- जिला अस्पताल के अलावा प्राइवेट डाक्टरों से लग रहे सैंकड़ों इंजेक्शन
- कुत्तों की भरमार पर नगर निगम ने आंखें फेरी, सड़कों पर निकलना मुश्किल
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शहर की सड़कोें पर आवारा कुत्तों का राज हो गया है। रात की बात छोड़िये अब तो दिन में भी गलियों में निकलना खतरे से खाली नहीं रह गया है। आवारा कुत्तों के आतंक की तस्वीर देखनी हो तो प्यारेलाल शर्मा जिला अस्पताल के कमरा नंबर 16 में चले जाइये। प्रतिदिन डेढ़ सौ के करीब लोगों को कुत्ते के काटने पर इंजेक्शन लग रहे हैं।
इसके अलावा तमाम प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और प्राइवेट क्लीनिकों पर इंजेक्शन अलग से लग रहे हैं। नगर निगम खानापूर्ति करने के लिये कुछ कुत्तों को पकड़ कर उनकी नसबंदी करके कर्तव्य की इतिश्री कर रहा है। जबकि कुत्तों की भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही है।
जिला अस्पताल में अगर इस सप्ताह पर नजर डालें तो सवा सौ से डेढ़ सौ लोगों को रैबीज के इंजेक्शन लग रहे हैं। कुत्ते के काटने वालों की सुबह आठ बजे से लेकर दोपहर दो बजे तक लाइन लग रही है। हर किसी की यही शिकायत है कि गली के कुत्ते ने काट लिया है।
शनिवार को लगभग 175 से अधिक लोगों को आवारा कुत्तों ने काटा। गर्मी में बढ़ते आवारा कुत्तों के हमलों से लोग सहमे हुए हैं। पीएल शर्मा जिला अस्पताल में लगभग 175 लोग एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने पहुंचे। इनमें करीब 80 मामले नए थे। अगर सीएचसी-पीएचसी और निजी अस्पतालों में एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने वालों की संख्या जोड़ दी जाए तो 250 के ऊपर पहुंचेगी।
लगभग 150 से अधिक नए मामले होंगे। शारदा रोड, सदर, नेहरू नगर, शास्त्रीनगर, टीपी नगर, लाला का बाजार, कोतवाली का इलाका, जली कोठी, साकेत, मानसरोवर, डिफेंस कालोनी, गंगानगर, ब्रह्मपुरी, खैरनगर, जागृति विहार में सबसे अधिक लोग आवारा कुत्तों से परेशान हैं।
करीब 25 दिनों में लगभग 130 आवारा कुत्तों की नसबंदी व एंटी रेबीज वैक्सीनेशन करके उसी स्थान पर छोड़ा गया है। नगर निगम की एनिमल बर्थ कंट्रोल यूनिट के प्रयास पीड़ितों की संख्या के आगे बौने साबित हो रहे हैं। हर कोई दहशत में क्योंकि कुत्तों के झुंड भीषण गर्मी के कारण हमलावर अंदाज में दिख रहे हैं।