जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: ईरान और इजरायल के बीच छठे दिन भी संघर्ष जारी है, लेकिन अब यह टकराव बेहद खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। एक बड़ी रणनीतिक घोषणा के तहत ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने देश की पूरी सैन्य कमान इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) को सौंप दी है।
खामेनेई ने सोशल मीडिया पर केवल दो शब्दों में अपनी मंशा जाहिर की – “जंग शुरू”। यह बयान वैश्विक राजनीति में हलचल मचाने वाला है, क्योंकि अब अमेरिका की संभावित एंट्री के संकेत भी तेज हो गए हैं।
अमेरिका की कड़ी चेतावनी
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने Truth Social पर धमकी भरे शब्दों में कहा, “ईरान को बिना शर्त आत्मसमर्पण करना होगा। हमें खामेनेई की लोकेशन पता है। वो आसान टारगेट है, लेकिन हम इंतज़ार कर रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि अमेरिका को ईरान के एयर डिफेंस सिस्टम और सीमाओं पर पूरी पकड़ है।
युद्ध की स्थिति और तनाव में इजाफा
IRGC को पूर्ण सैन्य नियंत्रण देने का फैसला युद्ध को निर्णायक और खुली टकराव की ओर ले जा रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, शीर्ष सैन्य अधिकारी अली शादमानी और सलाहकार अली असगर हेजाजी, इजरायली हमलों में मारे गए हैं। अब तक कई IRGC अधिकारी भी इस संघर्ष में जान गंवा चुके हैं।
अगला उत्तराधिकारी कौन?
86 वर्षीय खामेनेई के स्वास्थ्य को देखते हुए उनके बेटे मोजतबा खामेनेई को अगला “सुप्रीम लीडर” माने जाने की अटकलें तेज हो गई हैं।
IRGC को कमान सौंपने को सत्ता हस्तांतरण की ओर एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है।
आगे क्या?
अब सबकी नजर अमेरिका की अगली कार्रवाई पर है। यदि अमेरिका सीधे युद्ध में कूदता है, तो यह टकराव सिर्फ मध्य पूर्व तक सीमित न रहकर वैश्विक संघर्ष का रूप ले सकता है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
विश्लेषकों का मानना है कि “जंग शुरू” जैसे शब्द अब सिर्फ बयान नहीं, बल्कि संभावित विश्व युद्ध के संकेत बनते जा रहे हैं।