- किसानों ने कहा कि तहसील में फरियाद सुनने वाला कोई अधिकारी और कर्मचारी नहीं, हो रही भारी परेशानी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सदर तहसील में तहसील कर्मियों की लापरवाही का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। किसानों को घंटों लाइन में खड़ा होने के बाद भी उनकी समस्या का कोई निवारण नहीं मिल पा रहा है, जिसके चलते किसानों में काफी रोष व्याप्त है।
किसानों का कहना है कि तहसील में उनकी फरियाद सुनने वाला कोई अधिकारी या कर्मचारी नहीं है, किसानों ने तहसील की चरमराई व्यवस्था को दुरुस्त करने की मांग की है।
इन दिनों सदर तहसील में क्षेत्र के किसानों को काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। अपनी-अपनी समस्या का निवारण कराने के लिए तहसील पहुंचे किसानों को जब उनकी समस्या का समाधान नहीं मिला तो उनका कहना था कि तहसील में क्या हो रहा है।
समझ में नहीं आता है कि आखिर क्यों तहसील के कर्मचारी व अधिकारी किसानों की पीड़ा को नहीं समझते। बताते चले कि मंगलवार को सैकड़ों किसान अपनी-अपनी समस्याओं को लेकर तहसील पहुंचे थे, जिसमें उन्हें लेखपाल और कानूनगो द्वारा इधर से उधर भटकाया जा रहा था।
इस दौरान खतौनी की नकल निकलवाने के लिए किसानों की लंबी कतार लगी रही, लेकिन यहां पर मात्र एक काउंटर खुलने के कारण अधिकांश किसानों को चार से पांच घंटे लाइन में खड़ा होने के बाद भी मायूसी हाथ लगी। इनमें कुछ बुजुर्ग किसान थे, जिनकी उम्र 60 वर्ष से ऊपर थी, बुजुर्ग किसानों का कहना था कि तहसील में एक खतौनी की नकल लेने के लिए चार घंटे से लाइन में खड़े हैं।
शिकायत करे तो आखिर किससे करे, बताया कि न तो यहां कोई अधिकारी किसानों की शिकायत सुनने के लिए तैयार है और कर्मचारी। किसानों ने खतौनी की नकल निकालवाने की बाबत बताया कि पूर्व में दो या तीन काउंटर पर नकल मिल जाया करती थी, उस दौरान सुबह पहले सभी किसान अपने-अपने फार्म भर देते थे और दोपहर बाद आकर के सभी को आसानी से नकल मिल जाया करती थी, लेकिन अब प्राइवेट लोगों के हाथ में सारा कामकाज अधिकारियों ने थमा रखा है, जो कोई कार्य ठीक से नहीं कर रहे हैं।
आरोप लगाया कि तहसील के कर्मचारी व अधिकारी किसानों का शोषण करने पर अमादा है। तहसीलदार शिल्पा ऐरन से शिकायत करने के लिए जाते हैं तो वे अपने आफिस में कभी मिलती ही नहीं। बताया कि पिछले एक सप्ताह से तो तहसीलदार तहसील ही नहीं आई, ऐसे में किसानों ने तहसील की बिगड़ी व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए व्यवस्था को ठीक करने की पुरजोर मांग की है।
मांग करने वालों में जगबीर सिंह मलिक, सोहनपाल, मुन्ना, अंसार अहमद, अभिषेक शर्मा, रामबीर, सतपाल जगबीर, खालिद समेत काफी संख्या में किसान मौजूद रहे।