जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: लंबे इंतजार के बाद केंद्र सरकार ने आखिरकार देश की अगली जनगणना को लेकर आधिकारिक घोषणा कर दी है। गृह मंत्रालय ने सोमवार को इसकी राजपत्र अधिसूचना जारी करते हुए बताया कि भारत की अगली जनगणना वर्ष 2027 में करवाई जाएगी। यह जनगणना कई मायनों में ऐतिहासिक होने जा रही है क्योंकि इसमें पहली बार जातिगत आंकड़ों का संग्रह किया जाएगा और यह पूरी तरह डिजिटल फॉर्मेट में होगी।
जनगणना 2027 की प्रमुख बातें:
अधिसूचना 16 जून 2025 से प्रभावी, तैयारियों का कार्य शुरू
पहली बार जातिगत जनगणना भी साथ में की जाएगी
डिजिटल प्लेटफॉर्म पर स्व-गणना (Self Enumeration) की सुविधा
जनगणना का अंतिम चरण फरवरी 2027 में, जो 1 मार्च 2027 की मध्यरात्रि तक चलेगा
गोपनीयता और डेटा सुरक्षा को प्राथमिकता, डेटा होगा एन्क्रिप्टेड और संरक्षित
क्या होगी इस बार की जनगणना में खास बात?
इस बार जनगणना केवल जनसंख्या की गणना तक सीमित नहीं रहेगी। इसमें धर्म, जाति, सामाजिक-आर्थिक स्थिति, पारिवारिक संरचना जैसे विस्तृत आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। यह आंकड़े सरकार को नीतियों के निर्धारण और योजनाओं की सटीक टारगेटिंग में मदद करेंगे।
जनता को कैसे मिलेगा लाभ?
ORGI द्वारा विकसित Self Enumeration Portal के जरिए नागरिक अपनी जानकारी देख और सुधार सकेंगे
लोग घर बैठे ऑनलाइन माध्यम से खुद अपनी और परिवार की जानकारी दर्ज कर सकेंगे
जातिगत आंकड़े सामाजिक योजनाओं और संसाधनों के बेहतर वितरण में सहायक होंगे
गृह मंत्री ने की तैयारियों की समीक्षा
गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को जनगणना की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि डेटा की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। 2022 में जनगणना अधिनियम में किए गए संशोधनों के तहत डिजिटल जानकारी को सुरक्षित और गोपनीय बनाए रखने के उपाय किए गए हैं।