- क्या जमीन खाली करा पाएगा नगर निगम?
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: जहां, एक तरफ बाबा का बुलडोजर बड़े-बड़े भूमाफियों पर तेजी से चल रहा है। वहीं, भूमाफिया जमीनों पर कब्जा करने से बाज नहीं आ रहे हैं। तालाब, वक्फ और कब्रिस्तान की जमीन पर कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया हैं। यह जमीन करोड़ों की कीमत की बताई गयी हैं। इस सरकारी जमीन से नगर निगम भी कब्जा नहीं हटवा पा रहा हैं, जिसके चलते अब सरकारी जमीन का यह मामला कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह के दरबार में पहुंचा हैं। कमिश्नर ने सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त कराने से पहले पूरे प्रकरण की जांच कराई जाएगी, जिसके बाद बुलडोजर चलाकर अवैध कब्जों को हटा दिया जाएगा।
करोड़ों की यह जमीन आबादी के बीचो-बीच हैं। 10 से 20 हजार रुपये वर्ग गज का मूल्य जमीन का यहां पर है। इस हिसाब से करोड़ों की सम्पत्ति बैठती हैं, जिस पर भूमाफियाओं ने कब्जा जमा रखा हैं। सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त नहीं कराया जा रहा हैं, जिसके बाद भूमाफियाओं का दुस्साहस बढ़ता जा रहा हैं। तीन वर्ष से इस सरकारी जमीन पर कब्जे हैं। ये जमीन करीब आठ हजार वर्ग गज के करीब बतायी गयी हैं। इस जमीन से कब्जा हटाने की दिशा में कभी प्रशासन ने कोई कार्रवाई ही नहीं की गई।
यह मामला टीपीनगर थाना क्षेत्र का है। बागपत रोड स्थित मुल्तानगर के पार्षद ने मंगलवार को कमिश्नर पर नगर निगर व कब्रिस्तान वक्फ बोर्ड की जमीनों पर भूमाफियों के कब्ज करने का गंभीर आरोप लगाया। इसकी जांच कराने के लिए ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें वार्ड-15 के पार्षद कुलदीप ने बताया कि शेखपुरा रोड पर भूमाफियों ने अनपढ़ गरीब, मजदूरों को प्लॉट बेचना शुरू कर दिया है,
जिसमें वह बैनामा, इकरारनामा और नोटरी कर गैर विवादित असल खसरा संख्या के खसरा नंबर लिखकर प्लॉट गरीबों, मजदूरों को बेच रहे है। वहीं, नगर निगम को इस मामले की जानकारी तक नहीं हैं। वहीं, पार्षद ने कमिश्नर को शिकायत पत्र देते हुए बताया कि नगर निगम खसरा नंबर 345 व 349 से लेकर 355 और 487, 488 तक की जमीने पर अवैध कब्जे है। इस मामले में जांच कर उचित कार्रवाई करने की बात कही है।