- राष्ट्रीय लोकदल के जिला कार्यालय पर भीम आर्मी की प्रेस वार्ता विभिन्न दलों के नेता भी हुए शामिल
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और भीम आर्मी की चंद्रशेखर आजाद ने नगर निगम में शनिवार को हुई घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने सदन की गरिमा को तार तार किया है। उसी से प्रेरणा लेकर मेरठ नगर निगम में भी पार्टी के लोगों ने विपक्ष की आवाज को कुचलना का षड्यंत्र रचा है, लेकिन समाज का यही दबा कुचला वर्ग क्रांतिधरा से अहंकारी और दमनकारी नीति अपनाने वाली भारतीय जनता पार्टी को करारा जवाब देगा।
रविवार को आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण मेरठ पहुंचे। जिन्होंने राष्ट्रीय लोकदल जिला कार्यालय पर एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया। इसी दौरान राष्ट्रीय लोकदल के साथ-साथ कांग्रेस, एआईएमआईएम, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी समेत विभिन्न दलों से जुड़े पार्षद और अन्य लोग भी प्रेस कांफ्रेंस में पहुंच गए। इस अवसर पर मीडिया से मुखातिब होते हुए चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि भाजपा के गुंडाराज में कोई सुरक्षित नहीं है। बहन बेटियों की बात तो दूर, जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि देश के सदन से सवाल पूछने पर निलंबित किया जा रहे हैं।
जिससे प्रेरणा लेकर मेरठ नगर निगम में वही सब कुछ किया गया है। बल्कि उससे भी कहीं आगे जाकर पार्षदों को सदन से खींचकर सड़कों पर दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया है। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस ने पार्षदों को बचाया नहीं होता तो उनकी लाश कहीं जली हुई अवस्था में मिलती। उन्होंने कहा कि सदन की एक गरिमा होती है, लेकिन नगर निगम की घटना में सदन की गरिमा को तार-तार किया गया है। लोकतंत्र की हत्या की गई है।
संविधान को कुचला गया है। हद तो यह है कि मंत्री और एमएलसी के साथ मिलकर भाजपा के लोगों ने पुलिस की मौजूदगी में खुला तांडव किया है। उन्होंने मांग की कि इस मामले के दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके उन्हें जेल भेजा जाए। ऐसा होने तक उनकी लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि 10 जनवरी को पार्टी की एक पंचायत पहले से ही निर्धारित है। जिसे देशव्यापी बनाया जाएगा। इसमें सभी लोगों से दलगत राजनीति से ऊपर उठकर भाग लेने का आह्वान किया गया।
पुलिस न बचाती तो कर देते मेरी हत्या: पार्षद
नगर निगम की घटना में भाजपाइयों के हाथों मारपीट के शिकार हुए पार्षद कुलदीप उर्फ कीर्ति घोंपला ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान गंभीर आरोप लगाए उन्होंने कहा कि सवाल पूछने के जुर्म में उन पर हमला किया गया। जिसमें भाजपा के मंत्री एमएलसी समेत अनेक पार्षद और नेता शामिल रहे। पुलिस उन्हें बचाकर थाने ले गई। लेकिन वहां भी भाजपाइयों ने उन्हें ढूंढ कर करने का प्रयास किया। अगर पुलिस ने उन्हें तले के अंदर बंद नहीं किया होता, तो उनकी लाश कहीं सड़क पर पड़ी हुई मिलती। उन्होंने अपनी जान को खतरा बताते हुए जिला प्रशासन से सुरक्षा की मांग रखी।