जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: म्यांमार में गुरुवार सुबह तेज भूकंप के झटकों से दहशत का माहौल बन गया। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, सुबह 6:10 बजे आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.1 मापी गई। भूकंप का केंद्र धरती की सतह से महज 10 किलोमीटर की उथली गहराई पर था, जिससे झटके अधिक तीव्र महसूस किए गए।
भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए। कई स्थानों पर अफरातफरी का माहौल देखने को मिला, हालांकि अब तक किसी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है।
भूकंप का केंद्र उथली गहराई पर
NCS ने बताया कि भूकंप का केंद्र उथली गहराई पर था, जिससे यह क्षेत्र आफ्टरशॉक्स यानी बाद के झटकों के लिए भी संवेदनशील माना जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, उथले भूकंप आमतौर पर अधिक खतरनाक होते हैं क्योंकि भूकंपीय तरंगें सतह तक बहुत तेजी से पहुंचती हैं, जिससे कंपन ज्यादा होता है और संरचनाओं को नुकसान पहुंचने की आशंका बढ़ जाती है।
जानें क्यों आता है भूकंप ?
धरती की बाहरी परतें टेक्टोनिक प्लेट्स से बनी होती हैं। ये प्लेट्स लगातार हलचल में रहती हैं। जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं या खिसकती हैं, तो भूकंपीय ऊर्जा पैदा होती है, जो सतह पर कंपन के रूप में महसूस होती है – इसे ही भूकंप कहा जाता है।
भूकंप के केंद्र और तीव्रता का क्या मतलब है?
भूकंप का केंद्र (Epicenter): वह स्थान जहां प्लेटों के टकराव से ऊर्जा उत्पन्न होती है और जिससे झटके शुरू होते हैं।
तीव्रता (Magnitude): भूकंप की ताकत को दर्शाती है।