- गांव में रास्ते का निर्माण कार्य कराए बगैर ही जारी करा लिए दस लाख रूपये
जनवाणी ब्यूरो |
सरूरपुर: डाहर गांव गुरुवार को घटिया सामग्री और लापरवाही के चलते पांच लाख रूपये की लागत से बनाए गए शौचालय का लिंटर भरभरा कर गिर जाने का समाचार प्रकाशित होने के बाद शुक्रवार को डीपीआरओ डाहर गांव पहुंचे।
उन्होंने मामले की जांच की तथा अन्य विकास कार्यों का भी मौके पर जाकर सत्यापन किया। इस दौरान डीपीआरओ को गांव में दो ऐसे रास्ते जो मौके पर बने हुए नहीं मिले तथा उनका फर्जी बिल लगाकर भुगतान कर लिया गया।
इस मामले में डीपीआरओ ने एडीओ पंचायत व सेक्रेटरी के खिलाफ जांच बैठा दी है। जबकि प्रधान के खिलाफ पहले ही जांच जारी है। मामले को लेकर डीपीआरओ ने एडीओ पंचायत व सेक्रेटरी को मौके पर जमकर फटकार लगाई।
गौरतलब है कि ब्लॉक के बाहर गांव में पांच लाख की लागत से स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय का निर्माण किया गया था। जिस पर गुरुवार को ठेकेदार ओम सिंह ने लेंटर डलवाया था। लेकिन, चंद घंटों बाद लेंटर भरभरा कर जमीन पर गिर गया।
इसके पीछे ग्रामीणों का आरोप था कि ठेकेदार ने ब्लॉक के एडीओ पंचायत, सेक्रेटरी की मिलीभगत से घटिया निर्माण सामग्री लगाए जाने के साथ नाबालिग से लेंटर के ढूले का काम करवाया था।
इस लापरवाही की वजह से लेटर भरभरा कर गिर गया। जिससे जहां बड़ा हादसा होने से बच गया। वहीं सरकारी सिस्टम को लाखों रुपए का नुकसान भी हुआ। साथ ही इस मामले में भ्रष्टाचार की पोल भी खुल गयी।
शुक्रवार को दैनिक जनवाणी ने प्रमुखता से खबर को प्रकाशित किया तो ब्लॉक से लेकर जिले के अफसरों तक में हड़कंप मच गया।
जिसके बाद खबर को संज्ञान लेकर डीपीआरओ आलोक सिन्हा खुद मौके पर पहुंचे जहां उन्होंने भ्रष्टाचार का मामला सामने आने पर चंद घंटों बाद गिरे लेंटर का जायजा लिया तथा मौके पर मौजूद एडीओ पंचायत भूपेंद्र शर्मा, सेक्रेटरी अमित को आड़े हाथों लेते हुए ठेकेदार के साथ घालमेल करने पर चेतावनी जारी की।
इसके बाद डीपीआरओ ने पहले से ही डाहर गांव में चल रही प्रधान के खिलाफ जांच के मामले में दो अन्य रास्तों पर जाकर जांच की तो वे बहुत चौंक गये, जहां उन्हें रिठा ली वह मंदिर वाले मार्ग पर रास्ते बने हुए ही नहीं मिले।
जबकि रिकॉर्ड के मुताबिक सेकेंड तत्कालीन सेक्रेटरी भूपेंद्र शर्मा और प्रधान ने मिलीभगत करके दस लाख रुपए धन जारी करा लिया।
डीपीआरओ ने दस लाख रुपए के गबन के मामले में एडीओ पंचायत भूपेंद्र शर्मा को जमकर लताड़ लगाई। इस मामले में पहले से ही प्रधान प्रवीण कुमार की ग्रामीणों की शिकायत पर घोटाले की जांच चल रही है।
अब गांव में एडीओ पंचायत व ठेकेदार की मिलीभगत से शौचालय में किये गये भ्रष्टाचार की पोल खुलने पर इस पूरे प्रकरण का पटाक्षेप हो गया।
इस मामले में बीडीओ ने अलग से जांच बैठा रखी है। कुल मिलाकर शुक्रवार को डाहर गांव में ग्रामीणों के सामने जो भ्रष्टाचार की पोल खुली तथा एडीओ पंचायत व अन्य दोषी अफसरों को फटकार लगाई गई इससे साफ हो चला गया कि ब्लॉक में एडीओ पंचायत की अगुवाई में जमकर भ्रष्टाचार का घालमेल किया जा रहा है।