Tuesday, May 13, 2025
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फूड प्वाइजनिंग से दर्जनभर बालिकाएं बेहोश

  • हाल-ए-कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय
  • एसडीएम समेत बीएसए, सीओ और इंस्पेक्टर भी मौके पर पहुंचे, जाना हाल

जनवाणी संवाददाता |

मवाना: गरीबी रेखा में जीवन यापन करने वाले परिवार की बेटियों को बेहतर शिक्षा प्रदान कराने के लिए भले ही सरकार प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये खर्च कर रही हो, लेकिन शिक्षा विभाग सरकारी आवासीय विद्यालय में पढ़ने वाली बालिकाओं को शिक्षा से लेकर खानपान एवं छात्रावास में रहने के लिए भ्रष्टाचार का खेल खुलेआम खेला जा रहा है।

वीवीआईपी तहसील रोड स्थित बेसिक शिक्षा विभाग अंतर्गत आने वाले कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने वाली गरीब बालिकाओं को स्कूल में तैनात शिक्षिकाओं ने सुबह नाश्ते में खराब बेसन से निर्मित आलू की पकौड़ी एवं चाय परोस दी। छात्रावास में मौजूद बालिकाओं द्वारा पकौड़ी का सेवन करने के बाद एकाएक करीब एक दर्जन बालिकाओं की हालत बिगड़ गई।

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बालिकाओं को सिर एवं पेट दर्द की ज्यादा शिकायत होने पर बालिकाओं को बेहोश होते हुए देख स्कूल शिक्षिकाओं में हड़कंप मच गया। मामला बिगड़ते देख शिक्षिकाओं ने मामले की सूचना शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दी। सूचना मिलने पर पहुंचे बालिका शिक्षा अधिकारी मयंक मिश्रा ने बेहोश छात्राओं को सीएचसी में भर्ती कराया, लेकिन चिकित्सकों ने हालत गंभीर देखते हुए कुछ छात्राओं को पीएल शर्मा अस्पताल के लिए रेफर कर दिया।

स्कूल प्रशासन की लापरवाही का नमूना सामने आने के बाद एसडीएम अखिलेश यादव खुद कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय पहुंचे और शिक्षिकाओं से बातचीत कर सीएचसी में उपचार ले रही छात्राओं से हाल जाना। एसडीएम अखिलेश यादव ने स्कूल वार्डन अमरीता वेदवान से बातचीत की, लेकिन उन्होंने अपना तबादला खरखौदा होने पर चार्ज देने आने की बात कही।

अभिभावकों का आरोप है कि छात्राओं को मीनू के अनुसार स्कूल में भोजन नही दिया जा रहा है। मात्र दाल-चावल, कद्दू-रोटी आदि खिलाया जाता है। जिससे छात्राओं का स्वास्थ्य खराब हो रहा है। भीषण गर्मी के साथ फूड प्वाइजनिंग के बाद छात्राओं की हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने छात्राओं को प्राथमिक उपचार देकर पीएल शर्मा अस्पताल में रेफर कर दिया है।

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स्कूल में मौजूद कुछ छात्राएं की हालत गंभीर देखते हुए उनकों भी भर्ती कराया। सूचना मिलने के बाद एसडीएम अखिलेश यादव, बीएसए योगेन्द्र कुमार, सीओ उदय प्रताप सिंह एवं इंस्पेक्टर विष्णु शर्मा मयफोर्स के मौके पर पहुंचे और पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली।

एसडीएम अखिलेश यादव ने बच्चों को नाश्ते में दिये गये भोजन के नमूने भरवाकर लैब में भेज दिया है। वहीं, सीएचसी चिकित्सक अधीक्षक डा. अनिल शर्मा ने अन्य बालिकाओं के लिए स्वास्थ्य संबंधित दवाई का वितरण किया है। हालांकि बीएसए योगेन्द्र कुमार ने फूड प्वाइजनिंग से इंकार कर भीषण गर्मी से बालिकाओं की हालत बिगड़ने की बात कही है।

छात्रावास में बने तीन कमरों में रहती हैं 90 बालिकाएं

कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय परिसर में बने स्कूल की कक्षाओं के साथ तीन कमरे छात्रावास में शामिल है। जिसमें अलग-अलग तीनों कमरों में 30-30 बालिकाएं विश्राम करती है। तीनों हाल में मात्र एक पंखा एवं काम चलाओ कूलर लगे हैं, लेकिन कमरों में एक्सजोश फैन तक नहीं लगे होने से कमरे की कार्बन डाइ आॅक्साइड कमरे में ही रहने से भी बालिकाओं को भीषण गर्मी की मार झेलनी पड़ रही है। जबकि सरकार द्वारा सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने के बाद भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों की नींद नही टूटी।

एसडीएम के निर्देश पर फूड इंस्पेक्टर ने भरे नमूने

आलू की पकौड़ी खाने से बिगड़ी बालिकाओं की हालत गंभीर देखते हुए शिक्षा विभाग के साथ बालिका आवासीय विद्यालय की शिक्षिकाओं में हड़कंप की स्थिति पनपी नजर आई।

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बालिकाओं की हालत बिगड़ने पर सीएचसी में पहुंचे एसडीएम अखिलेश यादव ने खाद्य विभाग के अधिकारियों को बुलाकर नाश्ते एवं दोपहर मे दिये जाने वाले भोजन के नमूनों को भरवाकर लैब के लिए भेज दिया है। एसडीएम ने बताया कि लैब की रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

मीडिया से बचते नजर आए बीएसए, स्कूल में जाने से रोका

कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में फूड प्वाइजनिंग से इंकार करते हुए बीएसए योगेन्द्र कुमार मीडिया को जानकारी देने से बचते नजर आए तो वही एकाएक बिगड़ रही बालिकाओं की हालत देख बीएसए योगेन्द्र कुमार के साथ शिक्षिकाओं की सांसे फूलने लगी।

इस दौरान एसडीएम अखिलेश यादव ने चिकित्सक अधीक्षक डा. अनिल शर्मा से बातचीत कर बच्चों की स्थिति के बारे में जानकारी ली। बाल रोग विशेषज्ञ डा. अनिल शर्मा ने सभी बालिकाओं को सही उपचार देने की बात कही है। हालांकि एसडीएम ने हर परिस्थिति से निपटने के लिए अन्य चिकित्सकों को उपलब्ध कराने की बात कही। स्कूल में अन्य बालिकाओं की हालत गंभीर होने के बाद मीडिया को स्कूल में कवरेज करने से रोक दिया।

इन बालिकाओं की बिगड़ी हालत

कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय मवाना में पढ़ने वाली कक्षा छह से लेकर आठ तक की बालिकाओं में सलोनी, गुंजन, कशिश, मीनू, नीशु, अनूपा, अनामिका, वैष्णवी, पिंकी, सपना, आकांक्षा आदि दर्जनभर बालिकाओं की नाश्ता में आलू की पकौड़ी एवं चाय पीने के बाद अचानक हालत बिगड़ती चली गई।

जिनमें से दो बालिका सलोनी एवं गुंजन की हालत गंभीर देखते हुए चिकित्सक अधीक्षक डा. अनिल शर्मा ने पीएल शर्मा अस्पताल में रेफर कर दिया है, लेकिन चिकित्सकों द्वारा उपचार नहीं मिलने पर सीएमओ अखिलेश मोहन ने मेडिकल कालेज में रेफर कर दिया है।

महिला आयोग की सदस्य राखी त्यागी ने जाना हाल

कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में फूड प्वाइजनिंग से बिगड़ी हालत की खबर सुनते ही शाम साढ़े पांच महिला आयोग की सदस्य राखी त्यागी ने सीएचसी में भर्ती बालिकाओं का हाल जाना, लेकिन शिक्षा विभाग की लापरवाही उजागर होने से बचने के लिए आनन-फानन सीएचसी में भर्ती बालिकाओं का उपचार कर वापस स्कूल में ले गये।

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महिला आयोग की सदस्य राखी त्यागी ने सीएचसी में भर्ती एक बालिका कशिश से पूरी जानकारी लेते हुए बालिका आवासीय विद्यालय में पहुंची। इस दौरान भर्ती बालिकाओं से खाने की जानकारी ली है।

जनरेटर है, लेकिन तेल गायब, मांगा स्पष्टीकरण

कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय मे सरकार द्वारा हर सुविधा उपलब्ध कराई जाती है, लेकिन बच्चों को खाने से लेकर छात्रावास में रहने के लिए कोई भी सुविधाएं धरातल पर नजर नहीं आ रही है। बिजली चले जाने के बाद स्कूल प्रांगण में जनरेटर की सुविधा शिक्षा विभाग द्वारा कराई गई थी, लेकिन तेल का पैसा हजम कर लिया जाता है।

डीएम दीपक मीणा ने पूरे प्रकरण की जानकारी लेते हुए एसडीएम अखिलेश यादव से बालिकाओं की सुख सुविधाओं के लिए रखे गये जनरेटर नही चलाए जाने का स्पष्टीकरण बीएसए योगेन्द्र कुमार से मांगा है। कहा कि किसी भी सूरत में लापरवाही को बर्दाश्त नहीं कराया जाएगा।

एसडीएम की सख्ती से हांफा शिक्षा विभाग, स्कूल प्रशासन

आलू की पकौड़ी एवं चाय पीने के बाद करीब एक दर्जन बालिकाओं की स्कूल छात्रावास में बिगड़ी हालत की वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस प्रशासनिक अधिकारी अलर्ट मोड पर आ गये। डीएम दीपक मीणा के निर्देश पर बालिकाओं की हालत के पल-पल की अपडेट एसडीएम अखिलेश यादव को गंभीर देखते हुए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को आड़े हाथ लेते हुए तत्काल प्रभाव से सरकार द्वारा कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में दी जा रही सभी व्यवस्था की जानकारी बीएसए योगेन्द्र कुमार से ली।

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एसडीएम अखिलेश यादव से लेकर राज्य महिला आयोग की सदस्य राखी त्यागी के पहुंचने तक बीएसए योगेन्द्र कुमार तथ्यों को छिपाने से बाज नहीं आए। मीडिया से दूरी बनाना एवं प्रशासनिक अधिकारी एसडीएम अखिलेश यादव की सख्ती के बाद रसोई में प्रयोग होने वाली प्रत्येक साम्रगी का सैंपल भरवाया। जिसके चलते शिक्षा विभाग के अधिकारियों की सांसें फूल गयी। एसडीएम अखिलेश यादव ने पूरा समय कार्यालय से हटकर मुख्यमंत्री आदित्यानाथ योगी द्वारा चलाई जा रही बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ अभियान के तहत सख्ती से कार्रवाई की। एसडीएम अखिलेश यादव ने कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय मे बनी रसोई में पहुंचे और हर पहलू पर अपनी जांच की।

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