- मेरठ-पौड़ी मार्ग पर एनएचएआई और प्रशासन ने मकानों और दुकानों पर चलाया बुलडोजर, हुआ भारी विरोध
- मेरठ-मवाना मार्ग पर एनएचएआई की टीम ने चलाए 10 बुलडोजर, मुआवजा लेने के बाद नहीं हटाया था कब्जा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: मेरठ-पौड़ी हाइवे पर मंगलवार दोपहर को पुलिस प्रशासन व एनएचआई ने अवैध कब्जों को गिराना शुरू कर दिया। मेरठ मवाना मार्ग पर रजपुरा, सलारपुर के बीच अलग अलग स्थानों पर 10 बुलडोजर ध्वस्तीकरण में लगाए गए। बवाल की आशंका के चलते भारी मात्रा में फोर्स भी लगाई गई थी। कानून व्यवस्था को लेकर एसडीएम सदर संदीप भागिया का लोगों ने विरोध भी किया।
विरोध करने वालों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया तथा गंगानगर थाने में बैठा लिया। ध्वस्तीकरण पूर्ण होने तक दर्जन भर लोगों को थाने में पुलिस कस्टडी में रखा। यहां 100 से ज्यादा घर, दुकानें व गोदामों का ध्वस्तीकरण कर दिया। दरअसल, विरोध करने वालों का कहना है कि विजय लोक मोड से काली नदी तक 16 हजार रुपये वर्ग गज जमीन का सर्किल रेट है, इसका चार गुना 64 हजार रुपये वर्ग गज के हिसाब से मुआवजा दिया जाए।
प्रशासन ने 3600 रुपये वर्ग गज के हिसाब से मुआवजा दिया है, जिसे किसानों ने लेने से इनकार कर दिया। इसको लेकर किसानों और प्रशासन के बीच मंगलवार को पूरा दिन टकराव के हालात बने रहे। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि एमडीए (एलए) ने अवार्ड गलत किया हैं, जिसकी जांच कराई जाए। अवार्ड गलत करने का खामियाजा किसान ही क्यों भुगते? इसको लेकर पूरा दिन बवाल के हालात बने रहे।
एनएच-119 पर फोरलेन का काम किया जा रहा है। मेरठ-बिजनौर व कोटद्वार को जोड़ने वाले इस हाइवे का चौड़ीकरण किया जा रहा है। चौड़ीकरण करने के लिए प्रशासन ने किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया हैं। कृषि भूमि का अधिग्रहण 3600 रुपये प्रति वर्ग गज अवार्ड किया गया है, इसके अलावा सलारपुर और बहलोलपुर, अम्बेहडा ऐसे स्थान हैं, जिनका रोड से लगे हुई जमीन का सर्किल रेट 16 हजार रुपये प्रति वर्ग गज हैं, फिर उससे कम क्या दिया जा रहा हैं।
इसका चार गुना देने की मांग किसान कर रहे हैं। यही नहीं, विजय लोक से डिफेंस कॉलोनी तक 36 हजार रुपये प्रति वर्ग गज के हिसाब से सर्किल रेट हैं। इसका चार गुना देने की मांग लोग प्रशासन से कर रहे हैं। मेरठ-मवाना मार्ग पर आबादी के बीच लोगों ने अपने कब्जे नहीं हटाए थे। कई बार पुलिस व प्रशासन की टीम ने इन्हें हटाने के लिए कहा, लेकिन उसके बाद भी यह कब्जा नहीं हटा सके। एनएचएआई संबंधित लोगों को जमीन का मुआवाज 3600 रुपये दे चुकी है।
जहां दुकानें और अन्य मकानों को तोड़ना था, लेकिन उसके बाद भी इन लोगों ने कब्जे नहीं हटाए। लोग ज्यादा मुआवजा मांग रहे हैं। मंगलवार को भारी संख्या में पुलिस फोर्स, राजस्व विभाग के अधिकारी व एनएचएआई के अधिकारी बुलडोजर लेकर पहुंचे। तीन किमी के इस कब्जे को मंगलवार को गिरा दिया। ट्रांसलेम पब्लिक स्कूल की दीवार पर भी निशान लगा था, वहां पर नौ मीटर पर लगा था, अब दो मीटर भीतर की तरफ और बढ़ा दिया गया है।
11 मीटर तक निर्माण गिराये जाएंगे। 100 दुकान और मकानों को आज प्रशासन ने पुलिस सुरक्षा घेरे में क्षतिग्रस्त कर दिया। उधर, मौके पर पहुंचे कैंट विधायक अमित अग्रवाल ने तोड़फोड़ कर रही टीम का विरोध किया। इस बीच कैंट विधायक और एसडीएम सदर संदीप भागिया के बीच कहासुनी तक हो गई। भाजपा विधायक ने भी प्रशासन द्वारा घोषित किये गए अवार्ड पर भी सवाल उठाये तथा प्रशासन से अवार्ड सही करने के लिए कहा।
ये है विवाद
कृषि भूमि का प्रशासन ने अवार्ड 3600 रुपये वर्ग मीटर किया हैं। किसान खेत की जमीन का यह अवार्ड लेने के लिए सहमत हैं, लेकिन बात बिगड़ रही है, आबादी के बीच। प्रशासन का सलारपुर से लेकर विजय लोक तक 16000 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से सर्किल रेट प्रशासन का निर्धारित हैं। किसान इस बात पर अडिग है कि सर्किल रेट का चार गुना बढ़ाकर मुआवजा उन्हें दिया जाए, जो 64 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर बैठता है। ये मुआवजा प्रशासन देने को तैयार नहीं हैं।
इसी को लेकर तकरार व टकराव के हालात किसानों व प्रशासन के बीच बन रहे हैं। आगे बात और बिगड़ सकती हैं। यही नहीं, विजय लोक से डिफेंस कॉलोनी की पुलिया तक सर्किल रेट 36 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर हैं। इसका चार गुना लोग मांग रहे हैं। इसी को लेकर विवाद बढ़ रहा हैं।
विरोधियों को पुलिस ने पीडब्ल्यूडी के गेस्ट हाउस में रखा
भूमि अधिग्रहण एनएच-119 पर सभी किसानों को आवासीय के बजाय कृषि में अधिग्रहण किया गया हैं। सरकार के अपारदर्शी कार्यशैली के विरोध में किसानों पर बुलडोजर नीति का भारी विरोध किया और अधिकारियों को कहा कि जब तक सभी किसानों को कानून सम्वत मुआवजा नहीं मिलेगा, उनका संघर्ष जारी रहेगा। किसान नेता रोहित जाखड़ और मवाना रोड पर रहने वालों को गिरफ्तार कर पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में रखा गया।
साथ में ट्रांसलेम स्कूल के मालिक प्रशांत जैन, बंटी गुर्जर, केपी सिंह सलारपुर, सतपाल सिंह रजपुरा, आशीष चौधरी रजपुरा, जयकुमार रजपुरा, श्रवण चौधरी रजपुरा, शुभम राणा, प्रशांत चौधरी, अमरीश बालियान आदि ने विरोध किया तथा उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर पीडब्ल्यूडी के गेस्ट हाउस में बंधक बनाकर रखा।
विवाद निपटाने को डीएम ने बुलाई बैठक
किसानों और प्रशासन के बीच मुआवजे को लेकर विवाद बढ़े, इससे पहले ही डीएम दीपक मीणा ने बुधवार को मीटिंग बुलाई हैं। इस मीटिंग में जनप्रतिनिधि भी शामिल रहेंगे, ताकि जो विवाद पैदा हुआ है, वह आगे नहीं बढ़े। प्रशासन भी मानता है कि अवार्ड गलत हुआ हैं। कृषि भूमि और आबादी क्षेत्र की भूमि के सर्किल रेट का आपस में मिलान करने के बाद ही अवार्ड घोषित किया जाना चाहिए था।
पुनर्वास की नहीं व्यवस्था
प्रशासन आम लोगों को घेर और दुकान से बाहर तो कर रहा है, लेकिन पुनर्वासन की कोई व्यवस्था नहीं की गई हैं। इसको लेकर दुकानदारों ने भी आक्रोश व्यक्त किया है। जिन लोगों के घर तोड़े गए, उनको घर मिलना चाहिए। उन्हें मकान के मलबे का भी मुआवजा नहीं दिया गया। इस मुद्दे को कैंट विधायक अमित अग्रवाल ने उठाया। उन्होंने कहा कि जिनके घर व दुकानों को तोड़ दिया गया, ऐसे लोगों की पुनर्वासन व पुर्न व्यवस्थापना की जानी चाहिए थी। इसकी मांग कैंट विधायक ने डीएम से करने की बात कही है।