- इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाने के लाइसेंस पर हो रहा था बारूद का काम
- दस लोगों की गई जान, कई घायल लड़ रहे हैं मौत से जंग
जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: पांच सौ वर्ग मीटर की फैक्ट्री परिसर में टिन शेड के नीचे अवैध रूप से पटाखे बनाने का काम पिछले तीन महीने से चल रहा था। काम कितनी गोपनीयता के साथ किया जा रहा था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पड़ोस के फैक्ट्री संचालकों को इसकी भनक तक नहीं थी।
जबकि यहां बड़े स्तर पर खिलौना बंदूक में काम आने वाली स्काई शॉट बनाने का काम हो रहा था। आग से बचाव के लिए यहां न तो आधुनिक उपकरण थे और न ही किसी प्रकार के संसाधन मौजूद थे।
पड़ोस में काम करने वाले फैक्ट्री संचालकों ने बताया कि फैक्ट्री में करीब तीन साल पहले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाने का काम होता था। मेरठ निवासी दिलशाद खान की रूही इंडस्ट्रीज के नाम से फर्म है और इसी नाम से रजिस्टर्ड है।
पिछले काफी समय से काम बंद था और करीब तीन माह पहले ही इस फैक्ट्री को हापुड़ निवासी वसीम को किराए पर दिया गया था। फैक्ट्री में एक हॉल और छोटे कमरे के अलावा पूरे परिसर में बड़े टिन शेड के नीचे काम चल रहा था।
विस्फोट के बाद यह टिन शेड जमींदोज हो गया। फैक्ट्री परिसर में कोई आग बुझाने का सिलिंडर तक नहीं था। अंदाजा लगाया जा रहा था। यहां केवल खिलौना बंदूक की गोली में बारूद भरने का काम किया जाता था, जो पूरी तरह हाथ से किया जाता था। जिसके कारण यह हादसा हुआ।
आईजी प्रवीन कुमार ने बताया कि इस बंद फैक्ट्री में पटाखे बनाने का काम चल रहा था। इसके पीछे एक बिजली का ट्रांसफार्मर भी था। हो सकता है कि उसमें आग के बाद यहां आग लगी हो, हालांकि आग का कारण स्पष्ट नहीं है। बता दें कि हादसे में दस लोगों की मौत, 14 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से चार की हालत गंभीर है।