मेरठ: भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सबसे सफलतम कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने बीते शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास की घोषणा कर दी। धौनी ने इंस्टाग्राम पर वीडियो पोस्ट कर इसकी जानकारी दी। वीडियो में उनके कॅरियर की झलकियां फोटो के रूप में दिखाई दीं।
पोस्ट में लिखा कि आप लोागें के प्यार और सहयोग के लिए धन्यावद, शाम 7:29 बजे से मुझे रिटायर समझा जाए। वहीं, धौनी के साथ ही उनके घनिष्ठ और उत्तर प्रदेश के स्टार खिलाड़ी सुरेश रैना ने भी सन्यास की घोषणा सोशल मीडिया के जरिए कर दी।
पिछले 16 वर्षों से चले आ रहे करिश्माई युग का अंत आखिरकार हो ही गया। अपने शांत स्वभाव के कारण कैप्टन कूल कहे जाने वाले महेंद्र सिंह धौनी के सन्यास के बाद से ही उनके फैंस की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
साथ ही मेरठी क्रिकेटरों ने भी अपनी प्रतिक्रयाएं जारी की हैं। तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार और पूर्व क्रिकेटर प्रवीण कुमार से लेकर अंडर-19 कप्तान प्रियम गर्ग ने भी धौनी के रिटायरमेंट पर अपनी भावनाएं व्यक्त की।
बता दें कि भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने अपना आखिरी मुकाबला पिछले वर्ष इंग्लैंड में हुए आईसीसी विश्व कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था।
इस सेमीफाइनल मुकाबले में मिली हार के बाद से ही उन्होंने क्रिकेट से दूरी बनाई हुई थी। हालांकि आईपीएल में अभी उनका खेल प्रशंसकों को देखने मिलेगा। इससे पूर्व ही उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया।
वहीं, धौनी के जिग्री और उत्तर प्रदेश के स्टार खिलाड़ी सुरेश रैना ने भी माही के साथ अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास ले लिया।
खेल के बाहर भी काम आया मार्गदर्शन: भुवी
भारतीय तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने कहा कि आपने सिखाया कि सपनों को सच किया जा सकता है अगर हमारे पास उन्हें हासिल करने का साहस है। आपके क्रिकेट की यात्रा का एक हिस्सा बनना सम्मान की बात है। माही भाई मैने आपसे बहुत कुछ सीखा, आपकी सलाह और मार्गदर्शन ने सिर्फ क्रिकेट में ही नहीं बल्कि मेरे जीवन में भी मदद की। रिटायरमेंट की शुभकामनाएं।
प्रवीण कुमार ने सांझा किए धौनी और रैना के यादगार पल
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व गेंदबाज प्रवीण कुमार ने धौनी और सुरेश रैना के साथ के यादगार पलों को सोशल मीडिया पर सांझा किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर की जिसमें महेंद्र सिंह धौनी, रैना और वह खुद एक बाइक पर बैठे हैं।
पोस्ट में उन्होंने लिखा कि मुझे ज्ञात है कि अपनी पसंदीदा नीली जर्सी को अलविदा कहना बेहद मुश्किल है। उन्होंने कहा कि एक युग का अंत हुआ, लेकिन नंबर सात जर्सी हमेशा मान सम्मान का प्रतीक रहेगी।
आपकी कप्तानी में खेलना मेरे लिए गर्व की बात है। नई पारी के लिए आपका स्वागत है माही भाई। वहीं, सुरेश रैना के लिए उन्होंने कहा कि मेरे बुरे और अच्छे वक्त में मेरा साथ दिया। नई पारी के लिए शुभकामनाएं।
एमएस धौनी के साथ एक युग समाप्त हुआ है। जितने सफल कप्तान रहे हैं, उतना ही बड़ा योगदान उनका देश के लिए रहा। खेल से भी ज्यादा लोग उनके व्यक्तित्व को देखें और नए खिलाड़ी भी उनके व्यक्तित्व से सीखें। सुरेश रैना का सन्यास लेना आश्चर्यजनक है। अभी महीने भर पहले ही मुलाकात हुई थी, तब ऐसा कुछ नहीं लगा था। उत्तर प्रदेश के आभूषणों में से एक हैं रैना। दोनों को ही रिटायरमेंट के बाद के जीवन की शुभकामनाएं। -युद्धवीर सिंह, यूपीसीए सचिव
दोनों खिलाड़ियों की देश को कमी खलेगी। आगे भी किसी न किसी रूप में देश को इनकी सेवाएं मिलती रहें। किसी न किसी रूप में क्रिकेट से जरूर जुड़े रहें और अपने अनुभव का लाभ देते रहें। अग्रिम जीवन की शुभकामनाएं। -संजय रस्तोगी, क्रिकेट कोच
मेरठ: भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सबसे सफलतम कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने बीते शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास की घोषणा कर दी। धौनी ने इंस्टाग्राम पर वीडियो पोस्ट कर इसकी जानकारी दी। वीडियो में उनके कॅरियर की झलकियां फोटो के रूप में दिखाई दीं।
पोस्ट में लिखा कि आप लोागें के प्यार और सहयोग के लिए धन्यावद, शाम 7:29 बजे से मुझे रिटायर समझा जाए। वहीं, धौनी के साथ ही उनके घनिष्ठ और उत्तर प्रदेश के स्टार खिलाड़ी सुरेश रैना ने भी सन्यास की घोषणा सोशल मीडिया के जरिए कर दी।
पिछले 16 वर्षों से चले आ रहे करिश्माई युग का अंत आखिरकार हो ही गया। अपने शांत स्वभाव के कारण कैप्टन कूल कहे जाने वाले महेंद्र सिंह धौनी के सन्यास के बाद से ही उनके फैंस की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
साथ ही मेरठी क्रिकेटरों ने भी अपनी प्रतिक्रयाएं जारी की हैं। तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार और पूर्व क्रिकेटर प्रवीण कुमार से लेकर अंडर-19 कप्तान प्रियम गर्ग ने भी धौनी के रिटायरमेंट पर अपनी भावनाएं व्यक्त की।
बता दें कि भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने अपना आखिरी मुकाबला पिछले वर्ष इंग्लैंड में हुए आईसीसी विश्व कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था।
इस सेमीफाइनल मुकाबले में मिली हार के बाद से ही उन्होंने क्रिकेट से दूरी बनाई हुई थी। हालांकि आईपीएल में अभी उनका खेल प्रशंसकों को देखने मिलेगा। इससे पूर्व ही उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया।
वहीं, धौनी के जिग्री और उत्तर प्रदेश के स्टार खिलाड़ी सुरेश रैना ने भी माही के साथ अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास ले लिया।
खेल के बाहर भी काम आया मार्गदर्शन: भुवी
भारतीय तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने कहा कि आपने सिखाया कि सपनों को सच किया जा सकता है अगर हमारे पास उन्हें हासिल करने का साहस है। आपके क्रिकेट की यात्रा का एक हिस्सा बनना सम्मान की बात है। माही भाई मैने आपसे बहुत कुछ सीखा, आपकी सलाह और मार्गदर्शन ने सिर्फ क्रिकेट में ही नहीं बल्कि मेरे जीवन में भी मदद की। रिटायरमेंट की शुभकामनाएं।
प्रवीण कुमार ने सांझा किए धौनी और रैना के यादगार पल
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व गेंदबाज प्रवीण कुमार ने धौनी और सुरेश रैना के साथ के यादगार पलों को सोशल मीडिया पर सांझा किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर की जिसमें महेंद्र सिंह धौनी, रैना और वह खुद एक बाइक पर बैठे हैं।
पोस्ट में उन्होंने लिखा कि मुझे ज्ञात है कि अपनी पसंदीदा नीली जर्सी को अलविदा कहना बेहद मुश्किल है। उन्होंने कहा कि एक युग का अंत हुआ, लेकिन नंबर सात जर्सी हमेशा मान सम्मान का प्रतीक रहेगी।
आपकी कप्तानी में खेलना मेरे लिए गर्व की बात है। नई पारी के लिए आपका स्वागत है माही भाई। वहीं, सुरेश रैना के लिए उन्होंने कहा कि मेरे बुरे और अच्छे वक्त में मेरा साथ दिया। नई पारी के लिए शुभकामनाएं।
एमएस धौनी के साथ एक युग समाप्त हुआ है। जितने सफल कप्तान रहे हैं, उतना ही बड़ा योगदान उनका देश के लिए रहा। खेल से भी ज्यादा लोग उनके व्यक्तित्व को देखें और नए खिलाड़ी भी उनके व्यक्तित्व से सीखें। सुरेश रैना का सन्यास लेना आश्चर्यजनक है। अभी महीने भर पहले ही मुलाकात हुई थी, तब ऐसा कुछ नहीं लगा था। उत्तर प्रदेश के आभूषणों में से एक हैं रैना। दोनों को ही रिटायरमेंट के बाद के जीवन की शुभकामनाएं। -युद्धवीर सिंह, यूपीसीए सचिव
दोनों खिलाड़ियों की देश को कमी खलेगी। आगे भी किसी न किसी रूप में देश को इनकी सेवाएं मिलती रहें। किसी न किसी रूप में क्रिकेट से जरूर जुड़े रहें और अपने अनुभव का लाभ देते रहें। अग्रिम जीवन की शुभकामनाएं। -संजय रस्तोगी, क्रिकेट कोच
नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। यूपी पुलिस में अगले दो साल में एक लाख पुलिस जवान भर्ती करेंगे। यह घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को काशी के लालपुर स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल (टीएफसी) हुई भाजयुमो की प्रदेश स्तरीय कार्यशाला में की। वह भाजयुमो के कार्यकर्ताओ को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भर्ती में पूर्व की सरकारों की तरह कोई भेदभाव नहीं होगा। हमारी नीति जीरो टालरेंस की है उसी के साथ काम होगा। उन्होंने कहा कि सपा-कांग्रेस ने स्वार्थ की राजनीति की है और सामाजिक ताने बाने को नष्ट करने का काम किया है। इन तथाकथित धर्मनिरपेक्ष लोगों से बचकर रहना है।
इन्होंने वर्षों तक देश पर राज किया मगर देश के लिए कुछ काम नहीं किया। इनकी और भाजपा की राजनीति में बस यही फर्क है कि विपक्षी दल देश की कीमत पर राजनीति करते हैं और हम देश के लिए काम करते हैं।
सीएम योगी ने कहा कि 2017 में जब भाजपा उप्र में सत्ता में आई तो जनसंख्या में तो हम देश में नंबर एक पर थे मगर अर्थव्यवस्था के मामले में नंबर सात पर थे और आज हम देश में अर्थव्यवस्था पर दूसरे नंबर पर हैं।
आज देश-विदेश के बड़े निवेशक यूपी में आना चाहते हैं। 2023 में जब प्रदेश सरकार ने इंवेस्टर समिट किया तो 40 लाख करोड़ रूपये निवेश के प्रस्ताव मिले, इससे करीब डेढ़ करोड़ नौजवानों को नौकरी मिली।
पहले यही नौजवान मुंबई और विदेश जाता था। सीएम ने कहा कि आज निवेश आ रहा है क्योंकि हम व्यापारियों को उप्र के प्रत्येक व्यक्ति को सुरक्षा दे रहे हैं। वहीं 2017 से पहले इसी उप्र की पहचान का संकट था। कोई भी बाहरी व्यक्ति यहां आना नहीं चाहता था। बेटियां सुरक्षित नहीं थी, व्यापारियों का व्यापार चौपट था।
सड़क से लेकर बिजली तक देने में जिलों में भेदभाव किया जाता था। आज बिना भेदभाव के हर जिले को बिजली मिल रही और हर जनपद में सड़कें बन रही हैं। सरकार ने व्यापारी को 10 लाख रुपये का सुरक्षा बीमा कवर भी दिया और सुरक्षा का बंदोबस्त भी किया। हमने बेटियों की सुरक्षा को प्राथमिकता में रखा।
कांग्रेस शासन में नहीं मिला बाबा साहब को भारत रत्न क्योंकि एक ही परिवार का था अधिकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस शासन मैं बाबा साहब भीमराव आंबेडकर को भारत रत्न नहीं मिला। क्योंकि उस समय तक भारत रत्न पर भी एक ही परिवार का अधिकार रहता था। इन सरकारों ने बाबा साहब के अलावा सरदार वल्लभ भाई पटेल का भी अपमान किया था।
इन महापुरुषों को भारत रत्न न मिले, इसके लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया। कारण, यह देश की कीमत पर राजनीति करने वाली पार्टियां हैं। हम देश के लिए राजनीति करते हैं।