- रालोद के दो ही सांसद और दोनों पर ही मुकदमे
- आजाद समाज पार्टी के सांसद पर भी कई मामले
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सिर मुंडाते ही ओले पड़ने की कहावत इसको ही कहा जाता है। नेताजी को सांसद बने हुए जुम्मा-जुम्मा आठ दिन भी नहीं हुए हैं कि अब उनके खिलाफ मुकदमों में पैरोकारी ने तेजी पकड़ ली है। यदि कानून का चाबुक चला तो इन नेताजी की सांसदी तक जा सकती है। हालांकि अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों में हल्की कार्रवाई कराने के लिए नेताओं ने कोशिशें कर रखी हैं। शहर विधायक हाजी रफीक अंसारी पिछले तीन सप्ताह से अधिक समय से जेल में बंद हैं। उनके खिलाफ मामला अगर शुरू में ही ढंग से पैरवी हो जाती तो काफी हद तक रफीक अंसारी को इसमें राहत मिल सकती थी।
लेकिन अनदेखी का नतीजा यह निकला कि 101 सपा विधायक रफीक अंसारी के खिलाफ 101 वारंट जारी हो गये। यह तो रहा शहर विधायक का मामला। इस बार 18 वीं लोकसभा में बागपत से रालोद-भाजपा गठबंधन के प्रत्याशी डा.राजकुमार सांगवान, बिजनौर के सांसद चंदन चौहान तथा बिजनौर की ही नगीना तहसील से सांसद चुने गये आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चन्द्रशेखर उर्फ रावण के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं।
26 फरवरी को डा. सांगवान पर आरोप तय
बागपत से सांसद चुने गये रालोद-भाजपा गठबंधन के प्रत्याशी राजकुमार सांगवान ने चौधरी चरण सिंह के साथ अपनी राजनीति की शुरूआत की थी। चौधरी परिवार की तीसरी पीढ़ी के जयंत ने पार्टी के इस पुरखे पर भरोसा जताकर कार्यकर्ता प्रथम का बड़ा संदेश दिया। सांगवान साल 1980 में माया त्यागी कांड में हुए आंदोलन के दौरान जेल गए थे। इसके बाद भी कई बार छात्रों और किसानों के लिए प्रोटेस्ट करते हुए वह जेल जा चुके हैं।
डा.सांगवान के खिलाफ मेरठ के ही सिविल लाइन थाने में एफआईआर संख्या-178/2003 के तहत 595/2015 के तहत मुकदमा दर्ज है। इसमें डा.सांगवान पर 26 फरवरी को आरोप तय भी हो चुका है। इसके अलावा डा. सांगवान पर थाना सिविल लाइन में ही 147, 323, 504 के तहत भी मुकदमा दर्ज है। यह मुकदमा भी एसीजेएम-वी की कोर्ट में चल रहा है। इसके अलावा उनपर सरधना थाने में ही 143, 341, 188 के तहत मुकदमे दर्ज हैं।
चंदन चौहान पर 16 मई को आरोप तय
बिजनौर सीट से सांसद चुने गये चंदन चौहान के दादा बाबू नारायण सिंह उत्तर प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं। पिता संजय सिंह चौहान 1996 में सपा के टिकट पर मोरना विधानसभा से विधायक चुने गये थे। वर्ष-2009 में संजय सिंह चौहान बिजनौर सीट से भाजपा रालोद गठबंधन से चुनाव लड़कर सांसद चुने गये थे। चंदन चौहान वर्ष-2017 में खतौली विधानसभा सीट से सपा के सिंबल पर चुनाव लड़े, लेकिन हार गये।
फिर वह 2022 में मीरापुर विधान सभा सीट से रालोद के सिंबल पर चुनाव लड़े और जीतकर उत्तर प्रदेश विधान सभा पहुंचे। अब वह बिजनौर सीट से सांसद चुने गये हैं। चंदन चौहान पर भी मुजफ्फरनगर जिले की खतौली तहसील में एफआईआर संख्या-37/2017 के तहत धारा 188 में मुकदमा दर्ज हुआ है। यह मुकदमा एसीजेएम-कोर्ट नंबर-1 मुजफ्फरनगर में चल रहा है। जिसमें 16 मई 2023 को आरोप भी तय हो चुका है।
चन्द्रशेखर के खिलाफ सबसे ज्यादा मुकदमे
आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं नगीना से सांसद चन्द्रशेखर उर्फ रावण जितने कद्दावर नेता हैं। उतने ही उनपर दर्ज मुकदमों की लंबी फहरिस्त है। चन्द्रशेखर पर कुल 36 मामले अलग-अलग थानों तथा कोर्ट में लंबित हैं। इनमें से 4 मामलो में तो कोर्ट से आरोप भी तय हो चुके हैं। इनमें से कई अपराध तो ऐसे हैं, जिनमें दो साल से अधिक की सजा का प्रावधान है।
अपने शपथ पत्रों में मुकदमों का किया उल्लेख
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि आदर्श आचार चुनाव संहिता ने सभी नेताओं को बेदाग रहने का जो संदेश दिया है। उसमें यदि कोई नेता अपना कोई भी अपराध या घटना छुपाता है, तो उसकी विधायकी या सांसदी खतरे में पड़ सकती है। सभी ने डा.राजकुमार सांगवान, चंदन चौहान तथा चन्द्रशेखर उर्फ रावण ने अपने-अपने शपथ पत्रों में इन मुकदमों को जिक्र भी कर रखा है।