जनवाणी संवाददाता |
हरिद्वार: किसान संघर्ष समिति से जुड़े किसानों ने आज कलेक्ट्रेट भवन में प्रदर्शन करते हुए अपनी मांगों का एक ज्ञापन उपजिलाधिकारी को सौंपा। प्रदर्शनकारी किसानों ने बताया कि जिस वक्त हरिद्वार में भेल का निर्माण किया गया उस वक्त किसानो की उपजाऊ भूमि भेल हरिद्वार को दी गई थी।
किसान संघर्ष समिति के जिला अध्यक्ष बलवंत सिंह चौहान ने जानकारी देते हुए बताया है कि भेल हरिद्वार द्वारा जितनी भूमि पर कार्य किया जाना था उसे करने के बाद जो भूमि खाली पड़ी थी उसके लिए किसानों द्वारा सरकार से अपील की गई थी की खाली भूमि को किसानों को वापस दे दिया जाए लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
हालांकि सन 1962 में उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा एक जिओ बनाया गया था कि जो भूमि उपयोग में नहीं ली गई उसे वापस कर दिया जाए, लेकिन आला अधिकारियों की मिली भगत के चलते जिओ की अनदेखी कर दी गई।
उन्होंने जानकारी देते हुए यह भी बताया कि आज खाली पड़ी जमीनों पर अवैध कॉलोनिया और कब्जे भी किया जा रहे हैं। यह सब शासन और प्रशासन की मिली भगत से हो रहा है, क्योंकि आपसी बंदर बांट के चलते 456 एकड़ भूमि जो खाली पड़ी है उसे बंदर बांट कर ठिकाने लगाने का काम किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि आज किसान संघर्ष समिति एक ज्ञापन के माध्यम से जिला अधिकारी को अवगत कराने आए हैं कि जो भूमि खाली पड़ी है उसे किसानों को वापस दे दिया जाए नहीं तो किसान संघर्ष समिति एक बड़ा आंदोलन करेगी।