- अलविदा-2023: खट्टी-मिट्ठी यादों के साथ बीता वर्ष, अब नववर्ष पर लिखे जाएंगे नए आयाम
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: खट्टी-मिट्ठी यादों के साथ वर्ष 2023 भी बीत गया। विकास के क्षेत्र में इस साल नये आयाम लिखे गए। एक तरह से तमाम सौगात देकर वर्ष 2023 गुजर गया है। विकास की पटरी पर जनपद खूब दौड़ा। अभी उम्मीदों के सपने अधूरे हैं और नूतन वर्ष में उन उम्मीदों को पंख लगने की उम्मीद भी है। मेरठ विकास की पटरी पर दौड़ते हुए नजर आया, लेकिन नए साल का नया सवेरा एक नई किरण लेकर आया है।
उम्मीद है कि 2024 में विकास के नये आयाम और लिखे जाएंगे। मेरठ में स्पोर्ट्स स्टेडियम की सौगात मिली, जिस पर काम भी चालू हो गया। मेरठ-करनाल हाइवे बना। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे की बड़ी सौगात मिली। गंगा एक्सप्रेस-वे पर काम चल रहा है। मेरठ-पौड़ी मार्ग बनकर तैयार हो गया, जो बड़ी सुविधा जनता को सौगात में मिली हैं। वर्ष 2023 अलविदा कह गया है।
यह साल जनवरी से लेकर दिसंबर तक जहां उठापठक का रहा, वहीं नई सौगातों वाला भी रहा। विकास की पटरी पर तो जनपद दौड़ा ही साथ ही सोतीगंज के कलंक को भी मिटाने की उपलब्धि झोली में गई। सोतीगंज का कलंक कार चोरों के रूप में था, जिसकी ऐसी धुलाई हुई कि ये इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। इसके अलावा प्रशासनिक स्तर पर कई अच्छे काम हुए हैं। उद्योगों को स्थापित करने के लिए यहां बंपर प्रस्ताव तो आए, लेकिन अभी औद्योगिक इंकाईयां चलती हुई नहीं दिखी।
सलावा में खेल विश्वविद्यालय का निर्माण आरंभ हुआ। मेयर का चुनाव हुआ, जो भाजपा की झोली में गया। मेयर का चुनाव भी अहम रहा भाजपा के लिए। विपक्ष को इसमें भी बड़ा झटका लगा। इसके अलावा सड़कों का जाल मेरठ में लगातार बिछ रहा है। दिसंबर के अंतिम सप्ताह में रैपिड रेल का ट्रायल भी हो गया। दुहाई से लेकर परतापुर तक रैपिड रेल ट्रायल के रूप में इस वर्ष दौड़ गयी, जिसका संचालन तो 2024 में ही होगा, लेकिन ट्रायल इंजीनियरों ने 2023 में ही कर दिया। ये उपलब्धि भी इसी वर्ष को जाती हैं।
ये देखा जाए तो क्रांतिधरा के हिस्से में बड़ी उपलब्धि गई हैं। मेरठ की जनता को दिल्ली सफर करने के लिए रैपिड रेल की सुविधा मील का पत्थर साबित होगी। मेरठ-बागपत हाइवे का निर्माण हुआ। ये चालू भी इसी वर्ष हो गया हैं। एक तरह से मेरठ को कई हाइवे से जोड़ दिया गया हैं, जो बडी उपलब्धि क्रांतिधरा के खाते में जाती हैं। उम्मीद नए साल में हस्तिनापुर को रेलवे लाइन से जोड़ने की भी हैं। इसके लिए बजट में दिया तो गया है, लेकिन इस पर इस वर्ष लोग इंतजार ही करते रहे, काम चालू नहीं हो सका।
इसी तरह से सरधना को रेलवे लाइन से जोड़ने की प्रक्रिया सर्वे के रूप में तो चली, लेकिन बात इससे आगे नहीं बढ़ी। मेरठ से रोहटा होते हुए बड़ौत तक सड़क चौड़ीकरण का निर्माण नये साल में होगा ऐसी उम्मीद हैं। जुर्रानपुर रेलवे क्रांसिग पर बना खड़ा पुल की फाइल फिर से झाडकर निकाली गई, जिस पर उम्मीद है कि नये वर्ष 2024 में अवश्य ही काम होगा, ताकि बिजली बंबा बाइपास पर जाम से मुक्ति मिलेगी,
ऐसी उम्मीद हैं। जली कोठी से बच्चा पार्क तक एलिविटिड रोड के निर्माण की उम्मीद 2024 में हैं। हवाई पट्टी ने निराश किया। हवाई पट्टी को भाजपा जमीन पर नहीं उतार सकी। बागपत रोड से रेलवे रोड का लिंक मार्ग का मुद्दा तो खूब उठा। सेना ने भी एनओसी दे दी, लेकिन काम 2023 में चालू नहीं हो सका। इसके निर्माण से बड़ी राहत जनता को मिलेगी।