Saturday, July 6, 2024
- Advertisement -
Homeसंवादरविवाणीमोरबी के भ्रष्टाचारी मोर, ट्विटर का मस्कीकरण

मोरबी के भ्रष्टाचारी मोर, ट्विटर का मस्कीकरण

- Advertisement -

Ravivani 34


जंगल में मोर नाचा किसने देखा, किसने देखा। गुजरात के मोरबी में पुल गिरा-सबने देखा, सबने देखा। 130 से ज्यादा कीमती जानें चली गईं। गुनहगार कौन? तस्वीरें-वीडियो दिखा कर तर्क दिए गए कि पुल पर उस शाम को मौजूद लोग ही हादसे का सबब थे। इन वीडियो में हाईलाइट कर कुछ लड़कों को दिखाया गया कि वो हैंगिंग ब्रिज की तारों को लात मार रहे थे। अब वो लड़के महाबली खली, किंगकॉन्ग या दारा सिंह तो थे नहीं जिनके लात मारने से ही इतना लंबा चौड़ा पुल धराशायी हो जाए।

वो भी ऐसा पुल जिसे चंद दिन पहले ही मरम्मत के बाद खोला गया हो। जाहिर है हादसे के लिए मोरबी के वो भ्रष्टाचारी मोर ही जिम्मेदार हैं जिनके पास पुल के रखरखाव का मोटी कीमत पर ठेका था। मान भी लिया जाए कि पुल पर क्षमता से कहीं ज्यादा लोग पहुंच गए तो ये देखना किसका जिम्मा था? क्या उस दिन अधिक टिकट बेचने के चक्कर में सुरक्षा से जुड़े इस अहम तथ्य की अनदेखी की गई। 17 रुपए का टिकट (बच्चों के लिए 12 रुपए) झूलतो पुल पर जाने के लिए लेना पड़ता था।

यानि पुल पर ज्यादा से ज्यादा 500 लोगों की मौजूदगी हादसे के वक़्त मान ली जाए तो कुल टिकट बिक्री सात-आठ हजार रुपए की हुई होगी। क्या इस छोटी सी रकम के लिए इतनी जानों को दांव पर लगा दिया गया? जिस बिजनेस ग्रुप के पास पुल की मेंटनेस का दायित्व था वो घड़ियां, ई-बाइक और विट्रीफाइड टाइल्स आदि का निर्माण करता है।ये ग्रुप अपने एक विज्ञापन में दावा करता नजर आता है कि इंडस्ट्री के लिए सबसे जरूरी है ग्राहक की संतुष्टि और ग्राहक का भरोसा।

इसी ग्रुप ने मोरबी के पुल को लेकर कैसे ग्राहक के भरोसे का ख़्याल रखा, दुनिया के सामने है। अब एक नदी के ऊपर मौजूद झूलते पुल की मरम्मत और रखरखावका काम सिविल इंजीनियरिंग में दक्ष लोगों के हाथ में होने की जगह घड़ियां बनाने वाली कंपनी कोदे दिया जाए।

पहले 2007 में और फिर 2022 में 15-15 सालके लिए। और यही ग्रुप खुद ये काम करने की जगह किसी और अनजान कंपनी को आगे ठेका दे दे। नौ लोग इस हादसे के लिए गिरफ्तार हुए हैं लेकिन ग्रुप के टॉप मैनेजमेंट में अभी तक किसी को छुआ नहीं गया है। हादसे में जान गंवाने वाले, जख्मी या लापता लोगों को ही हादसे के लिए जिम्मेदार बताना ठीक वैसे ही जैसे ये कहा जाए- 11 सितंबर 2001 को न्यूयॉर्क में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ट्विन टॉवर्स आतंकियों के दो विमानों ने नहीं गिराए थे बल्कि दोनों इमारतें ही विमानों में घुस गई थीं।

ट्विटर का मस्कीकरण

ट्विटर की बागडोर टेस्ला कंपनी के सीईओ एलन मस्क के हाथों में आते ही ये माइक्रो ब्लॉगिंग साइट बदलाव के दौर से गुजर रही है। जाहिर है मस्क ने ट्विटर के लिए 44 अरब डॉलरअंटी से ढीले किए हैं तो वो इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को चलाना भी अपने हिसाब से चाहेंगे।

मस्क ने पहला फैसला जो लिया वो है- ट्विटर के सीईओ पद से भारतीय मूल के पराग अग्रवाल, पॉलिसी हेड विजया गाड्डे और चीफ फाइनेंशियल आॅफिसर नेड सीगल की छुट्टी करना। हालांकि ये फैसला मस्क को एक हजार करोड़ रुपए से ऊपर का पड़ा। अब भारतीय मूल के ही श्रीराम कृष्णन ट्विटर को नया बनाने के लिए एलन मस्क की मदद कर रहे हैं।

कृष्णन चेन्नई के अन्ना विश्वविद्यालय से बीटेक ग्रेजुएट हैं और एक पार्ट टाइम क्रिप्टो इनवेस्टर भी हैं। मस्क का दूसरा बड़ा फैसला है ब्लू टिक सुविधा के लिए 8 डॉलर की कीमत हर महीने यूजर्स से वसूले जाना। ये राशि साल में आठ हजार रुपए के करीब बैठती है। मस्क के इस फैसले को पसंद करने वाले ट्विटर यूजर्स कम ही होंगे।

खास तौर पर भारत में, जहां एक बार जिस चीज को फ्री में लेने की आदत पड़ जाए, उसके लिए पैसे खर्च करना यूजर्स को बहुत नागवार गुजरेगा। समझा जाता है कि इस पेड वेरिफिकेशन फीचर को लॉन्च करने की डेडलाइन 7 नवंबर रखी है। इसके तहत ट्विटर के कुछ इंजीनियरों को हफ्ते के सातों दिन 12-12 घंटे काम करने के लिए कहा गया है।

उन्हें साथ ही चेताया गया है कि डेडलाइन पर टारगेट पूरा नहीं किया तो नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। ट्विटर के इस मस्कीकरण से सोचना पड़ता है कि क्या अब उलटी गंगा बहने लगी है? जिन सख्त हालात में भारत का निजी सेक्टर अपने श्रमिकों से काम कराता है, क्या अब पश्चिम उसकी कॉपी करने लगा है? अब सवाल ये आता है कि मस्क को ये सारी सलाह दे कौन शख्स रहा है? इस पर आप क्या कहते हैं- श्रीराम कृष्णन।

स्लॉग ओवर

होनी को अनहोनी कर दे, अनहोनी को होनी एक जगह जब जमा हो तीनों अमर, अकबर, एंथनी…लंदन में हिन्दू प्राइम मिनिस्टर, मुस्लिम मेयर, क्रिश्चियनकिंग

                                                                    खुशदीप सहगल


janwani address 7

What’s your Reaction?
+1
0
+1
2
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
- Advertisement -

Recent Comments