Friday, September 19, 2025
- Advertisement -

Vijaya Ekadashi 2025: विजया एकादशी के व्रत में भूलकर भी न करें ये काम, खंडित हो स​कता है उपवास

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। हिंदू धर्म में एकादशी के व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। एकादशी व्रत हर महीने के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर रखा जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित होता है। इस दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा करने से साधक को दुखों से मुक्ति प्राप्त होती है और उसके जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है। साथ ही माता लक्ष्मी का आशीर्वाद भी मिलता है। हालांकि विजया एकादशी का व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं को कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए। यह नियम व्रत की पवित्रता और भगवान की कृपा प्राप्ति के लिए आवश्यक हैं।

कब है विजया एकादशी 2025?

  • इस साल विजया एकादशी का पर्व 24 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा।
  • एकादशी तिथि प्रारंभ: 23 फरवरी दोपहर 1:55 बजे
  • एकादशी तिथि समाप्त: 24 फरवरी दोपहर 1:44 बजे
  • उदयकाल के आधार पर, व्रत और पूजा का शुभ मुहूर्त 24 फरवरी को रहेगा।

विजया एकादशी पर न करें ये काम

  • चावल का सेवन न करें- इस दिन चावल और चावल से बने खाद्य पदार्थों का सेवन निषिद्ध है। ऐसा माना जाता है कि एकादशी के दिन चावल खाने से माता लक्ष्मी रुष्ट हो सकती हैं और व्रत का प्रभाव भी कम हो जाता है।
  • तुलसी के पौधे को नुकसान न पहुंचाएं- एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते या मंजरी तोड़ना अशुभ माना जाता है। इस दिन तुलसी के पौधे की पूजा करें लेकिन पत्तों को न छुएं। इससे माता लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है।
  • काले रंग के वस्त्र न पहनें- विजया एकादशी के दिन काले रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए। इसके स्थान पर, पीले या सफेद रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। पीला रंग भगवान विष्णु का प्रिय है और यह शुभता का प्रतीक है।

विजया एकादशी पर करें ये काम

  • भगवान विष्णु की पूजा- इस दिन भगवान विष्णु के समक्ष दीप जलाएं, उन्हें फल, फूल और तुलसी अर्पित करें। “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
  • निर्जल या फलाहार व्रत- भक्त अपने सामर्थ्य अनुसार निर्जल व्रत या फलाहार व्रत रख सकते हैं। फलाहार में फल, दूध और सूखे मेवे का सेवन किया जा सकता है।
  • सात्विक आहार- यदि व्रत नहीं रख रहे हैं, तो भी इस दिन तामसिक भोजन से परहेज करें। प्याज, लहसुन जैसे तामसिक खाद्य पदार्थों का त्याग करें।

विजया एकादशी का अर्थ ही है ‘विजय’। ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से जीवन में आने वाली सभी बाधाओं का नाश होता है और भक्त सफलता प्राप्त करता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम ने लंका पर विजय पाने के लिए इसी व्रत का पालन किया था। इसलिए इस एकादशी का महत्व और भी बढ़ जाता है।

spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

सचिन की राह में बारिश की बूंदे, 40 सेमी से रह गया पदक

खेकड़ा निवासी सचिन यादव से टोक्यो में थी पदक...

खेकड़ा की पगडंडियों से निकला भविष्य का ‘सितारा’

साढ़े छह फीट हाइट के सचिन यादव बनना चाहते...

मेडल नहीं, जीत लिया देशवासियों का दिल, खुशी की लहर दौड़ी

-खेकड़ा की पट्टी अहिरान निवासी और यूपी पुलिस के...

TRP Week 36: टीआरपी की जंग, ‘अनुपमा’ और ‘तुलसी’ में कड़ी टक्कर, कौन बना नंबर वन?

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत...

Aryan Khan: शाहरुख खान की होने वाली बहू कौन? आर्यन की रूमर्ड गर्लफ्रेंड बनी प्रीमियर की स्टार

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत...
spot_imgspot_img