Wednesday, October 1, 2025
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कंपाउडिंग मानचित्र के नाम पर ‘महाखेल’

  • क्या इंजीनियरों पर लगाम लगा पाएगी कमिश्नर?

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: मेरठ विकास प्राधिकरण (एमडीए) के इंजीनियर कमिश्नर सेल्वा कुमारी से बड़े हो गए। कमिश्नर अवैध निर्माण पर अंकुश लगाने के आदेश कर रही हैं और इंजीनियरों ने यहां भी चोरी करने का रास्ता तलाश कर लिया हैं। इंजीनियर अब अवैध निर्माणकर्ता से बिल्डिंग निर्माण के दौरान ही मानचित्र बनवाकर एमडीए में फाइल में लगवा रहे हैं। इसके साथ एक प्रार्थना पत्र लिखावा लेते हैं कि बिल्डिंग कंपाउडिंग करने की मांग की गई हैं।

इस प्रक्रिया में करीब छह से आठ माह इंजीनियर खींच लेते हैं, तब तक बिल्डिंग बनकर तैयार हो जाती हैं। जब भी कोई कार्रवाई की बात आती है तो इंजीनियर कह देते है कि अवैध निर्माणकर्ता ने मानचित्र कंपाउडिंग कराने के लिए प्राधिकरण में दाखिल कर दिया हैं। इस महाखेल को एमडीए के आला अफसर नहीं समझ पाते हैं। यही वजह है कि इंजीनियर और अवैध निर्माणकर्ता के बीच सेटिंग का खेल हो जाता हैं।

अधिकारी भी इसमें एक-दो बार कहेंगे, फाइल भी अफसर के सामने रख दी जाएगी कि बिल्डिंग कंपाउडिंग की मांग की गई हैं। इसी प्रक्रिया में फाइल चलती रहती हैं। यही तो खेल चल रहा हैं। इसमें इंजीनियर अपना बचाव भी करता है तो अवैध निर्माणकर्ता से बड़ी धनराशि भी वसूल लेता हैं। एक-दो नहीं, बल्कि शहर में दो दर्जन से ज्यादा ऐसे मामले पकड़े जा चुके हैं।

दिल्ली रोड स्थित मोहकपुर में एमआई के पीछे 800 मीटर में एक फैक्ट्री का निर्माण चल रहा हैं। ये फैक्ट्री प्रदीप जैन की हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि निर्माणकर्ता ने शतप्रतिशत जगह को कवर कर निर्माण कर दिया हैं। फैक्ट्री में दमकल गाड़ी घूमने की कोई व्यवस्था नहीं हैं। कोई स्पेस नहीं छोड़ा गया, मगर इसका चालान भी एमडीए इंजीनियर ने नहीं किया हैं। दिल्ली रोड पर एक-दो नहीं, बल्कि दो दर्जन से ज्यादा ऐसे निर्माण है, जिनमें यहीं खेल चल रहा हैं।

एमडीए की तरफ से खानापूर्ति की कार्रवाई की जा रही हैं। बेगमपुल स्थित एक शोरूम का निर्माण चल रहा हैं, जिसको लेकर मनोज चौधरी ने एमडीए सचिव को शिकायत की थी, इसमें भी कंपाउडिंग की प्रार्थना पत्र लगना दर्शा दिया गया। छह माह से बिल्डिंग कंपाउड नहीं हुई हैं। समाज सेवी मनोज चौधरी ने बताया कि एमडीए में चार जोन हैं, जिसमें 12349 अवैध निर्माण चिन्हित हुए हैं।

12089 निर्माण कार्रवाई के मामले लंबित हैं। 1040 अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण आदेश पारित हैं, मगर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं की गई। इनमें से 133 अवैध निर्माणों को ही एमडीए ने आॅन रिकॉर्ड ध्वस्त दर्शाया हैं। 66 ऐसे मामले हैं, जिनका एमडीए की तरफ से कोई जवाब ही नहीं दिया। ये पूरा रिकॉर्ड पांच वर्षों का एमडीए ने समाज सेवी मनोज चौधरी को सूचना अधिकार के तहत उपलब्ध कराया हैं।

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