टल से छूटे करीब 2,500 मदरसों के साथ मानक पूरे करने वाले अस्थाई मदरसों को भी स्थाई किया जाएगा। 2016 के बाद पहली बार बोर्ड यह प्रक्रिया करने जा रहा है। मदरसों के सर्वे और उनकी जांच को लेकर यूपी में काफी सियासत भी होती रही है।