जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: महानगर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए प्रमुख स्थानों पर कबाड़ से जुगाड़ करके शोपीस बनाए गए थे। देखरेख के अभाव में अब ये शोपीस बदरंग हो गए हैं। अधिकांश शोपीस क्षतिग्रस्त हो गए हैं। किसी के रंग उड़ गए, तो कोई उजड़ गया। कुछ शोपीस का चोर सामान निकालकर ले गए। करीब पांच लाख की योजना अब दम तोड़ गई।
महानगर को स्मार्ट सिटी बनाने के उद्देश्य से निगम ने कबाड़ से जुगाड़ करके कुछ शोपीस सर्किट हाउस, तेजगढ़ी चौराहा, मेडिकल कॉलेज के पास, जेल चुंंगी चौराहा, बच्चा पार्क के पास, कमिश्नरी चौराहे के पास, दिल्ली रोड पर रामलीला मैदान के पास आदि प्रमुख स्थानों पर लगवाए गए थे। इसके लिए लेड स्केप भी तैयार की गई। इस योजना पर करीब पांच लाख रुपये खर्च किए गए। नगर निगम के निर्माण विभाग ने इस योजना को तैयार किया था। रंग-बिरंगे खूबसूरत वॉल पेंटिंग भी की गई। खराब मोटर पाट्स, ट्रैक्टर व अन्य वाहनों के कंडम टायरों, साइकिल के स्पेयर पार्ट्स से बनाए गए उक्त शोपीस ने लोगों को आकर्षित किया। लोग इन्हें रुककर देखते थे। इन शोपीस ने कुछ लोगों को कबाड़ से जुगाड़ करके अपने घरों को सजाने के लिए निष्प्रयोजित सामान से खूबसूरत सजावटी वस्तुएं तैयार करने के लिए प्रेरित किया। मेरठ के कबाड़ से जुगाड़ की इस योजना की सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी तारीफ की थी।
इसके बाद नगर निगम के अधिकारी फूले नहीं समाए, लेकिन इसके बाद अधिकारियों ने इनकी मेंटीनेंस पर कोई ध्यान नहीं दिया। कुछ शोपीस उजड़ गए तो कुछ बद से बदतर हो गए। कुछ शोपीस क्षतिग्रस्त हो गए। कुछ शोपीस का चोर सामान चुराकर ले गए। इनकी न तो किसी ने मरम्मत कराई और न ही इनपर पेंट कराया। दिनभर धूप और बारिश होने पर भीगने से ये सभी बदसूरत हो गए। अब लोग इन्हें देखना तक पसंद नहीं करते। लोग इनके आगे से गुजर जाते हैं। कुछ लोग तो इनकी बदहाली को देखकर निगम के अधिकारियों को कोसते हैं। निगम के अधिकारियों की उदासीनता के चलते लाखों रुपये की इस योजना ने आखिरकार दम तोड़ दिया।
यदि ठीक हो सकते हैं तो शोपीस की मरम्मत कराएंगे
नगर निगम के निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर पीके सिंह कुशवाहा का कहना है कि कबाड़ से जुगाड़ योजना से कुछ शोपीस मेरठ में भी स्थापित किए गए थे। अब अधिकांश खराब हो गए। इन्हें दिखवाया जाएगा। यदि उक्त शोपीस ठीक हो सकते हैं, तो मरम्मत कराई जाएगी।