बात उस समय की है, जब कोलम्बस अपनी महान यात्रा पर निकलने वाला था। नाविकों में जोश और उत्साह था, परन्तु गांव का ही एक युवक फ्रोज नहीं चाहता था की कोई भी इस यात्रा पर जाए। फ्रोज की मुलाकात पिजारो नाम के साहसी युवा नाविक से हुई।
पिजारो को डराने की नीयत से पिजारो से पूछा, तुम्हारे पिता, तुम्हारे दादाजी और तुम्हारे परदादा की मृत्यु कहां हुई थी? दुखी स्वर में पिजारो ने कहा, सभी समुद्र में डूबने से मरे। इस पर ताना मारते हुए फ्रोज ने कहा, जब तुम्हारे सारे पूर्वज समुद्र में डूबकर मरे, तो तुम क्यों मरना चाहते हो? पिजारो फ्रोज की मंशा समझ चुका था।
उसने तुरन्त फ्रोज से पूछा, अब तुम बताओ कि तुम्हारे पिताजी, तुम्हारे दादाजी और परदादा कहां मरे? फ्रोज ने मुस्कुराते हुए कहा, बहुत आराम से, अपने बिस्तर पर। पिजारो ने कहा, जब तुम्हारे समस्त पूर्वज बिस्तर पर ही मरे, तो फिर तुम अपने बिस्तर पर जाने की मूर्खता क्यों करते हो? रोज बिस्तर पर जाते हो, जबकि तुम्हारे सभी पूर्वजों ने बिस्तरों पर दम तोड़ा।
अगर किसी के पूर्वज सफर के दौरान मर गए तो क्या वह सफर करना छोड़ देगा? नहीं छोड़ेगा ना? कोई कैसे मरेगा, इसका किसी को नहीं पता। इतना सुनते ही फ्रोज का खिला हुआ चेहरा उतर गया। क्या तुम्हें बिस्तर पर जानें से डर नहीं लगता? पिजारो ने उसे समझाया, मेरे मित्र, इस दुनिया में कायरों के लिए कोई स्थान नहीं है। साहस के साथ प्रतिकूल स्थितियों में जीना जिंदगी कहलाती है।
प्रस्तुति: राजेंद्र कुमार शर्मा