- विधिवत उद्घाटन नहीं, जनता के लिए खोला एक्सप्रेस-वे
- मेरठ से दिल्ली बॉर्डर की दूरी 65 किमी
- एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर आयी कुल लागत 8500 करोड़
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: अब मेरठ से दिल्ली का सफर मात्र 50 मिनट में पूरा होगा। मेरठ के लोगों को बड़ी सौगात दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे के रूप में मिली है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे को गुरुवार को पूरी तरह जनता के लिए खोल दिया गया। विधिवत उद्घाटन तो नहीं हुआ, लेकिन इसे जनता के लिए खोला दिया गया।
हालांकि डासना में थोड़ा अवरोध है, जिस पर काम चल रहा है। वहां भी जल्द काम पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है। इसके अलावा फ्रेट कोरीडोर के लिए पुल का निर्माण भी किया जा रहा है, जिसके चलते एक्सप्रेस-वे पर वन-वे किया गया है। इसकी वजह से दुर्घटना की भी संभावनाएं बनी हुई हैं।
एक्सप्रेस-वे के जरिए ढाई घंटे का सफर अब 50 मिनट में पूरा हो सकेगा। मेरठ से मात्र 50 मिनट में दिल्ली पहुंचा जा सकेगा। गाजियाबाद के लोगों को मेरठ पहुंचने के लिए बड़ी जद्दोजहद करनी पड़ती थी, जो अब नहीं करनी होगी। मात्र आधे घंटे में गाजियाबाद के लोग मेरठ पहुंच सकेंगे।
टोल की दरें अभी निर्धारित नहीं की गई हैं। काशी (परतापुर) में टोल बनकर तैयार हैं, लेकिन फिलहाल टोल वसूली नहीं की जा रही है। सर्वप्रथम एनएचएआई वाहनों के आवागमन का सर्वे करेगी तथा इसके बाद ही टोल का टेंडर प्राइवेट कंपनी को दिया जाएगा। कई स्थानों पर यह भी देखने को मिला है कि स्थानीय ग्रामीणों ने अपने गांव के सामने बनाई गई दीवार व एनएचएआई के निर्माण को क्षतिग्रस्त कर दिया है, जो गलत है।
अभी तो पूरी तरह से एक्सप्रेस-वे चालू भी नहीं हुआ है, लेकिन लोगों ने तोड़ना आरंभ कर दिया है। पेड़-पौधे भी एक्सप्रेस-वे पर लगाये जा रहे हैं। एक तरह से यह एक्प्रेस-वे ग्रीन रहेगा। इसकी पूरी तैयारी की गई है। डासना में यह एक्सप्रेस-वे 24 में मिल रहा है, जो दिल्ली तक ले जाता है। मेरठ से डासना तक एक्सप्रेस-वे छह लेन है, लेकिन डासना से दिल्ली तक यह 14 लेन का है।
एक्सप्रेस-वे से मोदीनगर व मुरादनगर में भी उतारने की व्यवस्था दी गई है, जहां पर टोल भी लगेगा। ज्यादा एंट्री एक्सप्रेस-वे पर नहीं दी गई। परतापुर (काशी) टोल से ही हापुड़ व गंगा एक्सप्रेस-वे से एंट्री दी जाएगी। यह पहले से ही प्रस्तावित है। एक्सप्रेस-वे पर कैमरे लगाने का काम भी दिन भर चला। पूरा एक्सप्रेस-वे कैमरे की नजर में रहेगा। निर्धारित स्पीड़ से ज्यादा वाहनों को दौड़ाने पर आॅन लाइन चालान भी होगा। यह भी व्यवस्था की गई है।
एक्सप्रेस-वे को लगा ढाई साल का वक्त
एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट के डायरेक्टर मुदित गर्ग ने दावा किया है कि इसे बनाने में साढ़े आठ हजार करोड़ का खर्चा आया है। उन्होंने बताया कि इसे बनाने में ढाई साल का वक्त लगा है। कोरोना काल में काम को बंद करना पड़ा, वरना ये प्रोजेक्ट और भी जल्दी पूरा किया जा सकता था।
एक्सप्रेस-वे पर बाइक और थ्री-व्हीलर नहीं दौडेंगे
एक्सप्रेस-वे पर फिलहाल बाइक व थ्री-व्हीलर भी दौड़ रहे है, लेकिन एनएचएआई के प्रोजेक्ट के डायरेक्टर मुदित गर्ग का कहना है कि टोल चालू होने के बाद बाइक व थ्री व्हीलर इस पर नहीं दौड़ सकेंगे। क्योंकि एक्सप्रेस-वे पर छोटे वाहनों को प्रतिबंधित किया गया है।
लाइट से रोशन हुआ एक्सप्रेस-वे
एक्सप्रेस-वे पर स्ट्रीट लाइट तो नहीं लगाई गई हैं, लेकिन गाजियाबाद की एंट्री प्वांइट पर स्ट्रीट लाइट लगाई गई हैं, जो गुरुवार की शाम को रोशन हो गई। इसमें कुछ लाइट जल भी रही थी, लेकिन कुछ बंद थी। करीब दो किमी के दायरे में ही स्ट्रीट लाइट लगाई गयी है, उसके बाद लाइट नहीं लगी है।
भाजपा सांसद भी पहुंचे एक्सप्रेस-वे पर
भाजपा सांसद राजेन्द्र अग्रवाल गुरुवार को दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर पहुंचे। काशी (परतापुर) टोल पर उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए दावा किया कि मेरठ से दिल्ली का सफर अब 50 मिनट में पूरा किया जा सकता है। भाजपा ने जनता को बड़ा तोहफा दिया है।
मोदीनगर व मुरादनगर में जाम की समस्या से लोगों को राहत मिली है। अब मेरठ की जनता के लिए दिल्ली दूर नहीं रहा। डेली अपडाउन भी आसानी से किया जा सकता है। उन्होंने पीएम नरेन्द्र मोदी व केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को भी बधाई दी है। पूर्व विधायक अमित अग्रवाल ने भी फेस बुक पर फोटो डालकर केन्द्रीय परिवहन मंत्री को दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के लिए बधाई दी है।
एक्सप्रेस-वे एक नजर में
- सराय काले खां से डासना तक ये 14 लेन का है,जबकि डासना से मेरठ तक 6 लेन हैं।
- दिल्ली से मेरठ पहले ढाई घंटे में पहुचते थे अब 50 मिनट में पहुचेंगे।
- डासना से मेरठ के बीच ग्रीन एक्सप्रेस वे बनाया जा रहा है, जिसमें 50 हजार पेड़ लगाए गए हैं।
- 8-10 किमी की दूरी पर एक्सप्रेस-वे की हर लेन के ऊपर डिस्पले लगी होंगी, जिसमें गाड़ी की रफ्तार देखी जा सकेगी।
- एक्सप्रेस वे पर भारी वाहनों की अधिकतम रफ्तार 80 किमी प्रति घंटा और कार की स्पीड 100 किमी प्रति घंटा रखी गई है।
- एक्सप्रेसवे पर चढ़ने और उतरने के लिए डासना में 5-5 लेन बनाई गई हैं।
- दोनों तरफ 5-5 टोल बूथ बनाए गए हैं, हर बूथ के बीच 100 मीटर का अंतर।
- डासना से मेरठ तक एक्सप्रेसवे में 72 कैमरे लगाए गए हैं।