- तीन भाइयों में सबसे बड़े थे अगस्त्य, जुड़वा भाइयों से जुदा हुए, मंजर देख भर आई सभी की आंखें
- बाइक के ओवरटेक करने से आटो डिवाइडर से टकरा कर छात्र के सिर पर गिरा
- चालक गिरफ्तार, परिवार में कोहराम, आटो में जाने वाले सभी बच्चे एक ही मोहल्ले के
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सदर थानांतर्गत वेस्ट एंड रोड पर दीवान पब्लिक स्कूल के छात्रों को लेकर जा रहा आटो रिक्शा पलट गया। जिसमें कक्षा छह के छात्र की दर्दनाक मौत हो गई और बाकी पांच छात्रों को मामूली चोट आई। दुर्घटना के बाद चालक गंभीर रूप से घायल छात्र को केएमसी अस्पताल ले गया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया। छात्र की मौत से परिवार में कोहराम मच गया। देर शाम छात्र का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
न्यू देवपुरी निवासी कौशल उपाध्याय ने बताया कि उनका 13 साल का बेटा अगस्त्य भारद्वाज कक्षा छह में दीवान पब्लिक स्कूल में पढ़ता था। मंगलवार को स्कूल से छुट्टी होने के बाद आटो से घर आ रहा था। उसके साथ अन्य पांच बच्चे भी थे। जीटीबी तिराहे पर छात्रों की भीड़ सड़क पर चल रही थी। सड़क पर चल रहे छात्रों को बाइक के ओवरटेक होने के बाद बचाने के चक्कर में आटो डिवाइडर पर चढ़कर पलट गया।
इससे आटो चालक का नियंत्रण हट गया और आटो डिवाइडर से टकरा कर पलट गया। आटो में ड्राइवर के बगल में बैठा अगस्त्य मुंह के बल सड़क पर गिरा और उसके सिर पर आटो गिर गया। आटो गिरने से अगस्त्य गंभीर रूप से घायल हो गया और उसे खून की उल्टी होने लगी। यह देखकर आटो में बैठे बच्चों की चीख निकल गई। तभी आटो चालक ने वहीं से गुजर रही बाइक को रोका और उसमें घायल छात्र को बैठाकर केएमसी अस्पताल भागकर आया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया।
सूचना मिलने पर अगस्त्य के परिवार के लोग थाने पहुंचे। शव का पंचनामा भराने के बाद अपने साथ ले गए। अगस्त्य के परिवार ने पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया। थाना प्रभारी देव सिंह रावत ने बताया कि आटो चालक को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। परिवार के लोगों की तरफ से अभी तक कोई तहरीर नहीं दी गई है। वहीं, आटो में बैठे अन्य छात्रों को मामूली चोटें आई। एक छात्र के पिता सिद्धार्थ ने बताया कि जब वह नोएडा में थे, तभी उनको सूचना मिली तो एक घंटे में भागकर मेरठ आये। घर आकर जब अपने बेटे को सही सलामत देखा तो उनके सांस में सांस आई।
जुड़वां भाइयों से दूर हुआ अगस्त्य
दीवान पब्लिक स्कूल का कक्षा पांचवीं का छात्र अगस्त्य भारद्वाज तीन भाइयों में सबसे बड़ा था। उसके दो छोटे भाई शिवांश और शिवम जुड़वां भाई है। कौशल भारद्वाज के घर आई दु:ख की घड़ी ने पूरे परिवार को तोड़कर रख दिया है। गली के एक कोने में मृतक अगस्त्य के बाबा गुमसुम बैठे हुए थे। वे महावीर शिक्षा सदन में बाबू के पद से रिटायर हुए थे। उनकी आंखों के सामने पौत्र ने तड़पते हुए दम तोड़ा था। उनकी गोद मे आकर कभी शिवम तो कभी शिवांश आकर बैठ जाता और बस एक ही बात बोल रहा था पापा के साथ जाऊंगा वो वासु को लेकर क्यों जा रहे हैं?
चालक ने दिखाई मानवीयता
दीवान पब्लिक स्कूल से छह बच्चों को लेकर मकबरा डिग्गी निवासी शारिक आटो से चला था। गुरु तेग बहादुर पब्लिक स्कूल के सामने से गुजरते समय दुर्घटना होने पर जैसे ही अगस्त्य आटो के नीचे आया तभी शारिक तेजी से उतरा और बच्चे को उठाया और वहां से गुजर रही एक बाइक को रोककर भाग कर केएमसी अस्पताल आया, जहां चिकित्सकों ने अगस्त्य को मृत घोषित कर दिया गया। कुछ लोगों का कहना था कि आटो तेज गति से आ रहा था। जिस कारण डिवाइडर से टकराकर पलट गया।
बेटे का शव देख मां गिर पड़ी
जैसे ही केएमसी अस्पताल से बच्चे के शव को लेकर घर वाले आये तभी मां आशा गश खाकर गिर गई और बड़ी मुश्किल से लोगों ने उनको सहारा दिया। मां पूरे समय बेटे को कलेजे से लगाये रही। उनके मुंह से बस यही निकल रहा था मेरे बेटे को लौटा दो उसकी कोई गलती नहीं है।
पुलिस की तैनाती बंद होने से परेशानी बढ़ी
दो साल पहले यानि कोरोना से पहले वेस्ट एंड रोड के स्कूलों में छुट्टी के समय लगने वाले जाम और छेड़खानी की घटनाओं को देखते हुए सदर थाने की भूसामंडी चौकी अलर्ट मोड पर रहती थी, लेकिन दो साल से स्कूल बंद होने के कारण पुलिस की तैनाती बंद हो गई थी। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि अगर चौकी पर पुलिस तैनात होती तो अव्यवस्था की स्थिति न पैदा होती।
पापा वासू भैया को बहुत खून निकला
आटो में स्कूल से घर आ रहे दीवान पब्लिक स्कूल के कक्षा एक के छात्र ने अपने पिता को बताया कि पापा जब आटो पलटा तब वासु भैया नीचे गिरे और बहुत सारा खून निकला था। घर आकर बच्चा बार-बार अपने पापा को फोन करके अगस्त्य के बारे में पूछ रहा था।
दरअसल आटो में सवार सभी बच्चे न्यू देवपुरी के थे। इस कारण आटो चालक मकबरा डिग्गी निवासी शारिक से उनका भावनात्मक लगाव भी था। दुर्घटना होते ही शारिक ने जिस तरह से बच्चे को गोद में उठाकर भागा उसकी मृत छात्र के घर वालों ने भी सराहना की।
दो साल घर में सुरक्षित, स्कूल खुला तो मौत
दीवान पब्लिक स्कूल के कक्षा छह के छात्र अगस्त्य भारद्वाज की दर्दनाक मौत ने उन अभिभावकों को परेशानी में डाल दिया। जिनके बच्चे भी आटो से स्कूल जाते है। मौके पर मौजूद लोगों का कहना था कि कोरोना के कारण दो साल से बच्चे घर में पढ़ रहे थे और सुरक्षित थे। चार दिन से स्कूल खुला तो एक मासूम की दर्दनाक मौत हो गई।
न्यू देवपुरी की गली में जहां बच्चों की चहल पहल हमेशा रहती थी। वहां पर मंगलवार दोपहर के बाद सन्नाटा छा गया। कक्षा छह के छात्र अगस्त्य की मौत ने सबको गमगीन कर दिया। शोकाकुल परिवार को सांत्वना देने आये लोगों का कहना था कि दो साल से बच्चे आॅनलाइन पढ़ाई कर रहे थे और सुरक्षित थे, लेकिन यह कभी नहीं सोचा था कि स्कूल खुलते ही एक परिवार पर दु:ख का पहाड़ टूट पड़ेगा।
खूबसूरत राइटिंग और किताबें देख पिता रो पड़े
न्यू देवपुरी में जिस घर में अगस्त्य रहता था। उसमें काफी लोगों के आने से पैर रखने की जगह भी नहीं बची थी। परिवार की एक महिला ने घर के बाहर सामान रखकर जगह बनानी शुरू कर दी। जब एक कुर्सी पर अगस्त्य की किताब और कापियों को लाकर रखा गया तो सभी की निगाहें किताब और कापियों पर पड़ी। अगस्त्य की हैंड राइटिंग आकर्षक थी और अक्षर मोतियों जैसे थे। जिसने भी इनको देखा आंखों में आंसू आ गए। पिता कौशल ने एक कापी उठाई और दिल से लगा ली। हर कोई बच्चे की प्रतिभा और व्यवहार की तारीफ करने से नहीं चूक रहा था।
बच्चे की मौत से गमगीन न्यू देवपुरी
वेस्ट एंड रोड पर आटो पलटने से मरे छात्र अगस्त्य की मौत से न्यू देवपुरी में शोक की लहर दौड़ गई। जिसने भी सुना उसकी आंखों में आंसू आ गए।
न्यू देवपुरी के मकान नंबर-105 में रहने वाला अगस्त्य भारद्वाज सभी का चहेता था। उसके दोस्त व गली वालों के बीच घर वाले नाम वासु कहकर बुलाते थे। जैसे ही लोगों को दुर्घटना के बारे में पता चला तो लोग भाग कर घर की ओर दौड़े। अगस्त्य का घर बंद गली में होने के कारण थोड़ी देर में भीड़ लग गई।
12 साल के बच्चे की असामयिक मौत ने लोगो को झकझोर कर रख दिया था। दोपहर एक बजे के करीब जब बच्चे का शव घर लाया गया तो वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गई। देखते-देखते रिश्तेदारों और परिचितों की भीड़ जुट गई। अगस्त्य के बूढ़े बाबा अपने आंसू नहीं रोक पाए और रोने लगे। बाबा को रोते देख एक पौत्र शिवम भी आ गया और कहने लगा वासु भैया को लेकर आओ।