Monday, October 14, 2024
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सड़कों के जख्मों को मरम्मत के मरहम की दरकार

वार्ड-64: पार्षद का रिपोर्ट कार्ड

  • नगर निगम के वार्ड-64 में थापरनगर, सोतीगंज पटेलनगर जैसे वीआईपी मोहल्ले शामिल
  • थापरनगर पार्क को मिनी बिजलीघर के रूप में तब्दील कर चुका है ऊर्जा निगम
  • हादसे को निमंत्रण दे रहे हाइटेंशन लाइन के नंगे तार

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: महानगर के वीआईपी इलाकों में शामिल थापरनगर, सोतीगंज, पटेलनगर आदि मोहल्लों को मिलाकर बनाए गए नगर निगम के वार्ड-64 में विकास से ज्यादा रखरखाव का अभाव देखा जा सकता है। वार्ड के अधिकतर मार्गों की दशा सड़कों की टूटी-फूटी अवस्था और गलियों में बिछाई गई पाइप लाइन के बाद उखड़ी टाइल्स अव्यवस्था का खुला प्रमाण पेश करती हैं।

थापरनगर गोल मार्केट के मध्य स्थित बदहाल पार्क को बिजली विभाग ने मिनी बिजलीघर के रूप में विकसित कर लिया है। जहां पार्क के एक छोर पर कई ट्रांसफर हो रख दिए गए हैं, वहीं इन ट्रांसफॉर्मरों तक हाइटेंशन लाइन के नंगे तार पार्क से होकर लाए गए हैं, जिनसे हर समय हादसा होने की आशंका बनी रहती है।

बरसात के दौरान जलभराव की समस्या को लेकर सबसे ज्यादा चचार्ओं में रहने वाले वार्ड-64 को पीडब्ल्यूडी एनएच विभाग ने बेगमपुल रोड पर पुलिया बनाकर बड़ी राहत दी है। जिसके निर्माण के बाद इस वार्ड के विभिन्न क्षेत्रों की जलनिकासी में सुधार देखा जा सकता है, लेकिन बरसों तक हर समय गंदे पानी से भरी रहने वाली नगर की इस प्रमुख सड़क की हालत बेहद जर्जर हो चली है।

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जगह-जगह से टूट चुकी इस सड़क में गहरे-गहरे गड्ढे और बिखरी बजरी वाहनों के फिसलने का कारण बनती रहती है। गौरतलब है कि आॅटोमोबाइल के क्षेत्र में सोतीगंज मार्केट काफी मशहूर है, जहां आसपास के कई जिलों से लोग आकर खरीदारी करते हैं और दुपहिया वाहनों की मरम्मत कराते हैं। दुकानदारों का कहना है कि राधे चाट वाले के सामने पुलिया निर्माण के बाद जलनिकासी होने लगी है,

लेकिन इस सड़क की मरम्मत करके दुकानदारों और मार्केट में आने वाले ग्राहकों को राहत दिए जाने की जरूरत है। वार्ड की स्थिति, विकास और समस्याओं को लेकर जसपाल सिंह जस्सी, अमनदीप सिंह, विक्रम सोंधी, सुशील कुमार, मोहम्मद शुऐब, ओमप्रकाश पाल, विनीत शर्मा कोषाध्यक्ष थापर नगर व्यापार संघ समेत विभिन्न लोगों से बात की गई। जिसमें यह तथ्य प्रमुख रूप से उभर कर सामने आया कि वार्ड में विभिन्न योजनाओं से निर्माण कार्य तो हुए हैं,

लेकिन इनका रखरखाव करने में नगर निगम पूरी तरह विफल हुई है। इसका नतीजा है कि गोल मार्केट से चारों ओर जाने वाली सड़कों के मुहाने और मध्य भाग कई जगह से टूटी-फूटी अवस्था में हैं। जिन से निकलने वाली बजरी वाहनों के फिसलने का कारण बनती है और लोग चोट चोटिल हो जाते हैं।

इस वार्ड में जहां अपेक्षाकृत सफाई को संतोषजनक कहा जा सकता है, वहीं खैर नगर के पीछे से गुजरने वाले थापरनगर, पटेल नगर नाले की सफाई का काम बहुत दिन से नहीं हो पाया है। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि यहां साल में एक बार ऊपर से थोड़ा बहुत मलबा हटाकर औपचारिकता पूरी कर ली जाती है। जिसके कारण यह नाला अवरुद्ध ही रहता है।

थापरनगर गोल मार्केट क्षेत्र के लोगों का कहना है कि मध्य में स्थित पार्क के रखरखाव के लिए नगर निगम की ओर से कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। इस पार्क की स्थिति यह है कि बिजली विभाग ने इसकी एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर रखा है। पार्क के एक छोर पर कई ट्रांसफार्मर रखे हुए हैं। जिनमें आए दिन होने वाले फाल्ट से चिंगारियां निकलती रहती हैं और लोगों की दहशत का कारण बनती है।

इन ट्रांसफॉर्मरों तक लाई गई हाइटेंशन लाइन के लिए खंभे भी पार्क के बीच में लगाए गए हैं। जिन पर हाइटेंशन लाइन के नंगे तार नीचे लटके हुए और पेड़ की शाखाओं से टकराते हुए साफ साफ देखे जा सकते हैं। लोगों का कहना है कि इन नंगे तारों में प्रवाहित होने वाला करंट बरसात के दौरान पार्क में मौजूद पेड़ों से टच होने के बाद धमाके करता रहता है।

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करंट पेड़ों के जरिये प्रवाहित होकर पूरे पार्क में फैल जाता है। ऐसे समय पर अगर कोई व्यक्ति पार्क में शरण लेने के लिए पहुंच गया तो करंट के चलते उसके साथ कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है, लेकिन बिजली विभाग का कोई भी अधिकारी इस समस्या का समाधान करने के लिए तैयार नहीं है।

वार्ड के लोगों का कहना है कि उनके क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या विभिन्न कार्यों के लिए खोदी गई क्षतिग्रस्त सड़कें हैं। जिनकी मरम्मत के लिए नगर निगम की ओर से कभी कोई अभियान नहीं चलाया गया है। गोल मार्केट निवासी ओमप्रकाश का कहना है कि यहां कूड़ा कई कई दिन तक खुला पड़ा रहता है।

गली नंबर पांच में गोल चक्कर के पास थोड़ी सी बरसात होते ही जलभराव के कारण वहां से गुजारना मुश्किल हो जाता है। गोल मार्केट पार्क का उपयोग इन दिनों नशे के शौकीन और असामाजिक तत्व करते देखे जा सकते हैं, जिनकी गतिविधियों को देख कर भी अनदेखा करना क्षेत्र के दुकानदारों की मजबूरी बन चुका है।

इस वार्ड से दो बार चुनाव लड़ चुके जसपाल सिंह जस्सी का कहना है कि वार्ड की जो भी समस्याएं हैं वह लोगों के सामने हैं। इस बार भी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे जसपाल सिंह जस्सी का कहना है कि नगर निगम के स्तर से होने वाली सभी विकास योजनाओं का पूरा-पूरा पालन कराना पार्षद का प्रमुख दायित्व है।

सपा नेता परविन्द्र सिंह का बड़ा दावा

एमडीए कार्यसमिति के नामित सदस्य रहे सपा के वरिष्ठ नेता परविन्द्र सिंह ईशू ने दावा किया कि उन्होंने वार्ड-64 में इतने विकास कार्य कराए हैं, जितने आजादी के बाद से आज तक किसी ने नहीं कराए हैं। कैंट विधानसभा से पार्टी ने उन्हें दो बार प्रत्याशी भी बनाया है, लेकिन गठबंधन के कारण दोनों बार उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा है।

सपा नेता ईशू का कहना है कि वार्ड-64 उनके अपने घर सरीखा है, जहां एमडीए के माध्यम से करोड़ों रुपये के काम विभिन्न फंड के जरिये कराए गए हैं। इनकी गवाही वार्ड में लगे उनके नाम के बोर्ड दे रहे हैं। इनमें मिशन कंपाउंड में रोड, पार्क लाइट, थापर नगर में सारी गलियां, इंटरलॉक, लाइट, न्यू मार्केट रोड निर्माण आदि शामिल हैं। उनका कहना है कि अगर किसी एमपी, एमएलए या पार्षद ने इतने काम कराए हों, तो वे खुली बहस के लिए तैयार हैं।

पार्षद का कथन

वार्ड-64 से दूसरी बार पार्षद बनीं सुनीता प्रजापति का कहना है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में विभिन्न विकास कार्य कराए हैं। सुनीता प्रजापति के अनुसार लखनऊ से गाजियाबाद तक भागदौड़ करके बेगमपुल रोड पर पुलिया का निर्माण कराकर जलनिकासी की व्यवस्था का बड़ा काम उन्होंने कराया है।

गली नंबर तीन में काली सड़क, पुलिस चौकी से लेकर थापर नगर गुरुद्वारा रोड तक सीमेंटेड सड़क, बच्चा पार्क से सेंट थॉमस तक नाले का निर्माण, बर्फखाने से राधे चार्ट वाले तक नाला निर्माण, न्यू मार्केट की पुलिया थापर नगर में पांच पुलिया पहले और पांच का निर्माण फिलहाल कराया जा रहा है

जिमखाना मैदान मिशन कंपाउंड देवनगर में सड़कें बनवाई हैं। यह विकास कार्य करोड़ों की लागत से हुआ है। बच्चा पार्क की दीवार से होने वाले जल निकासी के अवरोध को दूर कराने के लिए शीघ्र ही बड़ी पुलिया का निर्माण कराने की बात उन्होंने कही है। पार्षद सुनीता प्रजापति का यह भी कहना है कि बीते पांच वर्षों में नगर निगम बोर्ड की बैठकें बहुत कम हुई हैं।

ज्यादातर बैठकों में हंगामे ज्यादा हुए हैं। ऐसे में बहुत सारे प्रस्ताव धरे के धरे रह गए हैं। इसके बावजूद उन्होंने नगर निगम प्रशासन क्षेत्रीय विधायक और सांसद के सहयोग से अपने वार्ड को बेहतर से बेहतर सुविधा दिलाने का प्रयास किया है।

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