जनवाणी संवाददाता |
हस्तिनापुर: खादर क्षेत्र में बाढ़ से तबाही मच गई है। यह क्षेत्र प्रदेश के बाढ़ नियंत्रण राज्य मंत्री दिनेश खटीक का है। ऐसे में हस्तिनापुर की जनता को बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है। बाढ़ नियंत्रण के कोई संसाधन प्रदेश सरकार ने नहीं किए हैं। जिसके चलते यहां के किसानों की फसल बर्बाद हो गई है। सड़क जो बाढ़ आने से पूर्व ठीक-ठाक थी। वर्तमान में बाढ़ की तबाही का मंजर बयां कर रही है।
जब बाढ़ के पानी से सड़क उखड़ गई, पत्थर तक पानी में बह गए तो ऐसे में खेतों की खड़ी फसल किस तरह बर्बाद हुई होगी। इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। बाढ़ आपदा के लिए अभी किसानों को सरकार क्या मुआवजा देगी, यह तय नहीं है। देगी भी या फिर नहीं, लेकिन किसान यहां का बबार्दी के कगार पर खड़ा हो गया है।
कई दिनों तक खादर क्षेत्र के लोगों को अपने कहर दिखाने वाली गंगा नदी ने अब लोगों पर रहम करना शुरू कर दिया है। रविवार को गंगा जलस्तर में आई भारी गिरावट के बाद बाढ़ का पानी नदी के किनारों के अंदर पहुंच गया है, लेकिन अभी भी गंगा किनारे बसे आधा दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में है। सिंचाई विभाग की लापरवाही के चलते टूटे तटबंध के कारण गंगा नदी का पानी गांवों के जंगलों से गुजर रहा है। किसानों कहना है कि यदि गंगा नदी और मौसम मेहरबान रहा तो सप्ताह भर में खाली खेतों में फसलों की बुवाई करेंगे।
लगभग तीन दिन से बिजनौर बैराज और हरिद्वार से गंगा जलस्तर में लगातार कमी हो रही है। बिजनौर बैराज से गंगा नदी में चल रहा डिस्चार्ज रविवार को घटकर 60 हजार क्यूसेक रहा गया। जलस्तर में हो रही कमी से गंगा और खादर क्षेत्र की अन्य नदियों के जलस्तर में तीन से चार फीट की गिरावट आने के बाद गांव के सम्पर्क मार्गों पर चल रहा पानी हट गया है।
जिससे ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। चार दिन तक गंगा नदी ने रौद्र रूप दिखा दर्जनों गांवों के लोगों जीवन यापन रोक दिया था। परंतु अब लोगों का जीवन बाढ़ का पानी उतरने से पट्टी पर वापस लौटता नजर आ रहा है। तापमान में वृद्धि के साथ मौसमी हवा किसानों को लाभ पहुचा रही है। प्रकृति ने उनका साथ दिया तो गन्ने की फसल का बचाव हो सकता हैै। खादर क्षेत्र के गांवों के किसान मनीष, जितेन्द्र, प्रियपाल, पुष्पेंद्र, लोकेश आदि का कहना है कि यदि गंगा नदी के जलस्तर में दोबार वृद्धि नहीं होती तो एक से दो सप्ताह के बीच खाली पड़े खेतों में आराम से गेहूं की बुवाई हो जायेगी।
जलस्तर में कमी, फिर भी गांवों में पानी
जलस्तर कम होने से गंगा किनारे बसे गांव से गंगा किनारे बसे गांव भीकुंड, दुधली, बंगाली बस्ती मखदूमपुर, मनोहरपुर, खेड़ीकलां, बधुवा, बधुवी, गांवड़ी आदि गांव अभी भी पानी से घिरे है। गांवों के आसपास जलभराव होने से गांवों में बीमारियां पैर पसारने लगी है।
जलस्तर में कमी पर दिखी बाढ़ की विभीषिका
कई दिनों तक खादर में कहर बरपाने वाली बाढ़ जैसे-जैसे सामन्या होती जा रही वैसे ही उसके विभीषिका नजर आ रही है। सिंचाई विभाग की लापरवाही के कारण महज दो दिन की बाढ़ ने खादर में करोड़ों की फसल बर्बाद करने के साथ सम्पर्क मार्ग भी तबाह कर दिये। अधिकांश सम्पर्क मार्ग खस्ता हाल हो चुके हैं।
टूटे तटबंध के लिए आखिर जिम्मेदार कौन?
सिंचाई विभाग द्वारा करोड़ रुपये की लगात से बनाया जा रहा तटबंध बेमौसम के पहले झपटें में ही टूट गया। जिसके चलते किसानों की करोड़ों रुपये की फसल बर्बाद हो गई तटबंध का कार्य समय पर पुरा किये जाने तटबंध में घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग न होता तो शायद किसानों के साथ सरकार को भी करोड़ों रुपये की नुकसान न होता।
मुआवजे की आस में किसान
एक सप्ताह खादर में आई बाढ़ ने किसानों की फसलों को तबाह कर दिया। जिसकी भरपाई शायद ही कोई कर सकें, लेकिन इससे बाद भी किसानों को सरकार से मुआवजे की आस है, लेकिन किसानों को यह भी कहना है कि कही सरकार से मिलने वाला मुआवजा ऊंट के मुंह में जीरे के तरह न हो।
राज्यमंत्री ने किया बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा
हस्तिनापुर: जल शक्ति एवं बाढ़ नियंत्रण राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने रविवार को भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ विधानसभा के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। लतीफपुर से सिंह सभा गुरुद्वारा में किसानों को संबोधित करते हुए राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने कहा कि उनकी विधानसभा में इस आपदा में नष्ट हुई किसानों की फसल का उन्हें बहुत दु:ख है, परंतु उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि वार्ड में नष्ट हुई फसल का मुआवजा दिलाया जाएगा।
इस संबंध में उन्होंने डीएम और कमिश्नर से बात कर ली है। जल्द ही मुआवजे की प्रक्रिया शुरू कराई जाएगी। अधिकारियों को सर्वे के आदेश दिए गए हैं। सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि क्षेत्र का चहुंमुखी विकास भाजपा सरकार में हुआ है। जल्द ही हसनापुर को गोल्डन नेशनल हाइवे की सौगात मिलेगी। जिससे क्षेत्र के विकास को चार चांद लगेंगे।
चैत्रा ने किया बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा
मेरठ: प्रभारी जिलाधिकारी चैत्रा वी द्वारा रविवार को बाढ़ प्रभावित हस्तिनापुर क्षेत्र में भ्रमण कर स्थिति का जायजा लिया। इस संबंध में सुरक्षात्मक व्यवस्था और बचाव कार्य करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए गए। प्रभारी जिलाधिकारी द्वारा पूर्व में 19 अक्टूबर, 2021 को गंगा नदी का बांध टूटने से प्रभावित हुए क्षेत्र में वर्तमान स्थिति का जायजा लिया गया।
प्रशासन द्वारा क्षेत्रीय निवासियों के आवागमन के लिए नाव एवं ट्रैक्टर की व्यवस्था सुनिश्चित कराई गई है। यहां पर बांध टूटने से लोगों को आवागमन में दिक्कत हो रही है। करीब दो घंटे प्रभारी जिलाधिकारी हस्तिनापुर खादर क्षेत्र में मौजूद रही तथा लोगों से भी बातचीत की। टूटी सड़कें बता रही थी कि बाढ़ से पूरा क्षेत्र कितना प्रभावित हुआ।