- भ्रष्टाचारी क्लर्क की कुर्सी छीनी, निलंबन भी तय
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: मंगलवार को डीएम दीपक मीणा भ्रष्टाचार के खिलाफ एक्शन मोड में दिखे। डीएम ने वरिष्ठ क्लर्क गजेन्द्र भास्कर को तहसील की कुर्सी से हटा दिया। उनके खिलाफ जांच कर रहे एसडीएम सदर बुधवार को डीएम को रिपोर्ट सौंपेंगे। प्रारंभिक जांच पड़ताल में यह तो स्पष्ट हो गया है कि वायरल वीडियो गजेन्द्र भास्कर का है तथा वह घूस ले रहा हैं। इसके बाद ही डीएम एक्शन मोड में दिखे तथा क्लर्क को तत्काल प्रभाव से हटाते हुए बुधवार तक रिपोर्ट मांग ली हैं।
घूस लेने वाले क्लर्क के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई होना लभगत तय माना जा रहा हैं। तहसील के वरिष्ठ क्लर्क गजेन्द्र भास्कर फाइल आगे बढ़ाने से पहले पीड़ित से घूस लेने से बाज नहीं आते हैं। उनके पटल पर दो दर्जन से ज्यादा फाइलें हर रोज पेडिंग पड़ी रहती थी। इसकी शिकायत तहसीलदार रामेश्वर के पास भी गई थी।
तहसीलदार ने इसमें क्लर्क को फटकार लगाई तो क्लर्क ने तहसीलदार के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया था तथा तहसीलदार पर यह आरोप लगा दिया था कि वह फाइल पर हस्ताक्षर कराने के लिए तहसीलदार के पास पहुंचे तो फाइल को फेंक दिया गया था।
यह प्रकरण मीडिया में तब आउट तो नहीं हुआ, लेकिन यह मामला तत्कालीन एसडीएम सदर के पास पहुंच गया था। तब तहसीलदार को ही उलटे फटकार लग गई थी। अब फिर फाइल का मामला सामने आया, जिसमें भ्रष्टाचार हुआ। इस फाइल पर घूसखोरी की वीडियो ‘स्टिंग’ खुद पीड़ित ने ही कर दिया। ‘स्टिंग’ में 500-500 रुपये रिश्वत लेते हुए दर्शाया गया हैं।
गजेन्द्र ने 500-500 के नोट लिये, फिर अपनी टेबल की दराज में रख दिये। यह पूरा वीडियो ‘स्टिंग’ हैं। इस पूरे मामले की जांच रिपोर्ट डीएम ने एसडीएम सदर व तहसीलदार से मांगी हैं। तीन दिन में इसकी रिपोर्ट देनी थी। बुधवार को तीन दिन पूरे हो जाएंगे।
माना जा रहा है कि आज शाम तक क्लर्क का निलंबन होना तय माना जा रहा हैं। खुद डीएम भी इस वीडियो के वायरल होने के बाद सख्त हैं। मंगलवार को क्लर्क गजेन्द्र भास्कर को कुर्सी से हटा दिया गया। डीएम आॅफिस में फिलहाल उन्हें अटैच किया गया हैं।