Wednesday, August 27, 2025
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भ्रष्टाचार की सफाई: कैंट बोर्ड के दो कंप्यूटर सील

  • कूड़ा कलेक्शन टेंडर और उससे ज्यादा भुगतान को लेकर भ्रष्टाचार का मामला
  • निदेशक डीएन यादव ने की कार्रवाई

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: कैंट बोर्ड के सफाई अनुभाग में कूड़ा कलेक्शन के टेंडर में भ्रष्टाचार पर आखिर जांच अधिकारी डीएन यादव ने मंगलवार को शिकंजा कस दिया। सफाई का टेंडर कम का हुआ और भुगतान ज्यादा का कर दिया गया। यह मामला तूल पकड़ गया, जिसकी जांच पड़ताल करने के लिए लखनऊ से निदेशक डीएन यादव मंगलवार को कैंट बोर्ड आॅफिस पहुंचे,

जहां पर उन्होंने दो घंटे सीईओ ज्योतिकुमार से बंद कमरे में बात की, फिर शिकायतकर्ताओं से बात की। इसके बाद शाम को सफाई अनुभाग के दो कंप्यूटरों को सीज कर दिया। जांच अधिकारी की कंप्यूटर सीज की इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया। जांच अधिकारी अभी दो दिन और कैंट बोर्ड में रहेंगे तथा अवैध निर्माणों को लेकर भी जांच पड़ताल करेंगे।

घर-घर से कूड़ा कलेक्शन करने के टेंडर और भुगतान को लेकर हुए भ्रष्टाचार के मामले के खिलाफ ‘जनवाणी’ ने मुहिम चला रखी हैं। भ्रष्टाचार के इस मामले में तत्कालीन कैंट बोर्ड के सीईओ नावेन्द्र नाथ की गर्दन फंसी हुई हैं। हाईकोर्ट में भी इसकी जुलाई में सुनवाई हैं, जिसके बाद एफआईआर भी दर्ज हो सकती हैं। रक्षा महानिदेशक अजय शर्मा के निर्देश पर मंगलवार को लखनऊ से निदेशक डीएन यादव कैंट बोर्ड आॅफिस पहुंचे।

सबसे पहले उन्होंने सीईओ ज्योति कुमार से बातचीत की। उनके बीच करीब दो घंटे मीटिंग चली। इसके बाद शिकायतकर्ता राजीव गुप्ता, पुनीत शर्मा, कैंट बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष विपिन सौढ़ी और नरेन्द्र नागपाल की शिकायत सुनी। इन सभी शिकायतकर्ताओं को एक-एक बुलाकर कैंट बोर्ड में स्थित कमांडर के आॅफिस में समस्या सुनी।

शिकायतकर्ताओं ने डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का टेंडर से ज्यादा का भुगतान करने की शिकायत हुई। इसमें बड़ा भ्रष्टाचार हुआ, जिसके चलते कैंट बोर्ड को करोड़ों का नुकसान एक वर्ष में हुआ हैं। शिकायतकर्ताओं की शिकायत सुनने के बाद जांच अधिकारी ने शाम 7 बजे कैंट बोर्ड आॅफिस में स्थित सफाई अनुभाग में पहुंचे, जहां पर उन्होंने लगे दो कंप्यूटरों को सील कर दिया।

दोनों कंप्यूटर में ही भ्रष्टाचार के सबूत कैद हैं। तमाम कायदे कानून ताक पर रखकर डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन ठेकेदार से दोस्ती निभाते हुए राजस्व का नुकसान क्यों किया? इसी को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इन सवालों का जवाब जानने के लिए ही दोनों कंप्यूटरों को सील किया गया है।

कूड़ा कलेक्शन में हुए भ्रष्टाचार की शिकायत सब एरिया मुख्यायल से लेकर मध्य कमान और डीजी डिफेंस तक पहुंची थी। भ्रष्टाचार पर जिस तरह से कार्रवाई आरंभ की गई, उसको देखकर लगता है कि तत्कालीन सीईओ नवेन्द्र नाथ समेत कई कैंट बोर्ड कर्मियों पर कार्रवाई की गाज गिर सकती हैं।

दो दिन रहेंगे जांच अधिकारी, अवैध निर्माण पर भी होगी कार्रवाई

जांच अधिकारी डीएन यादव दो दिन और कैंट बोर्ड आफिस में रहने वाले हैं। उनकी जांच का दायरा अब अवैध निर्माण भी होगा। इसकी भी शिकायत मुख्यालय को गई थी। क्योंकि अवैध निर्माण की भी कैंट क्षेत्र में बाढ़ आई हुई हैं। गरीबों के अवैध निर्माण पर कार्रवाई हो रही है, रसूखदारों के निर्माणों पर कार्रवाई करने की बजाय दोस्ती निभाई जा रही हैं।

इसमें इंजीनियरों की भूमिका को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं, जिन पर कार्रवाई हो सकती हैं। इसकी भी जांच होगी। हालांकि पहले दिन अवैध निर्माण को लेकर जांच अधिकारी ने कोई कार्रवाई नहीं की हैं। टोल टेक्स में भी घालमेल कर राजस्व को क्षति पहुंचाई गयी। इस तथ्य की भी जांच पड़ताल की जाएगी।

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