Saturday, May 10, 2025
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बीएसए ने संभाला चार्ज, भ्रष्टाचार बड़ी चुनौती

  • नए बीएसए विश्व दीपक त्रिपाठी ने चार्ज लेते ही फाइलें देखी
  • शहर बीआरसी का कार्य जिला मुख्यालय पर शुरू

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: जिले के नए बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बुधवार को कार्यभार ग्रहण कर लिया। हालांकि अपने पहले दिन उन्होंने छात्रों को मिलने वाली शिक्षा को लेकर कुछ ज्यादा तो नहीं बताया, लेकिन इतना जरूर है कि विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार उनके लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं हैं। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार को बीआरसी नगर का सारा काम जिला मुख्यालय पर शिफ्ट कर दिया गया है।

वहीं शहरी क्षेत्र की रोहटा रोड वाली बीआरसी पहले से ही बंद पड़ी है। बीएसए कार्यालय में भ्रष्टाचार चरम पर है जो किसी से छिपा नहीं है। यहां एक वरिष्ठ लिपिक के इशारों पर ही अधिकारी व कर्मचारी काम करते है। यह वरिष्ठ लिपिक 2013 से जिला मुख्यालय में नियमों के विरूद्ध तैनात है। जबकि इनकी नियुक्ति खण्ड शिक्षा अधिकारी ग्रामीण क्षेत्र या खण्ड संसाधन केन्द्र ग्रामीण पर होनी चाहिए, लेकिन अपने निजी स्वार्थ की वजह से इन्होंने विभाग में अपनी पकड़ बना रखी है।

टाइपिंग टेस्ट पास नहीं किया

वरिष्ठ लिपिक की नियुक्ति 19 अप्रैल 2001 को मृतक आश्रित कोटे से हुई थी। नियुक्ति के लिए टंकण की जानकारी होना आवश्यक है, लेकिन जो कर्मचारी टाइपिंग नहीं जानता उसे एक साल के भीतर टाइप सीखकर टैस्ट पास करना अनिवार्य है। लेकिन 21 साल बीतने के बाद भी इन्होंने टाइपिंग परीक्षा पास नहीं की है।

बीआरसी नगर पर नहीं होता काम

शहर में करीब 150 सरकारी विद्यालय है जो बेसिक शिक्षा विभाग के आधीन है। इनमें तैनात शिक्षकों व पढ़ने वाले छात्रों से जुड़े सभी कार्य खण्ड संसाधन केन्द्र शहर में होने चाहिए। लेकिन नए बीएसए के आनें से पहले ही वरिष्ठ लिपिक ने मंगलवार को बीआरसी नगर का सारा कार्य जिला मुख्यालय में शिफ्ट करा दिया है।

जिससे बुधवार को चार्च लेने के बाद नए बीएसए को पता न चल सके और वह इसे पहले से ही चली आ रही व्यवस्था समझे। इससे पहले भी बीआरसी नगर द्वतीय रोहटा रोड बंद चल रही है। उसका भी सारा काम जिला मुख्यालय से ही होता रहा है।

हाल ही में हुए है निलंबित

वरिष्ठ लिपिक प्रदीप बंसल ने खरखौदा खण्ड में शिक्षिक सुषमा रानी के अभिलेख फर्जी पाए जानें व शिक्षिका की सेवानिवृति के बाद उन्हें पेंशन, जीपीएफ व बीमे का भुगतान न किए जानें के प्रकरण को पूर्व बीएसए योगेन्द्र कुमार से 10 माह तक छिपाकर रखा। इसके बाद बीएसए ने खण्ड शिक्षा आधिकारी खरखौदा को शिक्षिका के खिलाफ पुलिस में प्राथमिकि दर्ज करानें के आदेश दिए गए

तब कहीं जाकर 1 अक्टूबर 2022 को मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामलें में तत्कालीन बीएसए ने वरिष्ठ लिपिक को निलंबित करते हुए बीआरसी ग्रामीण भेज दिया था। लेकिन बीते शुक्रवार को उन्हें लखनऊ बुलानें के आदेश होने के बाद उन्होंने जाते-जाते वरिष्ठ लिपिक को वापस बहाल करते हुए जिला मुख्यालय में बहाल कर दिया।

आज पहला दिन रहा था, किस तरह की स्थिति है इसको जानने के बाद ही आगे क्या करना है इसपर निर्णय लिया जाएगा। -विश्व दीपक त्रिपाठी, बीएसए मेरठ।

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