डिजिटल फ्रॉड और अन्य प्रकार के वित्तीय, क्रिमिनल और सिविल अपराधों की तेजी से बढ़ते वारदातों के परिणामस्वरूप फोरेंसिक साइंस का इंवेस्टिगेशन में भूमिका निरंतर बढ़ती जा रही है। ग्लोबलाईजेशन के कारण भी हाल के वर्षों में इस डोमेन में रोजगार और कॅरियर के अवसरों में भी काफी वृद्धि हुई है। लिहाजा आनेवाले दशकों में साइंस बैकग्राउंड वाले स्टूडेंट्स के लिए फोरेंसिक साइंस का डोमेन अपार संभावनाओं से भरा हुआ है।
ऐसा माना जाता है कि फोरेंसिक शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के ‘फोरेन्सिस’ से हुई है जिसका अर्थ ‘फोरम का या फोरम के सामने’ होता है। इसकी उद्भव तब से हुआ माना जाता है, जब रोमन साम्राज्य में आपराधिक आरोप की स्थिति में केस को जनता के फोरम में रखा जाता था। आधुनिक समय में यह शब्द कानूनी साक्ष्य के रूप मे इस्तेमाल किया जाता है। क्रिमिनिलिस्टिक्स के नाम से भी विख्यात फोरेंसिक साइंस क्रिमिनल और सिविल मामलों में विज्ञान के इस्तेमाल को कहा जाता है।
फोरेंसिक साइंस का क्षेत्र काफी व्यापक है और इसके अंतर्गत डीएनए एनालेसिस, फिंगर प्रिंट एनालेसिस, डिजिटल आॅडियो और वीडियो एनालेसिस, ब्लड स्टेन पैटर्न एनालेसिस, फायरआर्म्स एग्जामिनेशन और बैलिस्टिकस (फाइरिंग और गोली दागने से संबंधित विज्ञान का अध्ययन), टूल मार्क एनालेसिस, पैंट और ग्लास एनालेसिस, टॉक्सिकॉलजी, हेयर एण्ड फाइबर एनालेसिस, ओडॉनटोलोजी (दांतों का साइंटिफिक स्टडी), एन्टोमोलॉजी (कीड़ों का अध्ययन), सेरोलॉजी (सीरम और अन्य शारीरिक फ्लूड्स का अध्ययन), फुटवियर और ट्रिड अनैलिसिस, ऐन्थ्रपालजी (मानवता का वैज्ञानिक अध्ययन), एपीडिएमिओलोजी (रोगों के प्रसार और कंट्रोल का वैज्ञानिक अध्ययन), ड्रग इंडस्ट्री इत्यादि के अध्ययन को शामिल किया जाता है।
फोरेंसिक साइंटिस्ट किसी जांच के दौरान वैज्ञानिक साक्ष्यों का संग्रह करता है, उन्हें संरक्षित रखता है और उनका विश्लेषण करता है। कुछ फोरेंसिक साइंटिस्ट अपराध के स्थान पर जाकर साक्ष्यों का संग्रह करते हैं और कुछ लैब्रटोरी में संग्रहित साक्ष्यों का विश्लेषण करते हैं। फोरेंसिक साइंटिस्ट क्रिमिनल और सिविल दोनों प्रकार के अपराधों में एक्सपर्ट और गवाह के रूप में अपराध में शामिल अपराधियों को सजा दिलाने या फिर उनको बचाने के लिए कार्य करते हैँ।
शुरुआत कहां से करें
फोरेंसिक साइंस में कॅरियर में दिलचस्पी रखने वाले उम्मीदवार प्लस टू के बाद ही शुरुआत कर सकते हैं। वैसे उम्मीदवार जो साइंस स्ट्रीम के साथ 10+2 की परीक्षा पास करते हैं, वे फोरेंसिक साइंस में बैचलर डिग्री में एडमिशन के लिए अर्हता प्राप्त कर लेते हैं। इस बैचलर डिग्री के बाद फोरेंसिक साइंस में एमएससी भी किया जा सकता है।
इस विधा में मुख्य प्रोफेशनल कोर्स निम्नांकित हैं
बीएससी (आॅनर्स) इन फोरेंसिक साइंस, बीएससी फोरेंसिक साइंस, एडवांस्ड डिप्लोमा कोर्स सर्टिफिकेशन इन फोरेंसिक साइंसेज एंड क्रिमिनॉलजी, पोस्टगे्रजुएट डिप्लोमा इन फोरेंसिक डाक्यूमेन्ट एग्जामिनेशन (पीजीडीएफडीइ), पीएचडी (डिसप्लिन्स इन फोरेंसिक साइंसेज), एमएससी इन इनफार्मेशन एंड साइबर फॉरेन्सिक्स, एमएससी इन फोरेंसिक साइंसेज, एमएससी इन फोरेंसिक साइंस एण्ड क्रिमिनॉलजी, एमडी इन फोरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकालजी, एमएससी (फोरेंसिक साइंसेज एण्ड क्रिमिनॉलजी), एमडी (फोरेंसिक मेडिसन एण्ड टॉक्सिकालजी)
फोरेंसिक साइंस स्टडी के प्रमुख संस्थान
- लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज, नई दिल्ली
- आॅल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, नई दिल्ली
- इंस्टीट्यूट ऑफ फोरेंसिक साइंस, मुंबई
- इंटरनेशनल फोरेंसिक साइंस इस्टीट्यूट (आईएफएस), पुणे
- ओसमानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद
- नैशनल फोरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी, गांधीनगर
- बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी, झांसी
- डॉक्टर हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर
- लोकनायक जयप्रकाश नारायण नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ क्रिमिनॉलजी एण्ड फोरेंसिक साइंसेज नई दिल्ली
फोरेंसिक साइंस की शाखाएं
फोरेंसिक साइंस एक अप्लाइड साइंस है जो कई विज्ञानों का मिश्रण है। इस साइंस के अंतर्गत निम्न विज्ञानों को शामिल किया जाता है –
फोरेंसिक पैथोलॉजी, डिजिटल फोरेंसिक, फोरेंसिक लिंगग्विस्टिक्स, फोरेंसिक इंजीनियरिंग, ब्लड्स्टैन पैटर्न एनालेसिस, फोरेंसिक साइकॉलजी, फोरेंसिक टॅक्सीकॉलोजी, फोरेंसिक अकाउंटिंग, फोरेंसिक डीएनए फिंगरप्रिंटिंग, फोरेंसिक केमिस्ट्री, फोरेंसिक डॉक्यूमेन्ट एग्जामिनेशन, फोरेंसिक सेरोलॉजी, फोरेंसिक बैलिस्टिक्स।
अनिवार्य कौशल
एक फोरेंसिक साइंटिस्ट का कार्य आसान नहीं होता है। यह विचित्र चुनौतियों और कठिन जिम्मेदारियों के साथ कठिन मेहनत और अगाध धैर्य से भरा होता है। फोरेंसिक साइंस के डोमेन में कॅरियर के इच्छुक उम्मीदवारों में अनिवार्य रूप से निम्न कौशल का होना आवश्यक होता है-
- रिसर्च स्किल
- उत्कृष्ट संवाद की कला
- चीजों को व्यवस्थित करने का हुनर
- कुशल नेतृत्व और टीम के साथ धीरता से कार्य करने की क्षमता
- सोचने की तीक्ष्ण शक्ति और उच्च स्तर का इन्टेलिजन्स
- त्वरित निर्णय लेने की और जोखिम उठाने की क्षमता
फोरेंसिक साइंस में कॅरियर के अवसर कहां हैं
फोरेंसिक कॉलेज से फोरेंसिक साइंस में डिग्री और डिप्लोमा प्राप्त करने के बाद इस डोमेन में कॅरियर और रोजगार के अवसरों की प्राप्ति के लिए विशाल दुनिया का रास्ता खुल जाता है। इस डोमेन में कॅरियर की निम्नांकित अपार संभावनाएं मौजूद हैँ –
- फोरेंसिक पैथोलोजिस्ट (पोस्ट मोरटेम के माध्यम से मृत्यु के कारणों की परीक्षा करना)
- क्राइम सीन इन्वेस्टीगैटर/ फोरेंसिक साइंस टेक्निशयन
- फोरेंसिक बैलिस्टिक एक्सपर्ट
- ब्लडस्टेन पैटर्न ऐनलिस्ट
- फोरेंसिक डीएनए ऐनलिस्ट
- फोरेंसिक टॉक्सिकॉलजिस्ट
- डिजिटल फोरेंसिक एक्सपर्ट
- फोरेंसिक अकाउन्टेन्ट
- पालीग्राफ इग्जैमिनर
- फोरेंसिक लिंगग्विस्ट
- क्लीनिकल फोरेंसिक मेडिसन एक्स्पर्ट्स
जॉब प्रोफाइल
फोरेंसिक एक्स्पर्ट्स, लीगल काउन्सेलर्स, इंवेस्टिगेटिव आॅफिसर, फोरेंसिक साइअन्टिस्ट, क्राइम सीन इंवेस्टिगैटर, फोरेंसिक साइअन्टिस्ट, क्राइम रिपोर्टर, फोरेंसिक इंजीनियर, लॉ कन्सल्टन्ट, हैन्डराइटिंग एक्स्पर्ट्स, एसोशिएट प्रोफेसर
फोरेंसिक साइंस प्रोफेशनल्स के मुख्य रिक्रूटर्स
फोरेंसिक साइंस मुख्य रूप से निम्न रिक्रूटर्स विभिन्न पोस्ट्स के लिए रीक्रूट करती हैं –
- इंटेलिजन्स ब्यूरो
- सेंट्रल गवर्नमेंट फोरेंसिक साइंस लैब्रटोरी
- मिनिस्ट्री आॅफ डिफेन्स
- नारकोटिक्स कंट्रोल ब्युरो
- सेंट्रल ब्युरो आॅफ इंवेस्टिगेशन (सीबीआई)
- क्वालिटी कंट्रोल ब्यूरो
- प्राइवेट डिटेक्टिव एजेन्सी
- हॉस्पिटल
- बैंक
- लॉ फर्म
- पुलिस विभाग