Friday, December 1, 2023
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निगम, तहसील की भूमि पर अवैध कब्जे बेशुमार

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  • नगर निगम की स्वामित्व एवं प्रबंधन की भूमि को लेकर एक-दूसरे पर टाल रहे अवैध कब्जा रोकने
    की जिम्मेदारी

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: निगम के स्वामित्व एवं तहसील क्षेत्र के अंतर्गत शहर में कितनी भूमि प्रबंधन के रूप में रिकार्ड में दर्ज है। उसकी जानकारी के लिए बुधवार को निगम एवं तहसील के संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारियों से संपर्क साधा गया। जिसमें दोनो ही विभागों के अधिकारियों ने एक दूसरे विभाग के पास इस संबंध में जानकारी होने की बात कही और अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड लिया। दोनो ही विभाग निगम एवं प्रबंधन के रूप में जो शहरी क्षेत्र में तहसील के स्वामित्व की भूमि है।

उसकी जानकारी ही उनके पास उपलब्ध नहीं है। तो ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि वह किस तरह से सरकारी भूमि की देखरेख कर रहे हैं। जबकि निगम के कई अधिवक्ता तहसील के स्वामित्व की जो भूमि प्रबंधन के रूप में उनके पास है, उसकी कोर्ट में पैरवरी कर रहे हैं। जबकि संबंधित लेखपाल व कानूनगो जानकारी से साफ इंकार कर रहे हैं।

शहर में नगर निगम के क्षेत्र अंतर्गत कितनी भूमि निगम के पास स्वामित्व के रूप में दर्ज है और कितनी भूमि उसके पास तहसील की प्रबंधन के रूप में है। जिसमें कितनी भूमि कब्जा मुक्त वर्तमान में है और कितनी भूमि पर अवैध कब्जा हो चुका है,जिसमें कोर्ट में मामला विचाराधीन है या फिर उसे कब्जा मुक्त कराने के लिए कोई प्रयास निगम एवं तहसील की संयुक्त टीम के द्वारा किया जा रहा है।

उसके लिए बुधवार को निगम एवं तहसील में कार्यरत लेखपाल एवं कानूनगो से संपर्क किया तो दोनो ही विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी जानकारी से इंकार करते हुए मामला एक दूसरे के पाले में डालते नजर आए। यदि दोनो ही विभागों को अपनी सरकारी भूमि के मामले में ही जानकारी नहीं है तो वह अवैध कब्जों को क्या खाक रोक पाएंगे। जहां एक तरफ योगी सरकार जीरो टारलेंस की बात करती है।

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वहीं पर निगम एवं तहसील के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत एवं सटीक जानकारी न होने के कारण लगातार अवैध कब्जे बढ़ते जा रहे हैं। बताते हैं कि निगम एवं तहसील में इस संबंध में किन-किन अधिकारी एंव कर्मचारियों से संपर्क किया,उन्होंने क्या जवाब दिया। नगर निगम के लेखपाल कुवरपाल, राजकुमार व रूद्रेश से संपर्क किया गया और जानकारी की गई कि उनके पास जो रिकार्ड है,वर्तमान में निगम के स्वामित्व एवं प्रबंधन की भूमि की क्या स्थिति है। जिस पर तीनों ही लेखपालों ने कहा कि इस संबंध में निगम के संपत्ति अधिकारी डा. पुष्पराज ही जानकारी दे सकते हैं।

जिसके बाद संपत्ति अधिकारी डा. पुष्पराज गौतम से संपर्क किया गया। जिस पर संपत्ति अधिकारी ने बताया कि निगम के स्वामित्व की जो भूमि है,वह पूरी तरह से कब्जा मुक्त है,निगम के स्वामित्व की एक इंच भूमि पर कहीं कोई अवैध कब्जा नहीं हैं। निगम के पास प्रबंधन के रूप में जो भूमि है, उसका रिकार्ड तहसील में संबंधित क्षेत्र के लेखपाल या राजस्व निरीक्षक एवं तहसीलदार कार्यालय में जानकारी की जा सकती है।

जिसके बाद तहसीलदार के कार्यालय में उनके स्टेनो आकाश से संपर्क किया गया। जिसके बाद आकाश ने बताया कि आरके कक्ष में संबंधित मामले को मनोज देख रहे हैं। जिसके बाद मनोज से संपर्क किया गया। उन्होंने बताया कि संबंधित मामले की जानकारी राजस्व निरीक्षक कक्ष संख्या 17 में परमेंद्र सिंह देख रहे हैं। उसके बाद जैसे ही तहसील परिसर में कक्ष संख्या 17 में पहुंचे तो इस दौरान परमेंद्र सिंह अपनी सीट पर बैठे हुए थे।

जब इस दौरान कक्ष में अन्य लेखपाल आदि भी मौजूद थे। जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने जानकारी देने से इंकार कर दिया। मतलब साफ है,कि निगम व तहसील के अधिकारियों को या तो जानकारी ही नहीं है कि वर्तमान में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों की क्या स्थिति है,या फिर दोनो विभागों की मिलीभगत से धड़ल्ले से अवैध कब्जे करवाए जा रहे हैं, तभी तो मीडिया को जानकारी देने तक से कतरा रहे हैं।

ट्रांसफर के 25 दिन बाद भी जमे हैं अधिकारी

नगर निगम में कार्यरत कुछ ऐसे अधिकारी एवं कर्मचारी हैं, जिनका 30 जून को शासन के आदेश पर स्थानांतरण हो चुका है। अभी तक वह अपने मूल पदों पर ही जमें हुए हैं। जिसमें अब शासन ने दोबारा से संज्ञान लिया है। जिसमें 25 जुलाई को फिर से आदेश जारी किया गया। जिसमें निदेशक नगर निकाय निदेशालय लखनऊ ने प्रदेश के समस्त नगरायुक्त नगर निगम एवं समस्त प्रभारी अधिकारी स्थलीय निकाय उत्तर प्रदेश को पत्रांक संख्या-8/3372 लेखा आडिट संवर्ग 25 जुलाई 2023 को जारी किया गया। जिसमें 14 जुलाई के उस आदेश की भी छायाप्रति संलग्न की है,जिसमें रिलीव नहीं होने वाले अधिकारी एवं कर्मचारियों का वेतन जारी नहीं हो सकेगा।

जिसमें पुन: निर्देशित किया गया है कि स्थानान्तरित अधिकारियों, कार्मिकों का माह जुलाई से वेतन नवीन तैनाती स्थल से ही जारी किया जायेगा। यदि किसी भी स्थानान्तरित कार्मिक का वेतन आहरण पूर्व तैनाती स्थल से किया जायेगा तो संबंधित के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जायेगी। जिसमें नगर निकाय से संबंधित कार्यमुक्ति, कार्यभार ग्रहण की सूचना तत्काल रूप से निदेशालय को भेजा जाए। नगर निगम में जो अभी रिलीव नहीं हुए उनमें मुख्य अतिक्रमण एवं संपत्ति अधिकारी डा. पुष्पराज गौतम, सहायक अपर नगरायुक्त बृजपाल सिंह, दिलशाद दिल्ली डिपो प्रभारी समेत कई कर्मचारी व अधिकारी ऐसे जिन्हें अभी रिलीव नहीं किया जा सका।

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