जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरठ के विकास के लिए खजाना खोल दिया है। सीएम योगी ने अफसरों के साथ मीटिंग में मेरठ को 15 हजार करोड़ की सौगात दी है। इस रकम से शहर के सभी प्रमुख सड़कें स्मार्ट रोड में तब्दील की जा सकेंगी। रिंग रोड, स्मार्ट रोड व इंटरसटिी का जाल बिछेगा।
सीएम योगी की इच्छा है कि मेरठ पारंपरिक आभूषण उद्योगों को संगठित कर ज्वेलरी हब बने ताकि रोजगार के साधन पैदा हो सकें। लखनऊ में सीनियर अफसरों के साथ सीएम योगी ने सोमवार को इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट प्लान की समीक्षा की। बैठक में मुख्यमंत्री को बताया कि कुल 93 परियोजनाएं प्रस्तावित हैं, जिनकी अनुमानित लागत लगभग 15 हजार करोड़ रुपये है। इनमें से छह पर कार्य प्रारंभ हो चुका है। बैठक में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, रैपिड रेल, गंगा एक्सप्रेसवे, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, वेस्टर्न रिंग रोड, इंटरनल रिंग रोड, स्मार्ट सड़कें, प्रमुख चौराहों का पुनर्विकास और सांस्कृतिक स्थलों के विकास जैसी योजनाओं की जानकारी दी। संजय वन, सूरजकुंड, थीम पार्कों, तालाबों और ऐतिहासिक स्थलों के सौंदर्यीकरण की परियोजनाएं पर्यावरण संरक्षण के साथ जीवन गुणवत्ता को भी बेहतर बनाएंगी।
रोड कनेक्टिविटी के क्षेत्र में मुख्यमंत्री ने 52 किलोमीटर लंबी वेस्टर्न रिंग रोड तथा वेदव्यासपुरी से लोहियानगर तक के इनर रिंग रोड को सुगम कनेक्टिविटी के लिए अत्यंत उपयोगी बताया। अबू नाला प्रथम की पटरी पर प्रस्तावित आंतरिक रिंग रोड, क्षेत्रीय संपर्क मार्ग, मेरठ-परीक्षितगढ़ मार्ग, दौराला-मसूरी, रोहटा और गढ़ रोड जैसे मार्गों के चौड़ीकरण पर चर्चा हुई। सीएम ग्रिड मेरठ योजना के अंतर्गत नगर की प्रमुख सड़कों को स्मार्ट रोड में परिवर्तित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण के साथ यूटिलिटी डक्ट भी तैयार हों ताकि बार-बार सड़कों की खुदाई न करनी पड़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरठ को ज्वेलरी हब के रूप में विकसित किया जाए। ड्रेनेज और सीवरेज प्रणाली को लेकर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया। हैकाथॉन 2.0 के माध्यम से आमजन व जनप्रतिनिधियों से प्राप्त सुझावों को शामिल किए जाने की सराहना की और निर्देश दिए कि योजनाओं में जनभागीदारी सुनिश्चित की जाए।
डीएम से शिकायत पर मेरठ स्कैन सेंटर का पंजीकरण निरस्त
जनवाणी संवाददाता
मेरठ: डीएम से शिकायत के बाद की गई जांच में अनियमितताएं मिलने पर ईव्ज चौराहा स्थित मेरठ स्कैन सेंटर का पंजीकरण निरस्त कर दिया गया। वहीं पंजीकरण निरस्त होने के बाद भी नेशनल हॉस्पिटल को चलाने पर एफआईआर दर्ज कराई गई।
इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा 16 झोलाछाप चिकित्सकों को नोटिस भेजने पर 15 अपनी क्लीनिक बंद करके भाग गए, जबकि एक झोलाछाप डाक्टर द्वारा प्रैक्टिस बंद न करने पर उसके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराई गई। सीएमओ डा. अशोक कटारिया ने बताया कि पिछले माह किसी ने जिलाधिकारी डॉ. वीके सिंह से शिकायत की थी ईव्ज चौराहा स्थित मेरठ स्कैन सेंटर में अनियमितताएं बरती जा रही हैं। इसपर डीएम ने जांच कराई। जिस परिसर में मेरठ स्कैन सेंटर चल रहा था, उसका किरायानामा भी खत्म हो चुका था। इसपर उक्त सेंटर का पंजीकरण निरस्त कर दिया गया।उन्होंने बताया कि उप्र आवास एवं विकास परिषद के अधिकारियों द्वारा सीएमओ कार्यालय में शिकायत की थी कि शास्त्रीरनगर एक घर में बिना नक्शा पास कराए नेशनल हॉस्पिटल चल रहा है। अवैध भवन में नर्सिंग होम का संचालन नहीं किया जा सकता। इसपर सीएमओ ने लाइसेंस निरस्त कर दिया था, लेकिन इसके बावजूद उक्त हॉस्पिटल का संचालन किया जा रहा था।
इसकी शिकायत पर टीम को भेजकर जांच कराई को उक्त हॉस्पिटल चलता हुआ पाया गया। जांच रिपोर्ट के आधार पर उक्त हॉस्पिटल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। सीएमओ ने बताया कि 16 झोलाछाप चिकित्सकों द्वारा क्लीनिक चलाने की शिकायत मिली थी। उन्हें नोटिस भेजे गए, तो 15 अपनी क्लीनिक बंद करके भाग गए। एक झोलाछाप रिजवान ने क्लीनिक बंद नहीं की, इसपर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई।