- अपनी बसों के लिए जगह की कमी से जूझ रहा सोहराब गेट बस स्टैंड
- बाहर सड़क पर खड़ी होती हैं भैंसाली स्टैंड की बसें
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कांवड़ यात्रा के नाम पर भैंसाली बस स्टैंड की गढ़ रोड स्थित सोहराब गेट बस स्टैंड पर शिफ्टिंग ने इस मार्ग से गुजरने वालों के लिए ही नहीं बल्कि यहां आसपास रहने वालों खासतौर से दुकानदारों के लिए मुसीबत खड़ी हो गयी है। सोहराब गेट बस स्टैंड की यदि बात करें तो यह तो पहले से खुद के लिए जगह की कमी से परेशान हैं। सोहराब गेट डिपो से बरेली, आगरा, मुरादाबाद, लखनऊ सरीखे लंबे रूटों के लिए चलने वाली बसें पहले से जगह की कमी के चलते रोड पर खड़ी होती हैं और अब रही सही कसर भैंसाली बस स्टैंड की यहां शिफ्टिंग ने पूरी कर दी है। बीते कई सालों से सिस्टम को चलाने वाले अफसर कांवड़ यात्रा में व्यवस्थाएं बनाने के नाम पर ऐसा ही करते आ रहे हैं।
जाकर नहीं झांकते अफसर
कांवड़ यात्रा के नाम पर भैंसाली बस स्टैंड को सोहराब गेट डिपो बस स्टैंड पर शिफ्टिंग का फरमान जारी करने वाले अफसर जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए कभी भी सोहराब गेट डिपो बस स्टैंड पर जाकर नहीं झांकते। उन्हें इस बात से कोई सरोकार नहीं लगता है कि दिल्ली रोड से बस स्टैंड की शिफ्टिंग को लेकर जो फरमान उन्होंने जारी किया है, उसके क्या साइड इफेक्ट हो रह हैं। अब यदि साइड इफेक्ट की बात करें तो जब से भैंसाली बस स्टैंड यहां गढ़ रोड शिफ्ट किया गया है, तब से यहां से गुजरने वाले तमाम वाहन बजाए चलने के रेंगने को मजबूर होते हैं।
दिन में कई बार मारपीट
भैंसाली बस स्टैंड के गढ़ रोड शिफ्ट करने के बाद यहां जाम लगना तो सामान्य सी बात हो गयी है, लेकिन इस जाम की वजह से जो वाहन फंस जाते हैं, खासतौर से ई-रिक्शा चालकों की बात करें तो यहां से निकलने या सवारी उतारे बैठाने को लेकर जाम में फंसने के चलते दिन में कई बार मारपीट की नौबत आ जाती है। दरअसल, होता ये है कि जाम की वजह से जगह तो बाकी रही नहीं, ऐसे में ई रिक्शा चालक व अन्य वाहनों के चालक कई बार अपनी गाड़ी निकलाने के चक्कर में दूसरी गाड़ी वालों से भिड़ बैठते हैं।