Saturday, August 23, 2025
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रोडवेज की कंपनी के डाटा सेंटर पर साइबर अटैक

  • प्रदेश भर में लागू करनी पड़ी मैनुअली टिकट की व्यवस्था डाटा रिकवर करने में लगे एक्सपर्ट

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की इलेक्ट्रानिक बस टिकटिंग प्रणाली की सेवा प्रदाता संस्था के नवी मुम्बई स्थित डाटा सेंटर पर विदेश में बैठे हैकरों ने साइबर अटैक कर दिया। जिसके चलते बीती रात से आॅनलाइन सेवाएं ठप होकर रह गई हैं। इस बीच स्थित सामान्य होने तक बसों में मैन्युअली टिकट बनाने की व्यवस्था कराई गई है।

वहीं, सेवा प्रदाता फर्म ने डाटा को रिकवर करने के लिए एक्सपर्ट टीम डिप्लाय करते हुए साइबर क्राइम के अन्तर्गत विधिक कार्यवाही भी कराई है। हालांकि सेवा प्रदाता ने निगम की सेवाओं को पुन: री-स्टोर किये जाने के अन्तर्गत नये सर्वर स्थापित कर एक सप्ताह का समय मांगा है।

आरएम केके शर्मा ने देर रात लखनऊ से मिले दिशा-निर्देश और जानकारी के हवाले से अवगत कराया कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की इलेक्ट्रानिक बस टिकटिंग प्रणाली का रख-रखाव मेसर्स ओरियन-प्रो नाम की फर्म द्वारा किया जाता है। जिसके अन्तर्गत सेवा प्रदाता फर्म को निगम की समस्त बसों में इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीनें, काउंटर बुकिंग तथा आॅनलाइन बुकिंग व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है।

परियोजना में समस्त डाटा तथा नेटवर्क सिक्योरिटी इत्यादि के रख-रखाव का दायित्व भी सेवा प्रदाता फर्म की ओर से निर्धारित है। इस बीच मंगलवार मध्य रात्रि लगभग दो बजे सेवा प्रदाता फर्म के डाटा सेंटर (जो कि एक अन्य फर्म मेसर्स वेबवर्क्स द्वारा संचालित है) में कुछ विदेशी हैकर्स द्वारा टिकटिंग सर्वर के डाटा को इनक्रिप्ट कर दिया गया है। जिस कारण सेवा प्रदाता फर्म का टिकटिंग सिस्टम पूर्ण रूप से प्रभावित हो गया है।

जिसे रिस्टोर किये जाने की कार्यवाही के लिए एक्सपर्ट की टीम को लगाया गया है। आरएम ने बताया कि निगम बसों के संचालन को मैनुअल टिकटिंग के माध्यम से कराते हुए समस्त क्षेत्रों में बसों का संचालन पूर्व की भांति मैनुअल टिकट माध्यम से करा दिया गया है। इस स्थिति के कारण किसी भी प्रकार से बसों का संचालन प्रभावित न हों इसके लिए क्षेत्रीय अधिकारियों को बस स्टेशनों तथा डिपो पर राउंड दी क्लाक मानीटरिंग किये जाने के लिए निर्देशित किया गया है।

वहीं प्रकरण में आज सेवा प्रदाता फर्म के उच्च प्रतिनिधियों तथा साइबर सिक्योरिटी एक्सपटर्स के साथ बैठक कर शीघ्र डाटा रिकवर करते हुए आॅनलाइन सेवाओं को पुनर्स्थापित किये जाने की कार्यवाही शीर्ष प्राथमिकता पर किये जाने का निश्चय लिया गया है।

तीन महीने के मैनुअल टिकट रखे जाते हैं रिजर्व

आरएम केके शर्मा के अनुसार मैनुअल टिकटिंग प्रणाली प्रयुक्त किये जाने से निगम राजस्व में कोई हानि परिलक्षित नहीं हुई है। बल्कि कुछ डिपोज में राजस्व प्राप्ति बढ़ी हुई मिली है। परिवहन निगम द्वारा हमेशा तीन माह की प्रयोग अवधि के बराबर मैनुअल टिकट की संख्या रिजर्व में रखी जाती है, जिससे इस प्रकार की स्थिति होने से यात्रियों को कोई असुविधा न होने पाये।

सेवा प्रदाता मै. ओरियन प्रो. फर्म द्वारा त्वरित गति से डाटा रिकवरी तथा सामान्य संचालन किये जाने की कार्यवाही शीर्ष प्राथमिकता पर की जा रही है। लगभग सात से 10 दिवस में चरणवार समस्त 20 क्षेत्रों व 115 डिपोज में पूर्व की भांति इलेक्ट्रानिक टिकटिंग प्रणाली पुर्नस्थापित हो सकेगी। कुल 82 प्रवर्तन दलों को अलर्ट मोड पर रख अग्रेसिव चेकिंग कार्य कराया जा रहा है।

सेवा प्रदाता फर्म द्वारा नवी मुम्बई स्थित अपने मुख्यालय पर इसके संबंध में एफआईआर कर दी गयी है। सेवा प्रदाता फर्म द्वारा उपलब्ध कराये गये समस्त अप्लीकेशन्स, तथा वेब पोर्टल्स का भी थर्ड पार्टी सिक्योरिटी आडिट नये सिरे से कराये जाने का निर्णय लिया गया है। -केके शर्मा, आरएम, मेरठ परिक्षेत्र, मेरठ

परिक्षेत्र के हर डिपो से दो-दो बसों को गोद लेंगे आरएम और एसएम

आने वाले दिनों में उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों की हालत काफी बेहतर नजर आ सकेगी। रोडवेज की बसें अंदर और बाहर से एकदम साफ-सुथरी दिखेंगी, इसके साथ ही बसों की सीटों से लेकर अन्य जरूरी सामान उपलब्ध कराकर बसों की दशा-बेहतर से बेहतर नजर आगी।

पैसेंजर्स को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने तथा रोडवेज की छवि को बेहतर करने के उद्देश्य से परिवहन निगम ने बदलाव की ओर नाम की पहल शुरू की है। इस अभियान के तहत बसों को संवारने का कार्य निगम के अफसर करेंगे। इसके लिए आरएम और एसएम परिक्षेत्र के हर डिपो से दो-दो बसें यानि हर महीने कुल 10-10 बसों को गोद लेंगे।

लखनऊ स्तर से शुरू की गई इस व्यवस्था के तहत मेरठ परिक्षेत्र के आरएम और एसएम सभी पांच डिपो से दो-दो बसों को गोद लेंगे। उन्हें परिक्षेत्र से हर महीने 10-10 बसें लेनी होंगी। वहीं संबंधित डिपो के एआरएम भी अपने डिपो की 10 बसों को गोद लेंगे। बसें एक-एक माह के लिए गोद ली जाएंगी, यह क्रम हर महीने बदलता रहेगा। इस दौरान गोद लेने वाले अधिकारी बसों की न सिर्फ निगरानी करेंगे, बल्कि बसों की सभी कमियों को दूर कर उसकी दशा भी बदलेंगे।

बस की मरम्मत से लगायत साफ-सफाई रखरखाव और यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाएंगे। विभिन्न आयु वर्ग की बसों का लोड फैक्टर व डीजल खपत की स्टडी कर निर्धारित रूट पर उसकी उपयोगिता तय करेंगे। प्रत्येक माह की पांच तारीख को इस बारे में रिपोर्ट तैयार करके लखनऊ हेडक्वार्टर को भेजेंगे। बेहतर करने वाले प्रदेश के तीन अफसरों को मुख्यालय की ओर से अवार्ड देकर सम्मानित करने का कार्यक्रम भी योजना में शामिल रहेगा।

आरएम केके शर्मा ने बताया कि इस सिलसिले में मुख्यालय की ओर से परिवर्तन की ओर अभियान को लेकर अनुश्रवण करने के निर्देश जारी किए गए हैं। सभी अनुबंधित, निगम बसों एवं बस स्टेशनों पर क्षेत्रीय प्रबंधक, सेवा प्रबंधक सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक के मोबाइल नंबर अंकित कराने का काम पहले से ही किया जा रहा है।

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