Monday, July 8, 2024
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लक्ष्मीकांत के सवाल, एमडीए चुपचाप

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  • एमडीए के मास्टर प्लान पर डा. लक्ष्मीकांत के सवालों पर चुप ही रहे अधिकारी

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: राज्यसभा सांसद डा.लक्ष्मीकांत वाजपेयी पूरे फार्म में चल रहे हैं। शनिवार को डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी मेरठ विकास प्राधिकरण के आॅफिस पहुंचे तथा उन्होंने प्राधिकरण के मास्टर प्लान को लेकर कई सवाल एमडीए अफसरों से कर दिये। मास्टर प्लान की कई खामियां गिनाई तथा एमडीए सचिव के समक्ष कुछ सवाल खडे कर दिये। हालांकि सवालों को एमडीए सचिव ने सुना, लेकिन कोई जवाब नहीं दिया।

डा. वाजपेयी ने मल्टीलेवल पार्किंग, डेयरी के लिये भूमि, ग्रीन बेल्ट पर बनी बिल्डिंगों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही हैं? ग्रीन बेल्ट में बिल्डिंग कैसे बनने दी जा रही हैं? बढ़ते अवैध निर्माण को रोकने के लिये क्या रणनीति एमडीए ने बनाई? पिछली शमन योजना तथा पिछली महायोजना से तुलनात्मक क्या किया? क्या करें आदि जैसे सवालों पर प्राधिकरण अधिकारी चुप्पी साध गये।

दरअसल, ग्रीन बेल्ट में अवैध निर्माण की बाढ़ आ गई हैं। परतापुर से लेकर मोदीपुरम के बीच हाइवे पर ग्रीन बेल्ट में अवैध निर्माण हो रहे हैं। हाइवे पर चोटी वाला के बराबर में बड़ा निर्माण चालू कर दिया हैं। इससे पहले बिग बाइट के सामने एक बड़ा रेस्टोंरेंट का निर्माण कर दिया गया हैं। ये पूरा ग्रीन बेल्ट में बना हैं। हाइवे के दोनों तरफ ग्रीन बेल्ट में ही निर्माण व्यापक स्तर पर चल रहे हैं, जिनको नहीं रोका जा रहा हैं।

ग्रीन बेल्ट के अवैध निर्माण का मुद्दा भी उठाया, लेकिन एमडीए के अधिकारी ग्रीन बेल्ट में अवैध निर्माण को लेकर कुछ नहीं बोले। इस तरह से डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी कई मुद्दों पर पूरा अध्ययन करके एमडीए आॅफिस आये थे और एक तरह से अधिकारियों की क्लास लगा दी।

जनहित के कई मुद्दे भाजपा विधायक ने रखे

शनिवार को एमडीए में प्रस्तावित महायोजना 2031 को लेकर बैठक हुई, जिसमें कैंट विधायक अमित अग्रवाल ने कई मुद्दों पर चर्चा की। कहा कि शहर से डेयरी बाहर शिफ्ट की जा रही हैं, तो उनके लिए कैटल कॉलोनी की व्यवस्था की जानी चाहिए। ग्रीन बेल्ट का मुद्दा भी उठाया तथा जनता का पक्ष भी उन्होंने रखा। कई ऐसे सुझाव दिये, जो जनता के हित में थे। मास्टर प्लान में कुछ संशोधन का प्रस्ताव भी भाजपा विधायक ने रखा।

पानी के दोहन को रोकने के लिए एमडीए की पहल

मेरठ विकास प्राधिकरण (एमडीए) सचिव चन्द्रपाल तिवारी ने एक पत्र जारी कर कहा है कि पल्लवपुरम योजना फेस फर्स्ट व द्वितीय, श्रद्धापुरी योजना फेज फर्स्ट द्वितीय, सैनिक विहार, वेदव्यासपुरी, शताब्दीनगर, मेजर ध्यानचंद नगर, लोहिया नगर, पांडव नगर, गंगानगर, रक्षापुरम योजना में स्थापित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का संचालन किया जा रहा है।

एसटीपी से पानी को ट्रीट कर जल शोधित किया जा रहा है। औद्योगिक इकाइयों में किए जाने वाले पानी के दोहन को रोकने के लिए ट्रीटमेंट प्लांट के पानी का उपयोग किया जाए। यह तमाम निर्माण व अन्य कार्यों के लिए पानी यूज किया जा सकता है। प्राधिकरण द्वारा संचालित किए जा रहे जल का उपयोग औद्योगिक और निर्माण कार्यों में प्रयोग में लाया जा सकता है, जिससे जल का दोहन रुकेगा।

साथ ही एसटीपी स्ट्रीट हुए जल का उपयोग रचनात्मक कार्यों के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस डीपी से शोधित हुए जल को मांग के आधार पर स्वीकृति उपरांत निर्धारित शुल्क प्राधिकरण कोष में जमा कराते हुए प्राप्त किया जा सकता है। इसकी व्यवस्था भी एमडीए ने की हैं। इससे जल दोहन रुकेगा।

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