जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: आला पुलिस अफसरों के आदेश पर शहर में तो बाहरी शहरों व प्रदेशों के वाहनों को रोेककर जांच के नाम पर वसूली का खेल बंद हो गया, लेकिन यातायात पुलिस की वसूली का नया केंद्र अब दिल्ली रोड पर काशी टोल प्लाजा बन गया है। दो पहिया वाहनों को रोकने के नाम पर यह ड्यूटी लगायी गयी है, लेकिन यातायात पुलिस के कर्मचारी दोपहिया की आड़ में चार पहिया वाहनों को भी पूरे दिन रोकते हैं और जांच पड़ताल के नाम पर वसूली में लगे रहते हैं। हालांकि दिखाने के नाम पर यातायात पुलिसकर्मी दिखावे के तौर पर दुपहिया वाहनों के चालान करते हैं, लेकिन उनका असल मकसद चार पहिया वाहन ही होते हैं। मतलब, जो काम अब वह आला अफसरों के कड़े निर्देशों के चलते शहर में नहीं कर पा रहे, उसे काशी टोल पर शुरू कर दिया है। आला अफसरों से यातायात पुलिसकर्मियों की इस कारगुजारी की शिकायत की गयी है।
महानगर में यातायात पुलिस विभिन्न मार्गों पर बाहरी शहरों व राज्यों की गाड़ियों को रोककर वसूली का काम करती रही है। लगातार शिकायतें मिलने के बाद आला पुलिस अफसरों ने कुछ दिन पहले वाहनों को जांच के नाम पर रोकने के यातायात पुलिस के अभियान पर रोक लगा दी थी। इसके बाद से शहर में गाड़ियों को रोककर कागज चेक करने के नाम पर वसूली का धंधा बंद हो गया। ऐसे में पुलिस ट्रैफिक संचालन करती दिखती है या फिर चौराहों पर एक तरफ बैठी गपशप करती हुई। इस आदेश से बाहरी वाहनों को काफी राहत मिली है। शहर में तो यह धंधा बंद हो गया, लेकिन यातायात पुलिस ने अपना नया ठिकाना मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस वे पर काशी टोल प्लाजा को बना लिया है। यहां पूरे दिन गाड़ियों को रोककर कागज चेक करने के नाम पर वाहनों से वसूली करते देखा जा सकता है।
दोपहिया वाहनों की आड़ में निशाना चार पहिया
काशी टोल प्लाजा पर इस वक्त छह यातायात पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लग रही है। इनमें दो हेड कांस्टेबिल, एक उपनिरीक्षक और तीन होमगार्ड के जवान शामिल रहते हैं। यह सभी काशी टोल प्लाजा से थोड़ा पहले खड़े हो जाते हैं। यहीं वाहनों को रोकने का सिलसिला शुरू हो जाता है। यह ड्यूटी एक्सप्रेस वे पर दोपहिया वाहनों को जाने से रोकने के लिए लगायी गयी है, लेकिन इसकी आड़ में चार पहिया वाहनों को रोका जाता है। दोपहिया वाहनों को तो रोका ही जाता है। इनमें से कुछ के दिखाने के लिए चालान किये जाते हैं तो अधिकतर को वापस लौटा दिया जाता हे। चार पहिया वाहन असल में यातायात पुलिस का असल निशाना होते हैं। इनमें कारों के साथ ट्रकों को भी रोका जाता है और कागजों के नाम पर वसूली का खेल चलता है।
जनवाणी टीम को देखते ही वसूली बंद
शहर में लगातार यातायात पुलिस के वसूली के खेल को उजागर करने वाले जनवाणी के फोटोग्राफर व रिपोर्टर जब दूर बाइक खड़ी करते पैदल कोशी टोल तक पहुंचे तो यातायात पुलिस के लोग गाड़ियों को रोके हुए थे और कागजों की जांच के नाम पर सौदेबाजी चल रही थी। टीम के पहुंचते ही ऐसे वाहनों को चलता कर दिया गया। दोपहिया वाहनों को जरूर रोककर चालान की कार्रवाई होती रही। कैमरामैन को देखने के बाद यातायात पुलिस के लोग चेकिंग छोड़ एक तरफ जाकर खड़े ट्रक की आड़ में बैठ गए। तब तक वहां बैठे रहे, जब तक जनवाणी टीम वहां मौजूद रही।
आला अफसरों से वसूली की शिकायत
कोशी टोल प्लाजा पर यातायात पुलिसकर्मियों की तरफ से वाहनों को रोककर की जा रही वसूली शिकायत आला पुलिस अफसरों एडीजी भानु भास्कर और डीआईजी कलानिधि नैथानी से भी की गयी है। कई संस्थाओं से जुड़े लोगों ने यह शिकायत की है। उनका कहना था कि अफसरों के कड़े रुख के चलते शहर में तो वसूली बंद हो गई, लेकिन अब यातायात पुलिस ने चार पहिया वाहनों से वसूली के लिए काशी टोल को नया ठिकाना बना लिया है। आला पुलिस अफसरों ने कार्रवाई की बात कही है।