Wednesday, August 27, 2025
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एफआईआर नहीं हल, डेरियां हो शहर से बाहर

  • नाले में बहाया जा रहा गोबर, आरटीओ के पास सरकारी जमीन पर कब्जा कर बना दी गर्इं अवैध डेयरियां
  • शहर में अब भी सैकड़ों की संख्या में चल रही डेयरियां

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: शहर में सैकड़ों की संख्या में अवैध रूप से डेयरियों का संचालन हो रहा है, लेकिन नगर निगम की ओर से तीन दिन में मात्र 43 डेयरी संचालकों के खिलाफ एफआईआर कराई गई है। जबकि समस्या का समाधान एफआईआर कराने से नहीं बल्कि इन डेयरियों को शहर से बाहर निकालने से होगा।

मुकदमों के बावजूद शहर में इन डेयरियों का संचालन हो रहा है। केवल शास्त्रीनगर सेक्टर-12 आरटीओ रोड की बात करें तो यहां नाले के किनारे ही लोगों ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर अवैध रूप से डेयरियों बना रखी हैं और उसका गोबर नाले में बहाया जा रहा है। जिसे कोई रोकने वाला नहीं है।

बता दें कि शहर में सैकड़ों की संख्या में डेयरियों का संचालन हो रहा है। लोगों ने अपने घरों के बाहर व अन्य स्थानों पर डेयरियां संचालित कर रखी हैं और इन डेयरियों से निकलने वाला गोबर भी नालियों और नालों में बहाया जाता है। इसे लेकर कई बार नगर निगम की ओर से नोटिस जारी किये जाते रहे कि डेयरियों को शहर से बाहर ले जाया जाये, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हो पाया।

इस बार नगर निगम में अभियान चलाकर डेयरी संचालकों के खिलाफ मुकदमा कायम कराना शुरू किया, लेकिन इन मुकदमों से भी डेयरी संचालकों पर कोई फर्क दिखाई नहीं दे रहा है। अभी तक पिछले चार दिन की बात करें तो नगर निगम की ओर से 43 डेयरी संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है, लेकिन अभी तक इससे अधिक कार्रवाई नहीं की जा रही है।

सेक्टर-12 में ही चल रही 12 से अधिक डेयरियां

शास्त्रीनगर सेक्टर-12 आरटीओ के पास स्थित है और नाले के किनारे पर ही है। यहां डेयरी संचालकों ने अवैध रूप से डेयरी तो खोल ही रखी हैं। इसके साथ ही उन्होंने यहां सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा भी जमा रखा है। यहां नाले के किनारे पर ही दिनभर छप्पर डालकर भैंसों को रखा जाता है और शाम के समय नाले के किराने पर भैंसों को बांध दिया जाता है। उसके बाद यहां जो भी गोबर एकत्र होता है।

वह डेयरी संचालकों की ओर से नाले में ही बहा दिया जाता है। जिस कारण यहां नाले के किनारे ही गोबर एकत्र हो जाता है। नाले में गोबर को बहाया जाता है। जोकि कभी साफ नहीं होता और आगे जाकर यह जलभराव का कारण बन जाता है। इन डेयरी संचालकों पर अभी तक नगर निगम की नजर शायद नहीं पड़ी है। इसके अलावा यहां गली गली में डेयरी संचालक डेयरी खोले हुए हैं, लेकिन इनके खिलाफ कोई कार्रवाई तक नहीं की जा रही है।

सरकारी जमीन पर भी कब्जा

यहां डेयरी संचालकों ने नाले के किनारे पर जो जमीन छोड़ी गई है। उस पर भी कब्जा कर लिया है। यहां अवैध रूप से छप्पर डाल दिये गये हैं। एक नहीं दो नहीं बल्कि यहां पूरे क्षेत्र में ही नाले के किनारे पर सभी ने छप्पर डालकर पशुओं को पाल रखा है। यह जमीन इन लोगों की नहीं है यह सरकारी जमीन है, आवास विकास की जमीन है।

जो खाली पड़ी है, लेकिन इस पर भी डेयरी संचालक अवैध रूप से कब्जा जमाए हैं, लेकिन इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। प्रतिदिन यहां आसपास के सेक्टर-8, 9 और सेक्टर-11 तक के लोग दूध लेने आते हैं और यहां खुलेआम नाले के किनारे भैंसों को बांधा जाता है और गोबर नाले में बहाया जाता है, लेकिन किसी पर कोई खौफ नजर नहीं आता और न ही नगर निगम इस ओर ध्यान दे रहा है। जब तक नगर निगम इन डेयरियों को शहर से बाहर नहीं कराता, तब तक यहां हालात सुधरने वाले नहीं है।

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