Sunday, May 4, 2025
- Advertisement -

संघर्ष का महत्व

Amritvani 18

एक बार एक किसान परमात्मा से बड़ा नाराज हो गया। कभी बाढ़ आ जाए, कभी सूखा पड़ जाए, कभी धूप बहुत तेज हो जाए तो कभी ओले पड़ जाएं। हर बार कुछ ना कुछ कारण से उसकी फसल थोड़ी खराब हो जाए। एक दिन बड़ा तंग आ कर उसने परमात्मा से कहा, देखिये प्रभु,आप परमात्मा हैं, लेकिन लगता है आपको खेती बाड़ी की ज्यादा जानकारी नहीं है, एक प्रार्थना है कि एक साल मुझे मौका दीजिये, जैसा मैं चाहूं वैसा मौसम हो, फिर आप देखना मै कैसे अन्न के भण्डार भर दूंगा। परमात्मा मुस्कुराये और कहा, ठीक है। अब, किसान ने गेहूं की फसल बोई, जब धूप चाही, तब धूप मिली, जब पानी चाही तब पानी। तेज धूप, ओले, बाढ़, आंधी तो उसने आने ही नहीं दी, समय के साथ फसल बढ़ी और किसान की खुशी भी, क्योंकि ऐसी फसल तो आज तक नहीं हुई थी। किसान ने मन ही मन सोचा।सल काटने का समय भी आया, किसान बड़े गर्व से फसल काटने गया, लेकिन जैसे ही फसल काटने लगा ,एकदम से छाती पर हाथ रख कर बैठ गया! गेहूं की एक भी बाली के अन्दर गेहूं नहीं था, सारी बालियां अन्दर से खाली थी, बड़ा दुखी होकर उसने परमात्मा से कहा, प्रभु ये क्या हुआ? तब परमात्मा बोले, ये तो होना ही था, तुमने पौधों को संघर्ष का जरा सा भी मौका नहीं दिया। ना तेज धूप में उनको तपने दिया, ना आंधी ओलों से जूझने दिया, उनको किसी प्रकार की चुनौती का अहसास जरा भी नहीं होने दिया, इसीलिए सब पौधे खोखले रह गए। जब आंधी आती है, तेज बारिश होती है ओले गिरते हैं तब पौधा अपने बल से ही खड़ा रहता है, वो अपना अस्तित्व बचाने का संघर्ष करता है और इस संघर्ष से जो बल पैदा होता है वो ही उसे शक्ति देता है, उर्जा देता है, उसकी जीवटता को उभारता है। इसी तरह जिंदगी में भी अगर संघर्ष ना हो, चुनौती ना हो तो आदमी खोखला ही रह जाता है, उसके अन्दर कोई गुण नहीं आ पाता।

janwani address 216

spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

पगड़ी का अपमान बना किसान अस्मिता का सवाल

राकेश टिकैत के साथ अभद्रता पर फूटा आक्रोश ...

HouseFull 5: ‘हाउसफुल 5’ का पहला गाना ‘लाल परी’ रिलीज, हनी सिंह के बोल ने जीता फैंस का दिल

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत...
spot_imgspot_img