Tuesday, January 14, 2025
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पंचकर्म आयुर्वेद की प्रमुख शुद्धिकरण उपचार पद्धति: डा. राज

  • हिंदू महिला महाविद्यालय में हुआ आयुर्वेदाचार्य का व्याख्यान

जनवाणी संवाददाता |

शामली:  हिंदू महिला महाविद्यालय शामली में शहर के प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य द्वारा आयुर्वेद आधारित पंचकर्म चिकित्सा द्वारा जटिल रोगों के उपचार पर व्याख्यान देकर आयुर्वेदिकको बिना साइड इफेक्ट उपचार की पद्धति बताया।
मंगलवार को शहर के प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डा. राज तायल ने आयुर्वेद आधारित पंचकर्म चिकित्सा द्वारा जटिल रोगों के उपचार पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि भारत का विकास युवाओं पर निर्भर है।

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परन्तु आज का युवा भारतीय संस्कृति से दूर हो विकृत सभ्यता की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में हम सभी का दायित्व बनता है कि आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ व सुसंस्कृत किया जाए। स्वास्थ्य रक्षा न केवल औषधि सेवन से होती है बल्कि अनेक कारण भी हैं जो अथर्ववेद में वर्णित है। पंचकर्म, उपवास, योगासन आदि रोग न हो तो भी स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है। पंचकर्म आयुर्वेद शास्त्र में वर्णित एक प्रमुख शुद्धिकरण उपचार पद्धति है, जो दोषों को शरीर से बाहर निकाल कर रोगों को जड़ से समाप्त करती है।

यह शरीर शोधन की प्रक्रिया है, जो स्वस्थ मनुष्य के लिए भी फायदेमंद है। पंचकर्म अर्थात पांच विभिन्न चिकित्साओं का मिश्रण है। उन्होंने आयुर्वेद उपचार को साइड इफैक्ट रहित उपचार पद्धति बताया।

महाविद्यालय की प्राचार्या डा. मंजू गर्ग ने डा. राज तायल का आभार प्रकट किया तथा छात्राओं को कहा कि रोग होने पर हम सभी किसी न किसी प्रकार का उपचार लेते ही है परन्तु पंचकर्म एवं आयुर्वेद से हम अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर एवं सुदृढ बना सकते हैं। रोग होने से पहले ही यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि कोई रोग हमारे शरीर में प्रवेश ही न करे। इस अवसर पर समस्त छात्राएं एवं महाविद्यालय का समस्त स्टाफ एवं शिकक्षगण उपस्थित रहे।

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